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जैसा मुँह वैसा तमाचा, अर्थ, प्रयोग(Jaisa munh waisa tamacha)

“जैसा मुँह वैसा तमाचा” यह हिंदी कहावत व्यक्ति के व्यवहार और उसके प्रतिफल के संबंध को दर्शाती है।

परिचय: इस कहावत का प्रयोग भारतीय समाज में आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी के व्यवहार या शैली के अनुरूप ही उसे प्रतिक्रिया मिलती है। ‘मुँह’ यहाँ व्यक्ति के रवैये या बोलचाल की शैली को दर्शाता है, और ‘तमाचा’ प्रतिक्रिया या परिणाम को।

अर्थ: कहावत का अर्थ है कि जैसा व्यवहार या बातचीत का तरीका व्यक्ति का होता है, उसी अनुसार उसे प्रतिक्रिया मिलती है। इसमें यह भी सम्मिलित है कि किसी के आक्रामक या असभ्य व्यवहार का जवाब भी उसी तरह से दिया जाता है।

उपयोग: इस कहावत का प्रयोग तब होता है जब किसी को यह समझाना होता है कि उनके अपने व्यवहार का परिणाम उन्हें वापस मिलेगा।

उदाहरण:

-> उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति अपने सहकर्मी से रूखे और असभ्य तरीके से बात करता है, तो संभावना है कि उसे भी उसी तरह की प्रतिक्रिया मिलेगी।

समापन: “जैसा मुँह वैसा तमाचा” कहावत हमें सिखाती है कि हमारे व्यवहार और बातचीत की शैली का प्रत्यक्ष प्रभाव हमारे रिश्तों और सामाजिक जीवन पर पड़ता है। यह हमें प्रेरित करती है कि हमें दूसरों के साथ उचित और सम्मानजनक तरीके से व्यवहार करना चाहिए।

जैसा मुँह वैसा तमाचा कहावत पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में अमन नाम का एक युवक रहता था। अमन को अक्सर लोगों से रूखे और कठोर शब्दों में बात करने की आदत थी। वह अपने मित्रों, परिवार और पड़ोसियों से भी इसी तरह से व्यवहार करता था।

एक दिन, गाँव में एक बड़ा समारोह था और अमन ने सोचा कि वह वहाँ जाकर सबसे मिलेगा। जब वह समारोह में पहुंचा, तो उसने अपनी आदत के अनुसार लोगों से रूखे तरीके से बात करनी शुरू कर दी। उसके इस व्यवहार से लोग नाराज हो गए और उन्होंने भी अमन के प्रति वैसा ही रवैया अपनाया।

जब अमन ने देखा कि उसके अपने दोस्त और परिचित भी उससे कठोरता से पेश आ रहे हैं, तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उसे समझ में आया कि “जैसा मुँह वैसा तमाचा”। उसने महसूस किया कि उसके अपने व्यवहार के कारण ही लोग भी उसके साथ वैसा ही व्यवहार कर रहे हैं।

इस घटना के बाद अमन ने अपने व्यवहार में सुधार किया और लोगों से अधिक सम्मान और मित्रता के साथ पेश आने लगा। धीरे-धीरे लोग भी उसके प्रति अच्छे व्यवहार करने लगे।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमारे अपने व्यवहार का परिणाम हमें वापस मिलता है और हमें दूसरों के साथ सम्मान और मित्रता के साथ व्यवहार करना चाहिए।

शायरी:

जैसा मुँह वैसा तमाचा, यही है जीवन का सच्चा,

जो बोएगा वो ही काटेगा, यही है दुनिया का नियम अच्छा।

बोलो जो शब्द मिठास से, मिलेगा जवाब प्यार से,

जो बात करोगे कड़वास से, वापसी होगी बिना आबरू के।

हर शब्द का असर होता, हर बात का मोल होता,

जैसे तुम बोलो दूसरों से, वैसा ही उत्तर तुम्हें तोला।

जीवन यह आइना है, जो दिखाए तुम्हारा चेहरा,

जैसा तुम करो व्यवहार, वैसा ही मिले तुम्हें सहारा।

 

जैसा मुँह वैसा तमाचा शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जैसा मुँह वैसा तमाचा – Jaisa munh waisa tamacha Proverb:

The Hindi proverb “Jaisa munh waisa tamacha” illustrates the relationship between a person’s behavior and its consequences.

Introduction: This proverb is commonly used in Indian society to denote that the response one receives is directly proportional to their behavior or manner of speaking. ‘मुँह’ here represents a person’s attitude or style of communication, while ‘तमाचा’ refers to the reaction or consequence.

Meaning: The proverb means that the kind of behavior or way of speaking one exhibits determines the kind of response they receive. It includes the notion that aggressive or rude behavior is likely to be met with a similar kind of response.

Usage: This proverb is used when it is necessary to explain to someone that their behavior will have corresponding consequences.

Examples:

-> For instance, if a person speaks to their colleague in a rude and disrespectful manner, it is likely that they will receive a similar response.

Conclusion: “जैसा मुँह वैसा तमाचा” teaches us that our behavior and way of communicating directly impact our relationships and social life. It encourages us to behave in a proper and respectful manner towards others.

Story of Jaisa munh waisa tamacha Proverb in English:

In a small village lived a young man named Aman. Aman often had a habit of speaking to people in a harsh and stern manner. He behaved this way with his friends, family, and neighbors too.

One day, there was a big celebration in the village, and Aman thought to meet everyone there. When he arrived at the celebration, he started speaking to people in his usual harsh manner. His behavior annoyed the people, and they started to respond to Aman in a similar way.

When Aman noticed that even his friends and acquaintances were treating him harshly, he realized his mistake. He understood the proverb “जैसा मुँह वैसा तमाचा” – As is the face, so is the slap. He realized that it was his own behavior that led others to treat him the same way.

After this incident, Aman improved his behavior and started treating people with more respect and friendliness. Gradually, people also started to behave nicely with him.

This story teaches us that the consequences of our behavior are reflected back to us, and we should treat others with respect and friendliness.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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