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एक लख पूत सवा लख नाती, तो रावण घर दीया न बाती, अर्थ, प्रयोग (Ek lakh poot sawa lakh nati, to Ravan ghar diya na baati)

परिचय: हिंदी की प्रसिद्ध कहावत “एक लख पूत सवा लख नाती, तो रावण घर दीया न बाती” अत्यधिक संपन्नता के बावजूद पतन की ओर अग्रसर होने की स्थिति को बयां करती है।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि कितनी भी समृद्धि हो, अगर व्यक्ति सावधानी और विवेक के साथ नहीं चलता, तो वह पतन की ओर बढ़ सकता है। ‘एक लख पूत और सवा लख नाती’ यहाँ अत्यधिक संपन्नता का प्रतीक है, और ‘रावण के घर में दीया ना बाती’ का मतलब है कि इतनी संपन्नता होने के बावजूद भी अंत में सब कुछ नष्ट हो जाता है।

उपयोग: यह कहावत उन परिस्थितियों में प्रयोग की जाती है जहाँ अत्यंत समृद्ध व्यक्ति या समाज अपनी संपत्ति और प्रतिष्ठा खो बैठते हैं।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक बहुत अमीर व्यक्ति है जो अपनी संपत्ति का प्रबंधन सही ढंग से नहीं करता। वह अपव्यय में लिप्त हो जाता है और अंततः उसकी सारी संपत्ति नष्ट हो जाती है। इस स्थिति को यह कहावत बखूबी व्यक्त करती है।

समापन: इस कहावत के माध्यम से हमें यह सिखने को मिलता है कि धन-संपत्ति का सही उपयोग और प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। यह हमें यह भी सिखाती है कि समृद्धि और सफलता को संभालना जितना महत्वपूर्ण है, उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है इसे संजोकर रखना।

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एक लख पूत और सवा लख नाती कहावत पर कहानी:

किसी शहर में विकास नामक एक धनाढ्य व्यापारी रहता था। उसके पास धन-संपत्ति, विशाल हवेली, महंगी गाड़ियां और अनेक उद्योग थे। विकास को अपनी इस समृद्धि पर बहुत गर्व था। उसका जीवन विलासिता में डूबा हुआ था, और वह अपने धन का उपयोग बिना सोचे-समझे अपव्यय में करता था।

विकास की इस प्रवृत्ति से उसके बुजुर्ग पिता हमेशा चिंतित रहते थे। वे अक्सर उसे समझाते कि “एक लख पूत सवा लख नाती, तो रावण घर दीया न बाती” कहकर विवेकपूर्ण तरीके से धन का उपयोग करने की सलाह देते। लेकिन विकास उनकी बातों को अनसुना करता और अपने तरीके से जीवन जीता रहा।

समय के साथ, विकास का व्यापार घाटे में चला गया। उसकी अविवेकपूर्ण खर्चीली आदतों ने उसकी संपत्ति को तेजी से घटा दिया। उसके पास अब न तो धन था और न ही संपत्ति। एक समय में जो विकास शहर का सबसे अमीर व्यक्ति था, वह अब पूरी तरह से बर्बाद हो गया।

इस कहानी के माध्यम से हमें यह सीख मिलती है कि समृद्धि और धन का विवेकपूर्ण उपयोग ही हमारे भविष्य को सुरक्षित बना सकता है। अनावश्यक और असोचित खर्च अंततः हमारे पतन का कारण बन सकता है, जैसा कि इस कहावत में दर्शाया गया है।

शायरी:

धन के महल में राज किया करते थे, विजय के गीत गाया करते थे,

सवा लख नाती की बातें थीं, जहां रावण के घर दीया न बाती।

हर शाम थी जश्न की, हर रात में दीवाली थी,

अनजान थे वो, इस बात से कि संपत्ति कभी खाली थी।

जिस घर में हंसी की गूंज थी, आज वहां सन्नाटा है,

विजय की कहानी में, एक सबक छुपा हुआ नाटक है।

खर्च की बातें थीं, ख्वाब बड़े थे,

अंत में लेकिन, रावण के घर में दीया न बाती।

धन की चकाचौंध में, अंधे हो गए थे वो,

वक्त ने सिखाया, जीवन के सबक कैसे होते हैं।

एक लख पूत सवा लख नाती, लेकिन अंत में क्या बाती,

रावण के घर में उजाले की, कभी नहीं रही कोई गुंजाइश।

 

