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इहां न लागहि राउरि माया, अर्थ, प्रयोग (Ihan na lagahi rauri maya)

परिचय: “इहां न लागहि राउरि माया” एक लोकप्रिय हिंदी कहावत है, जो एक ऐसे वातावरण या स्थिति की ओर इशारा करती है जहां धोखाधड़ी या छल-कपट का कोई स्थान नहीं होता।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि ऐसी जगह जहां इमानदारी और सच्चाई का बोलबाला हो, वहां धोखाधड़ी या छल के प्रयास निष्फल होते हैं।

उपयोग: यह कहावत तब प्रयोग की जाती है जब किसी स्थान या समुदाय में सच्चाई और ईमानदारी की मजबूत परंपरा होती है और वहां धोखाधड़ी के लिए कोई जगह नहीं होती।

उदाहरण:

-> मान लीजिए, एक कंपनी में एक नया कर्मचारी अपनी योग्यता से अधिक तारीफ पाने के लिए झूठे दावे कर रहा था। लेकिन कंपनी के अन्य कर्मचारियों की ईमानदारी और पारदर्शिता के कारण, उसकी असलियत सामने आ गई। इस पर उसके सहकर्मी ने कहा, “इहां न लागहि राउरि माया।”

समापन: “इहां न लागहि राउरि माया” कहावत हमें यह सिखाती है कि जहां सच्चाई और ईमानदारी की संस्कृति होती है, वहां धोखाधड़ी और छल के लिए कोई जगह नहीं होती। यह हमें सिखाती है कि सच्चाई का मार्ग ही सबसे उत्तम है और यही हमें सफलता और सम्मान की ओर ले जाता है।

इस पोस्ट में, इस कहावत के अर्थ और उसके प्रयोग को ईमानदारी और सत्य के महत्व के संदर्भ में बताया गया है, जो हमें धोखाधड़ी से मुक्त रहने का महत्व सिखाता है।

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इहां न लागहि राउरि माया कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव धर्मपुर में एक व्यापारी आया। उसका नाम था विनीत। विनीत ने गाँव में आकर बड़े-बड़े वादे किए और लोगों को बताया कि वह उन्हें अमीर बना देगा। उसने कहा कि उसके पास एक ऐसी योजना है जिसमें गाँव वाले थोड़ा पैसा लगाकर दोगुना कमा सकते हैं।

गाँव के लोग सीधे-सादे थे और उन्होंने विनीत की बातों में आकर अपनी मेहनत की कमाई उसे दे दी। लेकिन जब कुछ समय बीत गया और विनीत गायब हो गया, तब लोगों को समझ आया कि वे धोखे में आ गए थे।

इस बीच, गाँव के एक बुजुर्ग, जिनका नाम था रामदास, ने लोगों को समझाया। उन्होंने कहा, “बच्चों, धर्मपुर में ‘इहां न लागहि राउरि माया’। हमारे गाँव में हमेशा से ईमानदारी और सच्चाई की परंपरा रही है, इसलिए झूठ और धोखाधड़ी यहां टिक नहीं सकती।”

रामदास की बातें सुनकर गाँव वालों को समझ आया कि उन्हें भविष्य में ऐसे झांसे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने फिर से अपने पुराने तरीके से काम करना शुरू किया, जहां सच्चाई और ईमानदारी ही सबसे बड़ी शक्ति थी।

निष्कर्ष:
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि “इहां न लागहि राउरि माया” का अर्थ है कि जहां सच्चाई और ईमानदारी का बोलबाला हो, वहां झूठ और धोखाधड़ी का कोई स्थान नहीं होता। यह हमें सिखाता है कि हमें हमेशा सच्चाई और ईमानदारी के पथ पर चलना चाहिए।

शायरी:

