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जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार, अर्थ, प्रयोग (Jaise baba aap labaar, Waisa unka kul parivar)

“जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार” यह एक हिंदी कहावत है जिसका अर्थ है कि जैसा व्यक्ति स्वयं होता है, उसका परिवार भी वैसा ही होता है। यह कहावत आमतौर पर उस संदर्भ में इस्तेमाल की जाती है जब किसी परिवार के सदस्यों का व्यवहार उनके मुखिया के व्यवहार से मिलता-जुलता होता है।

परिचय: “जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार” भारतीय समाज में एक प्रचलित मुहावरा है जो परिवार के मुखिया के व्यवहार के प्रभाव को दर्शाता है।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि परिवार के मुखिया के व्यवहार का प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। यदि मुखिया लबार मतलब झूठ बोलता है तो परिवार भी झूठ बोलेगा, यदि मुखिया अच्छे गुणों वाला होता है, तो परिवार भी उसी तरह का आचरण करता है।

उपयोग: यह कहावत तब उपयोग में लाई जाती है जब परिवार के सदस्यों का आचरण उनके मुखिया के आचरण से मेल खाता हो।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक परिवार के मुखिया सामाजिक कार्यों में बहुत सक्रिय होते हैं, तो उनके बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य भी सामाजिक कार्यों में रुचि रखते हैं।

समापन: इस कहावत से हमें यह सीख मिलती है कि परिवार के मुखिया का व्यवहार और आदर्श पूरे परिवार के व्यवहार और आदर्शों को प्रभावित करते हैं। इसलिए, परिवार के मुखिया को अपने व्यवहार और गुणों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वे पूरे परिवार के लिए आदर्श बनते हैं।

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जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार कहावत पर कहानी:

एक छोटे से गांव में विनीत नाम के एक व्यक्ति रहते थे, जो अपने सच्चे और ईमानदार स्वभाव के लिए जाने जाते थे। विनीत के तीन बच्चे भी उनकी इन्हीं खूबियों को अपने अंदर समाए हुए थे। वे सभी गांव में दया, करुणा और मदद के भाव के लिए प्रसिद्ध थे।

विनीत हमेशा अपने बच्चों को नैतिकता और सच्चाई की शिक्षा देते थे। उनका मानना था कि एक अच्छे इंसान का जीवन ही सबसे बड़ी शिक्षा होती है। उनकी इसी सोच ने उनके बच्चों को भी एक सज्जन और उदार व्यक्तित्व का बनाया।

एक दिन गांव में एक बड़ा उत्सव आयोजित हुआ, जहां विनीत और उनके परिवार ने बड़ी उदारता से सभी की मदद की। गांववाले उनके इस व्यवहार से बहुत प्रभावित हुए और उन्हें सम्मानित किया। इस घटना ने गांव के अन्य परिवारों को भी प्रेरित किया और उन्होंने भी विनीत के परिवार के आदर्शों को अपनाने की कोशिश की।

इस कहानी से हमें “जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार” कहावत का अर्थ समझ में आता है। यह बताती है कि परिवार के मुखिया के व्यवहार और आदर्शों का परिवार पर गहरा प्रभाव पड़ता है और इसी से पूरे परिवार का चरित्र और व्यवहार निर्धारित होता है।

शायरी:

जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार,

जिसकी जड़ में हो उजाला, उसका हर पत्ता निखार।

बाबा के गुणों की गाथा, घर-घर में गूँजे प्यार,

जिनके चरणों में बसती हो नेकी, उनका हर दिन त्योहार।

परिवार की यही कहानी, जैसे सागर की लहर,

बाबा की छाया में पलता, हर बच्चा होता गहर।

जिनके दिल में होता है सच्चाई का बसेरा,

उनके घर में होती है खुशियों का सवेरा।

जैसे सूरज से फैलती उजालों की धार,

वैसे ही बाबा के चरित्र से, बढ़ता परिवार।

इस कहावत की यही सीख, बनाती जीवन को संवार,

‘जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार।’

 

जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार – Jaise baba aap labaar, Waisa unka kul parivar Proverb:

“Jaise baba aap labaar, Waisa unka kul parivar” is a Hindi proverb which means that the family follows the behavior of the head of the family. This proverb is usually used in contexts where the behavior of the family members is similar to that of the family head.

Introduction: “जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार” is a prevalent proverb in Indian society that illustrates the influence of the family head’s behavior on the entire family.

Meaning: The proverb means that the behavior of the family head greatly influences the entire family. If the head of the family is deceitful (labar), then the family will also tend to lie. Conversely, if the head possesses good qualities, the family will exhibit similar behavior.

Usage: This proverb is used when the conduct of family members aligns with that of the family head.

Examples:

-> Suppose the head of a family is very active in social work; then the children and other family members are also likely to take an interest in social work.

Conclusion: This proverb teaches us that the behavior and ideals of the family head significantly influence the entire family’s behavior and values. Therefore, the family head should pay attention to their behavior and qualities, as they set an example for the entire family.

Story of Jaise baba aap labaar, Waisa unka kul parivar Proverb in English:


In a small village, there lived a man named Vineet, known for his truthful and honest nature. Vineet’s three children also embodied these same qualities. They were all famous in the village for their compassion, kindness, and helpfulness.

Vineet always taught his children about morality and truthfulness. He believed that the life of a good person is the greatest education. This belief shaped his children into generous and noble individuals.

One day, a grand festival was organized in the village, where Vineet and his family helped everyone generously. The villagers were greatly impressed by their behavior and honored them. This incident also inspired the other families in the village, and they tried to adopt the ideals of Vineet’s family.

This story helps us understand the meaning of the proverb “जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार.” It illustrates that the behavior and ideals of the family head significantly influence the entire family, shaping the character and conduct of all its members.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का उपयोग किन परिस्थितियों में किया जा सकता है?

इस कहावत का उपयोग तब किया जा सकता है जब परिवार के सदस्यों के व्यवहार या गुण परिवार के मुखिया से मिलते-जुलते हों।

क्या इस कहावत का कोई नकारात्मक पक्ष भी हो सकता है?

हां, इस कहावत का नकारात्मक पक्ष यह हो सकता है कि यह एक सामान्यीकरण करती है और व्यक्तिगत विशेषताओं को नजरअंदाज करती है।

क्या इस कहावत को बच्चों को सिखाया जा सकता है?

हां, इस कहावत को बच्चों को सिखाया जा सकता है ताकि वे पारिवारिक आचरण और प्रभाव को समझ सकें।

इस कहावत का मानव स्वभाव के अध्ययन में क्या महत्व है?

इस कहावत का मानव स्वभाव के अध्ययन में महत्व यह है कि यह पारिवारिक प्रभाव और अनुकरण की प्रक्रिया को दर्शाती है।

इस कहावत का समाजशास्त्र में क्या स्थान है?

इस कहावत का समाजशास्त्र में स्थान यह है कि यह पारिवारिक संरचना और सामाजिक प्रभाव को समझने में मदद करती है।

क्या इस कहावत का उपयोग केवल पारिवारिक संदर्भ में ही किया जा सकता है?

ज्यादातर यह कहावत पारिवारिक संदर्भ में ही उपयोग की जाती है, लेकिन इसे सामाजिक और पेशेवर समूहों पर भी लागू किया जा सकता है जहां नेतृत्व का प्रभाव महत्वपूर्ण होता है।

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