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इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं, अर्थ, प्रयोग(Ihan kumhad batiya kou nahi, jo tarjani dekhi mari jaahi)

परिचय: “इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं” यह कहावत उन परिस्थितियों को दर्शाती है जब कोई व्यक्ति झूठी आधिपत्य या अधिकार का दिखावा करके दूसरों को डराने का प्रयास करता है।

अर्थ: इस कहावत का सीधा अर्थ है कि किसी को केवल दिखावटी धमकी देखकर डरने की जरूरत नहीं है। अक्सर, डराने वाला व्यक्ति वास्तविक शक्ति या अधिकार से रहित होता है।

उपयोग: यह कहावत तब प्रयोग की जाती है जब कोई अपनी झूठी शक्ति या अधिकार का दावा कर दूसरों को डराने की कोशिश करता है।

उदाहरण:

-> किसी कार्यालय में एक व्यक्ति ने झूठे आधिकारिक तेवर दिखाकर अपने सहकर्मियों को डराने की कोशिश की। लेकिन जब उसके वास्तविक अधिकार की जांच की गई, तो पता चला कि वह वास्तव में उस पद का अधिकारी नहीं था। इस पर एक सहकर्मी ने कहा, “इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं।”

समापन: “इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं” कहावत हमें यह सिखाती है कि दिखावटी शक्ति या आधिपत्य के प्रदर्शन से विचलित न होकर, वास्तविकता की पहचान करना महत्वपूर्ण है। यह हमें सिखाती है कि व्यक्ति के दिखावटी रूप से प्रभावित न होकर उसकी वास्तविक क्षमता और अधिकार को समझना चाहिए।

इस पोस्ट में, इस कहावत के अर्थ और उसके प्रयोग को झूठी आधिपत्य की हुंकार और उसके निराधार होने के संदर्भ में बताया गया है, जो हमें वास्तविकता की पहचान और सत्य को समझने का महत्व सिखाता है।

Hindi Muhavare Quiz

इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक आदमी था, जिसका नाम था अनुज। अनुज अपने आप को बहुत बड़ा और शक्तिशाली दिखाने की कोशिश करता था। वह हमेशा अपने बातों में ऐसी बातें जोड़ देता जिससे लोगों को लगे कि वह बहुत बड़ा अधिकारी है और उसके पास बहुत सारी शक्तियाँ हैं।

एक दिन, गाँव में एक समस्या आई। गाँव का एकमात्र पुल टूट गया था, और लोगों का आवागमन रुक गया था। अनुज ने इस मौके का फायदा उठाने की सोची और बोला, “मैं इस पुल को दो दिन में ठीक करवा दूंगा। मेरे पास बहुत बड़े-बड़े अधिकारियों का संपर्क है।”

लेकिन जब दो दिन बीत गए, तो पुल का कुछ भी नहीं हुआ। गाँववाले अनुज के पास पहुँचे और पूछा कि पुल का क्या हुआ। अनुज ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। तब गाँव के एक बुजुर्ग ने कहा, “इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं। अनुज ने जो दावे किए थे, वे सब झूठे थे।”

इस घटना के बाद, गाँववालों ने अनुज की बातों पर विश्वास करना बंद कर दिया और सीखा कि दिखावटी दावों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

निष्कर्ष:
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि “इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं” का अर्थ है कि झूठी आधिपत्य दिखाने वाले लोगों के दावे अक्सर खोखले होते हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए और उनकी बातों पर आँख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए।

शायरी:

झूठी शान में डूबे लोग, दिखावे की बातें करते हैं,

“इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं”, ये हकीकत को झुठलाते हैं।

दिखावे की दुनिया में, जहां सच की जगह नहीं,

जो तर्जनि देखत मरि जाहीं, वहाँ हर कदम पर फरेब ही।

बड़े-बड़े दावे करने वाले, अंत में खुद ही खो जाते हैं,

इनके झूठे वादों की, कहानियाँ गलियों में गूंज जाती हैं।

जिनकी बातों में असलियत नहीं, वे कितना भी शोर मचाएं,

“इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं”, इनकी झूठी दुनिया से दूर ही रहें।