झूठी बातों की यहां कोई जगह नहीं,

“इहां न लागहि राउरि माया” कहते हैं सब यहीं।

धोखे की दुनिया से दूर, यहां सच की रोशनी है,

जहां ईमानदारी का झंडा, वहां छल की खामोशी है।

जो आया झूठे वादे लेकर, उसे जल्दी ही समझ आ जाएगा,

“इहां न लागहि राउरि माया”, यही सबक सिखाएगा।

ईमानदारी की इस धरती पर, झूठे नहीं टिक पाते,

यहां दिलों में सच्चाई के दीपक हमेशा जल जाते।

इस गाँव की यही पहचान, यही इसका आदर्श है,

“इहां न लागहि राउरि माया”, यहां सच का दर्शन है।

 

इहां न लागहि राउरि माया शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of इहां न लागहि राउरि माया – Ihan n lagahi rauri maya Proverb:

Introduction: “इहां न लागहि राउरि माया” is a popular Hindi proverb that points to an environment or situation where deceit or trickery has no place.

Meaning: The proverb means that in places where honesty and truth prevail, attempts at deception or fraud are futile.

Usage: This proverb is used in contexts where a community or place has a strong tradition of truth and honesty, and where deceit has no room.

Examples:

-> For instance, in a company, a new employee was making false claims to gain more recognition than his qualifications warranted. However, due to the honesty and transparency of the other employees, his true nature was quickly revealed. A colleague then remarked, “इहां न लागहि राउरि माया.”

Conclusion: The proverb “इहां न लागहि राउरि माया” teaches us that in a culture where truth and honesty are prevalent, there is no room for deceit and trickery. It tells us that the path of truth is the most virtuous and leads to success and respect. This post explains the meaning and application of the proverb in the context of the importance of honesty and truth, teaching us the value of being free from deception.

Story of Ihan n lagahi rauri maya Proverb in English:

Once upon a time, in a small village named Dharampur, there came a trader named Vineet. Vineet made grand promises to the villagers, claiming that he could make them rich. He said he had a plan where the villagers could invest a little money and double their earnings.

The people of the village were simple and trusting, and they gave Vineet their hard-earned money, believing in his words. However, as time passed and Vineet disappeared, the villagers realized they had been deceived.

Meanwhile, an elder of the village, Ramdas, explained to the people. He said, “Children, in Dharampur, ‘इहां न लागहि राउरि माया.’ Our village has always followed the tradition of honesty and truth, hence lies and deceit cannot sustain here.”

Hearing Ramdas’s words, the villagers understood that they should not fall for such deceits in the future. They returned to their old ways of working, where honesty and truth were the greatest strengths.

Conclusion:

This story teaches us that the phrase “इहां न लागहि राउरि माया” means where truth and honesty prevail, lies and deceit have no place. It teaches us that we should always follow the path of truth and honesty.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का मुख्य संदेश क्या है?

इस कहावत का मुख्य संदेश है कि कुछ परिस्थितियों में व्यक्तिगत भावनाएं या आसक्ति का कोई महत्व नहीं होता।

इस कहावत का उपयोग निजी और पेशेवर जीवन में कैसे किया जा सकता है?

निजी और पेशेवर जीवन में, इस कहावत का उपयोग व्यक्तिगत भावनाओं को दरकिनार कर तटस्थ और निष्पक्ष निर्णय लेने के महत्व को समझाने में किया जा सकता है।

क्या इस कहावत से जीवन के प्रति कोई शिक्षा मिलती है?

हाँ, इस कहावत से यह शिक्षा मिलती है कि हमें हर परिस्थिति में वस्तुनिष्ठ रहने की कोशिश करनी चाहिए।

इस कहावत का उपयोग शिक्षा में कैसे किया जा सकता है?

शिक्षा में, इस कहावत का उपयोग छात्रों को निष्पक्षता और वस्तुनिष्ठता के महत्व को समझाने के लिए किया जा सकता है।

व्यक्तिगत जीवन में इस कहावत को कैसे लागू किया जा सकता है?

व्यक्तिगत जीवन में, इस कहावत को लागू करने का अर्थ है कि हमें अपनी व्यक्तिगत भावनाओं को परिस्थितियों की तटस्थता के समक्ष द्वितीयक महत्व देना चाहिए।

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