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एक तवे की रोटी, क्या पतली क्या मोटी, अर्थ, प्रयोग (Ek tave ki roti, kya patli kya moti)

परिचय: “एक तवे की रोटी, क्या पतली क्या मोटी” यह हिंदी कहावत एक बहुत ही रोचक और गहरा संदेश देती है। यह कहावत समानता और सामूहिकता की भावना पर बल देती है, विशेषकर परिवार या एक ही मूल के अंगों के बीच।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि एक ही स्रोत से निकले व्यक्तियों या तत्वों में बहुत कम अंतर होता है। चाहे वे रूप या गुण में थोड़े भिन्न क्यों न हों, उनका मूल स्वभाव या सार समान होता है।

उपयोग: यह कहावत अक्सर तब प्रयोग की जाती है जब परिवार के सदस्यों या समान मूल के व्यक्तियों के बीच के समानता और एकता की बात की जाती है।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक परिवार में दो भाई हैं, जो स्वभाव से थोड़े भिन्न हैं। एक बहुत शांत और दूसरा थोड़ा चंचल। लेकिन, जब उनके मूल स्वभाव की बात आती है, तो वे दोनों एक जैसे ही हैं, दोनों में समान रूप से प्रेम और समर्पण की भावना है।

समापन: “एक तवे की रोटी, क्या पतली क्या मोटी” कहावत हमें यह सिखाती है कि सतही अंतरों के बावजूद, एक ही मूल से आने वाले तत्वों में गहरी समानताएं होती हैं। यह हमें याद दिलाती है कि अंततः हम सभी एक ही हैं, और हमारे मूल में समानता है, चाहे हमारे बाहरी गुण कैसे भी क्यों न हों।

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एक तवे की रोटी, क्या पतली क्या मोटी कहावत पर कहानी:

एक छोटे से गांव में, अनुभव और अभय नामक दो भाई रहते थे। अनुभव बड़ा और गंभीर स्वभाव का था, जबकि अभय छोटा और चंचल। अनुभव हमेशा खेतों में काम करता था और अभय स्कूल जाता था।

एक दिन, गांव में एक बड़ा उत्सव था। अनुभव और अभय दोनों उत्सव में गए। वहां, उन्हें एक बुजुर्ग ने देखा और कहा, “देखो, ये दोनों भाई एक दूसरे से कितने अलग हैं।”

अनुभव ने जवाब दिया, “जी हाँ, हम दिखने में और स्वभाव में भिन्न हैं, लेकिन हमारी जड़ें एक ही हैं। हम दोनों ‘एक तवे की रोटी, क्या पतली क्या मोटी’ की तरह हैं।”

अभय ने भी मुस्कुराते हुए कहा, “हां, भैया सही कह रहे हैं। हम दोनों में प्यार और साझेदारी की भावना समान है।”

इस कहानी के माध्यम से हम समझते हैं कि चाहे बाहरी रूप या स्वभाव में अंतर क्यों न हो, परिवार के सदस्यों में एक गहरी समानता होती है। यह कहावत हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें सतही अंतरों से परे देखकर, आपसी समझ और प्यार को महत्व देना चाहिए।

शायरी:

एक तवे की रोटी से, क्या पतली क्या मोटी से,

हर इक शक्ल अलग, पर मोहब्बत एक जैसी है।

दो दिलों में बसते हैं, अलग-अलग ख्वाब कई,

पर जड़ें वही हैं, जहाँ प्यार की राहत बसी है।

चेहरे अलग, फितरत अलग, पर दिलों की धड़कन एक,

एक तवे से निकले, इस जीवन की सच्ची टेक।

भाइयों का प्यार हो, या मिट्टी का संगम,

एक सूत्र में बंधे, यही है जीवन का धरम।

एक मां की गोद में, खेले जिन्दगी के रंग,

एक तवे की रोटी का, यही तो सच्चा संग।

 

एक तवे की रोटी, क्या पतली क्या मोटी शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of एक तवे की रोटी, क्या पतली क्या मोटी – Ek tave ki roti, kya patli kya moti Proverb:

Introduction: The Hindi proverb “एक तवे की रोटी, क्या पतली क्या मोटी” offers a deep and interesting message. It emphasizes the feeling of equality and unity, especially among family members or parts originating from the same source.

Meaning: The meaning of this proverb is that there is very little difference between individuals or elements that come from the same source. Even if they differ in appearance or characteristics, their core nature or essence is the same.

Usage: This proverb is often used when discussing the similarity and unity among family members or individuals from the same origin.

Examples:

-> Consider a family with two brothers who are different in nature. One is very calm, while the other is a bit playful. However, when it comes to their fundamental nature, they are quite similar, both possessing equal amounts of love and dedication.

Conclusion: The proverb “एक तवे की रोटी, क्या पतली क्या मोटी” teaches us that despite superficial differences, elements originating from the same source have deep similarities. It reminds us that ultimately, we are all one, and there is a commonality in our roots, regardless of our external attributes.

Story of Ek tave ki roti, kya patli kya moti Proverb in English:

In a small village, there lived two brothers named Anubhav and Abhay. Anubhav, the elder, was serious by nature, while Abhay, the younger, was playful. Anubhav always worked in the fields, and Abhay went to school.

One day, there was a big festival in the village. Both Anubhav and Abhay attended the festival. There, an elderly person noticed them and said, “Look, how different these two brothers are from each other.”

Anubhav replied, “Yes, we are different in appearance and nature, but our roots are the same. We both are like ‘the bread from the same griddle, whether thin or thick’.”

Abhay also smiled and added, “Yes, brother is right. We both share the same feelings of love and companionship.”

This story helps us understand that despite differences in outward appearance or nature, there is a deep similarity among family members. The proverb also reminds us to look beyond superficial differences and value mutual understanding and love.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का प्रयोग किस प्रकार की स्थितियों में किया जा सकता है?

जब सभी को एक समान व्यवहार या समान परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, तब इस कहावत का प्रयोग हो सकता है।

इस कहावत को किस तरह से समझाया जा सकता है?

इस कहावत को यह कहकर समझाया जा सकता है कि कुछ परिस्थितियों में सभी का व्यवहार या उपचार समान होता है।

इस कहावत का आधुनिक समाज में क्या प्रभाव है?

आधुनिक समाज में इस कहावत का प्रभाव यह है कि यह लोगों को समानता के महत्व की याद दिलाती है।

क्या यह कहावत अन्य भाषाओं में भी प्रचलित है?

हां, इसी तरह की कहावतें अन्य भाषाओं में भी होती हैं, लेकिन शब्दों और भाव में थोड़ा अंतर हो सकता है।

क्या यह कहावत किसी विशेष क्षेत्र या समुदाय से जुड़ी हुई है?

नहीं, यह कहावत किसी विशेष क्षेत्र या समुदाय से नहीं जुड़ी हुई है, यह आमतौर पर सारे हिंदी भाषी क्षेत्रों में प्रचलित है।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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