Budhimaan

Home » Kahavaten » जैसा देश वैसा वेश, अर्थ, प्रयोग (Jaisa Desh Waisa Vesh)

जैसा देश वैसा वेश, अर्थ, प्रयोग (Jaisa Desh Waisa Vesh)

“जैसा देश वैसा वेश” यह हिंदी कहावत सांस्कृतिक अनुकूलन की महत्वपूर्णता को दर्शाती है।

परिचय: यह कहावत भारतीय समाज में लोकप्रिय है और इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब एक व्यक्ति एक अलग सांस्कृतिक सेटिंग में प्रवेश करता है। ‘देश’ यहाँ पर एक भौगोलिक या सांस्कृतिक क्षेत्र को दर्शाता है, जबकि ‘वेश’ उस क्षेत्र के पहनावे और रीति-रिवाजों को।

अर्थ: कहावत का अर्थ है कि जिस देश या संस्कृति में आप होते हैं, उसके अनुरूप ही आपको अपना पहनावा और व्यवहार ढालना चाहिए। यह सांस्कृतिक समर्थन और अनुकूलन की बात कहती है।

उपयोग: यह कहावत तब प्रयोग में लाई जाती है जब किसी को नई सांस्कृतिक परिस्थितियों में समायोजित होने की सलाह दी जाती है।

उदाहरण:

-> उदाहरण के लिए, यदि कोई भारतीय जापान जाता है, तो उसे वहाँ के रीति-रिवाजों का सम्मान करते हुए उनके अनुसार व्यवहार करना चाहिए।

समापन: “जैसा देश वैसा वेश” कहावत हमें यह सिखाती है कि जब हम किसी नए देश या संस्कृति में जाते हैं, तो हमें उस संस्कृति के अनुरूप अपने आप को ढालना चाहिए। यह हमें सांस्कृतिक सम्मान और समायोजन का महत्व सिखाती है।

Hindi Muhavare Quiz

जैसा देश वैसा वेश कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, नियांत नाम का एक युवक था जो अपने गाँव से निकलकर विदेश जाने का सपना देखता था। एक दिन, उसका सपना सच हुआ और वह पढ़ाई के लिए जापान पहुँचा।

जापान पहुँचकर नियांत ने देखा कि वहाँ की संस्कृति और पहनावा उसके गाँव से काफी अलग था। शुरुआत में नियांत को अनुकूलन में थोड़ी मुश्किल हुई, लेकिन फिर उसने याद किया कि “जैसा देश वैसा वेश”। इसलिए उसने जापानी संस्कृति को समझने की कोशिश की और वहाँ के रीति-रिवाजों का सम्मान करने लगा।

नियांत ने जापानी भाषा सीखी, उनके पारंपरिक वस्त्र पहनने शुरू किए और उनके त्योहारों में भाग लेने लगा। इससे न केवल उसका समायोजन आसान हुआ, बल्कि वहाँ के लोग भी उसे अपने समाज का हिस्सा मानने लगे।

इस अनुभव ने नियांत को सिखाया कि जब भी हम किसी नए देश या संस्कृति में जाते हैं, तो हमें उस जगह के अनुसार खुद को ढालना चाहिए। “जैसा देश वैसा वेश” कहावत ने उसे यह सिखाया कि संस्कृति के प्रति सम्मान और अनुकूलन ही सच्ची समझदारी है।

शायरी:

जैसा देश वैसा वेश, यही है जीवन का संदेश,

जहाँ भी जाओ, उस देश का करो अपने आप को शेष।

नई संस्कृति का आगाज़, नए वेश में मिलता राज़,

दुनिया भर की यात्रा में, यही है सबसे बड़ा साज़।

हर देश का रंग है अनोखा, उसमें ढलना है बड़ा शौक,

जिस धरती पर पाँव रखें, उसके रंग में रंग जाना चोक।

जैसी भूमि, वैसी भाषा, वैसा उसका हर तमाशा,

जीवन का यही तो मजा, संस्कृति का हर रंग नया।

दुनिया एक खुला दरवाज़ा, हर देश की अपनी बाज़ा,

‘जैसा देश वैसा वेश’, इसमें बसता है जीवन का राज़ा।

 

जैसा देश वैसा वेश शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of जैसा देश वैसा वेश – Jaisa Desh Waisa Vesh Proverb:

The Hindi proverb “Jaisa Desh Waisa Vesh” highlights the importance of cultural adaptation.

