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जैसी तेरी तोमरी वैसे मेरे गीत, अर्थ, प्रयोग (Jaisi teri tomri waise mere geet)

“जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत” यह एक प्रचलित हिंदी कहावत है। इस कहावत का अर्थ है कि जैसा व्यवहार आप दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही व्यवहार आपको भी वापस मिलता है। इस कहावत का उपयोग सामाजिक व्यवहार और नैतिकता के संदर्भ में किया जाता है।

परिचय: “जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है। यह मुहावरा व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों में पारस्परिकता के महत्व को दर्शाता है।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि आप जिस प्रकार का व्यवहार दूसरों के साथ करते हैं, उसी प्रकार का व्यवहार आपको भी वापस मिलता है। यह एक प्रकार का नैतिक सिद्धांत है जो यह बताता है कि अच्छाई और बुराई का फल व्यक्ति को इसी जीवन में मिलता है।

उपयोग: यह कहावत अक्सर तब इस्तेमाल की जाती है जब कोई व्यक्ति दूसरों के साथ अच्छा या बुरा व्यवहार करता है। इसे लोग समझाने के लिए उपयोग करते हैं कि हर व्यक्ति को वैसा ही व्यवहार मिलता है, जैसा वह दूसरों के साथ करता है।

उदाहरण:

-> यदि कोई व्यक्ति अपने मित्रों के साथ हमेशा मददगार और सहयोगी रहता है, तो संकट के समय में उसे भी उसी प्रकार की सहायता और समर्थन मिलता है। इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति दूसरों के साथ कठोर या नकारात्मक व्यवहार करता है, तो वह भी भविष्य में उसी प्रकार के व्यवहार का सामना कर सकता है।

समापन: इस कहावत से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा दूसरों के साथ सकारात्मक और सहयोगी व्यवहार करना चाहिए। यह हमें यह भी सिखाता है कि हमारे अपने कर्म ही हमारे भविष्य को आकार देते हैं। इसलिए, हमें हमेशा दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, जैसा हम चाहते हैं कि दूसरे हमारे साथ करें।

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जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में दो पड़ोसी रहते थे – सुभाष और सुधीर। सुभाष एक दयालु और मददगार इंसान था, जबकि सुधीर स्वार्थी और कठोर स्वभाव का था। सुभाष हमेशा गांववालों की सहायता करता, चाहे वह खेती में मदद हो या बीमार की देखभाल। दूसरी ओर, सुधीर हमेशा अपने काम में व्यस्त रहता और किसी की मदद नहीं करता।

एक दिन, सुभाष के खेत में आग लग गई। यह देखकर गांववाले तुरंत उसकी मदद को आए और आग बुझाने में उसकी मदद की। सुभाष को बहुत धन्यवाद महसूस हुआ और वह गांववालों का आभारी रहा।

कुछ समय बाद, सुधीर के घर में भी आग लग गई। लेकिन, जब उसने मदद के लिए पुकारा, तो कोई भी नहीं आया। सभी गांववाले उसके स्वार्थी स्वभाव से परिचित थे और उसकी मदद करने में हिचकिचाहट महसूस करते थे। अंत में, सुधीर को अकेले ही अपनी समस्या का सामना करना पड़ा।

इस घटना से सुधीर को एक महत्वपूर्ण सबक मिला। उसने समझा कि “जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत” यानी जिस तरह का व्यवहार आप दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही व्यवहार आपको भी मिलता है। इसके बाद, सुधीर ने अपने व्यवहार में परिवर्तन किया और अधिक सहायक और दयालु बनने का प्रयास किया। धीरे-धीरे, गांववालों ने भी उसके प्रति अपना नजरिया बदला और उसके साथ अच्छे व्यवहार करने लगे।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा दूसरों के साथ सकारात्मक और सहयोगी व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि अंततः हमें वैसा ही व्यवहार वापस मिलता है।

शायरी:

जैसे तेरे दिल में चाहत हो, मेरे दिल में वैसी बातें हैं,

जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत और सौगातें हैं।

तेरी मोहब्बत के जवाब में, मेरा दिल भी गीत गाता है,

जिंदगी के सफर में, हर कदम पर ये बात याद आती है।

तू जो बोएगा वही तू काटेगा, ये दुनिया की रीत है,

जैसी तेरी करनी, वैसी भरनी, यही तो ज़िन्दगी की जीत है।

रिश्तों में बोये जाओ प्यार, ताकि मिले मोहब्बत की फसलें,

जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत, यही तो है दिलों की रसलें।

इंसानियत की इस डगर पर, यही सबक सिखाती है ज़िंदगी,

जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत, यही बात बताती है ज़िंदगी।

 

जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जैसी तेरी तोमरी वैसे मेरे गीत – Jaisi teri tomri waise mere geet Proverb:

“Jaisi teri tomri waise mere geet” is a prevalent Hindi proverb. It means the way you behave with others is how you will be treated in return. This proverb is often used in the context of social behavior and ethics.

