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एक अंडा वह भी गंदा, अर्थ, प्रयोग (Ek anda wah bhi ganda)

परिचय: एक अंडा वह भी गंदा, यह कहावत उस स्थिति को व्यक्त करती है जब किसी के पास बहुत सीमित संसाधन होते हैं और वह भी गुणवत्ता में खराब या उपयोगी नहीं होते। इसका प्रयोग अक्सर निराशा या व्यंग्य के भाव से किया जाता है।

अर्थ: कहावत का शाब्दिक अर्थ है कि किसी के पास केवल एक अंडा है और वह भी गंदा या खराब है। अतः, यह अपेक्षाकृत कम मूल्य या उपयोगिता को दर्शाता है।

उपयोग: इस कहावत का उपयोग तब किया जाता है जब किसी को अपनी दुर्दशा या बुरी स्थिति को व्यक्त करना हो।

उदाहरण:

मान लीजिए, एक व्यक्ति का केवल एक ही पुत्र है और वह भी आलसी और अनुपयोगी है। इस स्थिति में वह व्यक्ति कह सकता है, “मेरे पास तो एक अंडा वह भी गंदा है।”

समापन: इस कहावत के माध्यम से हमें यह सीखने को मिलता है कि कभी-कभी जीवन में हमें ऐसी स्थितियाँ मिलती हैं जहाँ हमारे पास जो कुछ भी होता है, वह हमारी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरता। यह कहावत हमें यथार्थ का सामना करने और उपलब्ध संसाधनों के साथ सर्वश्रेष्ठ करने की प्रेरणा देती है।

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एक अंडा वह भी गंदा कहावत पर कहानी:

एक छोटे से गांव में सुरेंद्र नाम का एक किसान रहता था। उसके पास खेती के लिए बस एक बैल था, जिसका नाम गोलू था। गोलू बहुत ही आलसी और कमजोर था, और अक्सर खेत में काम करते समय थक जाता था।

सुरेंद्र हर दिन गोलू के साथ खेत में जाता, लेकिन गोलू की धीमी गति के कारण काम में बहुत समय लगता। सुरेंद्र के पड़ोसी, जिनके पास मजबूत और स्वस्थ बैल थे, अक्सर उस पर हंसते और कहते, “सुरेंद्र के पास तो एक अंडा वह भी गंदा है।”

सुरेंद्र भी इस बात से वाकिफ था कि गोलू बहुत उपयोगी नहीं था, लेकिन वह उसे बदलने की स्थिति में नहीं था। इसलिए वह गोलू के साथ ही अपना काम करता रहा।

एक दिन, सुरेंद्र ने सोचा कि वह गोलू की कमियों के बावजूद उससे अच्छा काम ले सकता है। उसने गोलू की देखभाल में सुधार किया, उसे अच्छा भोजन दिया, और धीरे-धीरे गोलू भी अपने काम में सुधार लाने लगा।

निष्कर्ष

इस कहानी के माध्यम से हमें यह सीख मिलती है कि “एक अंडा वह भी गंदा” कहावत का मतलब है कि कभी-कभी हमारे पास जो संसाधन होते हैं, वे अपेक्षानुसार नहीं होते, लेकिन हमें उनके साथ ही सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करनी चाहिए। धैर्य और समर्पण के साथ, हम उन्हें बेहतर बना सकते हैं।

शायरी:

एक अंडा था, वह भी गंदा, जीवन की यही कहानी है,
मन की पीड़ा, दिल की व्यथा, ये दुनिया बड़ी बेमानी है।

चाहतें कई, पर हकीकत में, बस एक ख्वाब अधूरा सा,
हर आस के पीछे, छुपा एक दर्द का सुरा सा।

कहते हैं लोग, ‘एक अंडा वह भी गंदा’, दुखों की दास्ताँ में,
पर उम्मीद की किरण भी छुपी है, इसी वीराने में।

हर शिकवा शिकायत में, छिपा एक सबक जिंदगी का,
‘एक अंडा वह भी गंदा’, ये फलसफा है जीने का।

जो थोड़ा है, उसमें भी खुशियों की बारिश ढूंढ लेते हैं,
जीवन के इस सफर में, हर कदम पर हम मुस्कुराते हैं।

 

एक अंडा वह भी गंदा शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of एक अंडा वह भी गंदा – Ek anda wah bhi ganda Proverb:

Introduction: Ek anda wah bhi ganda, This proverb expresses a situation where someone has very limited resources, and even those are of poor quality or not useful. It is often used to convey feelings of disappointment or sarcasm.

Meaning: The literal meaning of the proverb is that someone has only one egg, and that too is dirty or bad. Thus, it indicates something of relatively low value or utility.

Usage: This proverb is used when someone wants to express their plight or poor condition.

Examples:

-> Suppose a person has only one son, and he is lazy and useless. In this situation, the person might say, “I only have one egg, and that too is a bad one.”

Conclusion: This proverb teaches us that sometimes in life, we find ourselves in situations where what we have does not meet our expectations. It inspires us to face reality and do our best with the resources available to us.

Story of Ek anda wah bhi ganda Proverb in English:

In a small village, there lived a farmer named Surendra. He had only one ox for farming, named Golu. Golu was very lazy and weak, often getting tired while working in the fields.

Surendra went to the fields with Golu every day, but due to Golu’s slow pace, the work took a lot of time. Surendra’s neighbors, who had strong and healthy oxen, often laughed at him, saying, “Surendra has only one egg, and that too is a bad one.”

Surendra was aware that Golu was not very useful, but he was not in a position to replace him. So, he continued working with Golu. One day, Surendra thought that he could still get good work out of Golu despite his shortcomings. He improved the care for Golu, provided him with better food, and gradually Golu began to improve in his work.

Conclusion

This story teaches us that the proverb “एक अंडा वह भी गंदा” means that sometimes the resources we have do not meet our expectations, but we should try to make the best of them. With patience and dedication, we can improve them.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत का व्यंग्यात्मक उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है?

जब कोई व्यक्ति अपनी दुर्दशा या खराब स्थिति का वर्णन करना चाहता है, तब इसे व्यंग्यात्मक रूप से प्रयोग किया जा सकता है।

“एक अंडा वह भी गंदा” कहावत किस प्रकार के लोगों पर लागू होती है?

“एक अंडा वह भी गंदा” कहावत किस प्रकार के लोगों पर लागू होती है?

इस कहावत का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में कैसे किया जा सकता है?

शिक्षा के क्षेत्र में इस कहावत का उपयोग विद्यार्थियों को संसाधनों की कमी और उनके महत्व के बारे में सिखाने के लिए किया जा सकता है।

क्या इस कहावत का सकारात्मक पक्ष भी है?

सकारात्मक पक्ष के रूप में, यह कहावत व्यक्ति को यह सिखाती है कि कैसे सीमित संसाधनों के साथ भी जीवन यापन किया जा सकता है।

इस कहावत को व्यक्तिगत जीवन में कैसे लागू किया जा सकता है?

व्यक्तिगत जीवन में, इस कहावत का उपयोग अपने संसाधनों की कद्र करने और सीमित संसाधनों के साथ भी सर्वोत्तम जीवन जीने की कला सीखने में किया जा सकता है।

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