एक लख पूत सवा लख नाती, तो रावण घर दीया न बाती शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of एक लख पूत सवा लख नाती, तो रावण घर दीया न बाती – Ek lakh poot sawa lakh nati, to Ravan ghar diya na baati Proverb:

Introduction: The famous Hindi proverb “Ek lakh poot sawa lakh nati, to Ravan ghar diya na baati ” illustrates the situation of progressing towards downfall despite immense wealth.

Meaning: The meaning of this proverb is that no matter how much wealth one possesses, if a person does not act with caution and wisdom, they can head towards downfall. ‘एक लख पूत और सवा लख नाती’ (One lakh sons and one and a quarter lakh grandsons) here symbolizes immense wealth, and ‘रावण के घर में दीया ना बाती’ (No lamp or wick in Ravana’s house) means that despite such wealth, everything eventually gets destroyed.

Usage: This proverb is used in situations where an extremely wealthy person or society loses their wealth and prestige.

Examples:

-> Suppose there is a very rich person who does not manage his wealth properly. He indulges in wasteful expenditure and eventually loses all his wealth. This situation is aptly described by this proverb.

Conclusion: This proverb teaches us that proper use and management of wealth and assets are extremely crucial. It also imparts that as important as it is to handle prosperity and success, it is even more important to preserve and maintain it.

Story of Ek lakh poot sawa lakh nati, to Ravan ghar diya na baati Proverb in English:

In a city, there lived a wealthy businessman named Vikas. He owned wealth and properties, a huge mansion, expensive cars, and several industries. Vikas took great pride in his riches. His life was immersed in luxury, and he used his wealth for thoughtless extravagance.

Vikas’s reckless spending habits always worried his elderly father. He often advised Vikas to use his wealth wisely, saying, “एक लख पूत सवा लख नाती, तो रावण घर दीया न बाती” (Even with a lakh sons and a lakh and a quarter grandsons, there is no lamp or wick in Ravana’s house). However, Vikas ignored his father’s advice and continued to live life his own way.

Over time, Vikas’s business suffered losses. His imprudent and lavish spending rapidly depleted his wealth. Eventually, Vikas, who was once the richest man in the city, became completely ruined.

This story teaches us that only prudent use of wealth and riches can secure our future. Unnecessary and unthoughtful expenditure can ultimately lead to downfall, as depicted in this proverb.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का प्रयोग किस प्रकार की स्थितियों में किया जा सकता है?

जब कोई बड़ा परिवार या समूह एकजुटता की कमी के कारण असफल होता है, तब इस कहावत का प्रयोग किया जा सकता है।

इस कहावत का उदाहरण क्या हो सकता है?

एक बड़ी कंपनी जिसके कर्मचारी एकजुट नहीं हैं, वह कंपनी सफल नहीं हो सकती, इस स्थिति में यह कहावत लागू होती है।

क्या इस कहावत का कोई ऐतिहासिक महत्व है?

इस कहावत का सीधा ऐतिहासिक महत्व नहीं है, लेकिन यह मिथकीय कथाओं के माध्यम से समझाई गई एकता की शिक्षा को दर्शाती है।

इस कहावत का आधुनिक समाज में क्या प्रभाव है?

आधुनिक समाज में इस कहावत का प्रभाव यह है कि यह लोगों को संगठित और एकजुट रहने के महत्व की याद दिलाती है।

इस कहावत का साहित्य में क्या स्थान है?

साहित्य में इस कहावत का प्रयोग अक्सर समूह की एकता और उसके महत्व को दर्शाने के लिए किया जाता है।

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