Introduction: “जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत” is a popular Hindi proverb that illustrates the importance of reciprocity in personal and social relationships.

Meaning: The proverb means that the kind of behavior you exhibit towards others is the kind of behavior you will receive in return. It is a moral principle suggesting that the consequences of one’s good or bad actions are received in this very life.

Usage: This proverb is often used when someone behaves well or poorly towards others. It is employed to explain that an individual receives the same kind of behavior they extend towards others.

Examples:

-> If a person is always helpful and cooperative with their friends, they will receive the same kind of help and support in times of crisis. Similarly, if a person behaves harshly or negatively with others, they might face the same kind of behavior in the future.

Conclusion: This proverb teaches us that we should always behave positively and cooperatively with others. It also teaches us that our own actions shape our future. Therefore, we should always treat others the way we wish to be treated by them.

Story of Jaisi teri tomri waise mere geet Proverb in English:

Once upon a time, in a small village, there lived two neighbors – Subhash and Sudhir. Subhash was a kind and helpful person, while Sudhir was selfish and harsh in nature. Subhash always assisted the villagers, whether it was in farming or taking care of the sick. On the other hand, Sudhir was always busy with his work and never helped anyone.

One day, a fire broke out in Subhash’s field. Seeing this, the villagers immediately came to his aid and helped extinguish the fire. Subhash felt very grateful and remained thankful to the villagers.

Sometime later, Sudhir’s house also caught fire. However, when he called for help, no one came. All the villagers were familiar with his selfish nature and hesitated to help him. In the end, Sudhir had to face his problem alone.

This incident taught Sudhir an important lesson. He realized the meaning of the proverb “जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत,” which means the way you behave with others is how you will be treated in return. Following this, Sudhir changed his behavior and tried to become more helpful and kind. Gradually, the villagers also changed their attitude towards him and started treating him well.

This story teaches us that we should always behave positively and cooperatively with others, as ultimately, we receive the same kind of treatment in return.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

यह कहावत व्यक्तिगत विकास में कैसे मदद कर सकती है?

व्यक्तिगत विकास में यह कहावत मदद करती है क्योंकि यह हमें दूसरों के प्रति अपने व्यवहार पर विचार करने और उसे सुधारने की सीख देती है।

इस कहावत का शिक्षा क्षेत्र में क्या उपयोग हो सकता है?

शिक्षा क्षेत्र में इस कहावत का उपयोग यह है कि यह शिक्षकों और छात्रों को सिखाती है कि उनका आपसी संबंध और संवाद किस प्रकार उनके शैक्षिक अनुभव को प्रभावित करता है।

इस कहावत का शिक्षा क्षेत्र में क्या उपयोग हो सकता है?

शिक्षा क्षेत्र में इस कहावत का उपयोग यह है कि यह शिक्षकों और छात्रों को सिखाती है कि उनका आपसी संबंध और संवाद किस प्रकार उनके शैक्षिक अनुभव को प्रभावित करता है।

इस कहावत का नैतिक शिक्षा में क्या महत्व है?

नैतिक शिक्षा में इस कहावत का महत्व यह है कि यह हमें सिखाती है कि हमारे कर्म और व्यवहार के परिणाम हमारे जीवन में वापस आते हैं।

इस कहावत का आत्म-सुधार में क्या उपयोग है?

आत्म-सुधार में इस कहावत का उपयोग यह है कि यह हमें सिखाती है कि हमें अपने व्यवहार और कर्मों के प्रति सचेत रहना चाहिए क्योंकि वे हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।

इस कहावत का व्यक्तिगत रिश्तों में क्या प्रभाव हो सकता है?

व्यक्तिगत रिश्तों में इस कहावत का प्रभाव यह हो सकता है कि यह हमें बताती है कि हमारा व्यवहार और दृष्टिकोण हमारे रिश्तों की गुणवत्ता को किस प्रकार प्रभावित करता है।

इस कहावत का समग्र जीवन में क्या प्रभाव है?

समग्र जीवन में इस कहावत का प्रभाव यह है कि यह हमें बताती है कि हमारा हर एक कर्म और व्यवहार हमारे जीवन की दिशा और गुणवत्ता को निर्धारित करता है।

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