Introduction: This proverb is popular in Indian society and is used when a person enters a different cultural setting. ‘देश’ here refers to a geographical or cultural region, while ‘वेश’ represents the attire and customs of that region.

Meaning: The proverb means that one should adapt their attire and behavior according to the country or culture they are in. It speaks of cultural support and adaptation.

Usage: This proverb is used when advising someone to adjust to new cultural circumstances.

Examples:

-> For instance, if an Indian goes to Japan, they should respect and behave according to Japanese customs and traditions.

Conclusion: “जैसा देश वैसा वेश” teaches us that when we visit a new country or culture, we should mold ourselves according to that culture. It teaches us the importance of cultural respect and adaptation.

Story of Jaisa Desh Waisa Vesh Proverb in English:

Once upon a time, there was a young man named Niyanth who dreamed of leaving his village to go abroad. One day, his dream came true, and he arrived in Japan for his studies.

Upon arriving in Japan, Niyanth noticed that the culture and attire were quite different from his village. Initially, he found it difficult to adapt, but then he remembered the proverb “जैसा देश वैसा वेश” (When in Rome, do as the Romans do). Therefore, he began to understand and respect Japanese culture.

Niyanth learned the Japanese language, started wearing their traditional clothes, and participated in their festivals. Not only did this make his adaptation easier, but the local people also started to consider him as part of their society.

This experience taught Niyanth that whenever we go to a new country or culture, we should mold ourselves according to that place. The proverb “जैसा देश वैसा वेश” taught him that respect and adaptation to the culture is true wisdom.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत में ‘वेश’ शब्द का क्या तात्पर्य है?

‘वेश’ शब्द का तात्पर्य यहाँ पर व्यक्ति के पहनावे, व्यवहार, और आचरण से है।

इस कहावत का यात्रा और पर्यटन पर क्या प्रभाव है?

यात्रा और पर्यटन में, इस कहावत का महत्व यह है कि यह यात्रियों को जिस देश में वे जा रहे हैं, उसके सांस्कृतिक नॉर्म्स का सम्मान करने और उनके अनुसार खुद को ढालने की सीख देती है।

क्या इस कहावत का समाजशास्त्रीय महत्व है?

हां, समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से इस कहावत का महत्व है क्योंकि यह सामाजिक अनुकूलन और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को दर्शाती है।

क्या इस कहावत को बच्चों को सिखाना चाहिए?

हां, बच्चों को इस कहावत को सिखाना चाहिए क्योंकि यह उन्हें सांस्कृतिक विविधता और समाज में अनुकूलन की महत्वपूर्ण सीख प्रदान करती है।

इस कहावत का मनोविज्ञान में क्या महत्व है?

मनोविज्ञान में इस कहावत का महत्व यह है कि यह व्यक्ति की अनुकूलन क्षमता और सामाजिक संवेदनशीलता के महत्व को दर्शाती है।

इस कहावत का नैतिक शिक्षा में क्या महत्व है?

नैतिक शिक्षा में इस कहावत का महत्व यह है कि यह सम्मान, सहिष्णुता और विभिन्नता को स्वीकार करने की सीख देती है।

क्या यह कहावत व्यक्तिगत विकास में भी मदद कर सकती है?

हां, यह कहावत व्यक्तिगत विकास में भी मदद कर सकती है, क्योंकि यह व्यक्ति को नई संस्कृतियों और परिवेशों के प्रति खुले दिमाग और अनुकूलनशील होने की सीख देती है।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।