दिखावे की दुनिया से दूर, जहां सच्चाई की कद्र होती है,

वहीं सच्ची जिंदगी फलती-फूलती, जहां हर कदम पर सच की बात होती है।

 

इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं – Ihan kumhad batiya kou nahi, jo tarjani dekhi mari jaahi Proverb:

Introduction: The proverb “Ihan kumhad batiya kou nahi, jo tarjani dekhi mari jaahi” illustrates situations where someone tries to scare others by showing false authority or power.

Meaning: The direct meaning of this proverb is that there is no need to fear merely from a pretentious threat. Often, the person trying to intimidate lacks real power or authority.

Usage: This proverb is used when someone claims false power or authority in an attempt to intimidate others.

Examples:

-> In an office, a person tried to scare his colleagues by showing false authoritative demeanor. However, when his actual authority was investigated, it was found that he was not really in a position of power. A colleague commented, “Ihan kumhad batiya kou nahi, jo tarjani dekhi mari jaahi.”

Conclusion: The proverb “Ihan kumhad batiya kou nahi, jo tarjani dekhi mari jaahi” teaches us the importance of not being disturbed by the display of false power or authority, and instead, recognizing reality. It instructs us to understand the real capability and authority of a person, rather than being influenced by their pretentious appearance. This post explains the meaning and application of the proverb in the context of the hollowness of false authority and the importance of understanding reality and truth.

Story of Ihan kumhad batiya kou nahi, jo tarjani dekhi mari jaahi Proverb in English:

Once upon a time in a small village, there was a man named Anuj. Anuj always tried to present himself as very important and powerful. He would often add things to his conversation that made people think he was a high-ranking official with a lot of power.

One day, a problem arose in the village. The only bridge in the village had broken, disrupting the movement of people. Anuj saw this as an opportunity and claimed, “I will get this bridge fixed in two days. I have contacts with very high officials.”

However, when two days passed, nothing happened to the bridge. The villagers approached Anuj and asked about the bridge. Anuj started making excuses. Then, an elder in the village said, “There’s no one here who would die just by seeing a threatening finger. Anuj’s claims were all false.”

After this incident, the villagers stopped believing Anuj and learned not to trust ostentatious claims.

Conclusion:

This story teaches us that the saying “इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं” means that the claims of people who show false dominance are often hollow. We should be cautious of such people and not blindly believe their words.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

कहावत में “तर्जनि देखत” का क्या मतलब है?

“तर्जनि देखत” का मतलब है अच्छे कार्यों को देखना या सुनना, या फिर सामाजिक या नैतिक मानकों का पालन करना।

इस कहावत का उपयोग कहाँ हो सकता है?

इस कहावत का उपयोग उस समय हो सकता है जब किसी व्यक्ति को दूसरों की बुराई देखने का अभ्यास नहीं है और वह अच्छे कार्यों का मूल्यांकन नहीं करता है।

क्या इस कहावत में कोई ऐतिहासिक कथा छिपी है?

नहीं, यह कहावत कोई ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि यह एक उपमहाद्वीपीय उदाहरण है जो सामाजिक सत्य को दर्शाने के लिए बनाया गया है।

क्या इस कहावत का कोई विरोधी भी है?

नहीं, इस कहावत का कोई विरोधी नहीं है, क्योंकि यह एक सामाजिक सत्य को संकेत करता है और लोगों को सहानुभूति की दिशा में प्रेरित करता है।

क्या इस कहावत को किसी धार्मिक या सामाजिक सिद्धांत से जोड़ा जा सकता है?

हाँ, इस कहावत को धार्मिक और सामाजिक मूल्यों के साथ जोड़ा जा सकता है, क्योंकि यह भलाइयों की पहचान और उनकी महत्वपूर्णता को बताता है।

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