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डायन को भी दामाद प्यारा, अर्थ, प्रयोग (Dayan ko bhi damad pyara)

“डायन को भी दामाद प्यारा” यह हिंदी कहावत व्यक्तिगत लगाव और स्नेह की शक्ति को दर्शाती है, यहाँ तक कि सबसे कठोर हृदय वाले व्यक्ति में भी। इस कहावत के माध्यम से, हमें यह बताया जाता है कि कैसे प्रेम और लगाव सभी बाधाओं को पार कर सकता है।

परिचय: इस कहावत में, “डायन” एक ऐसे व्यक्ति के रूप में प्रतीकात्मक है जिसका हृदय संवेदनशीलता से रहित माना जाता है, और “दामाद” उस व्यक्ति के लिए प्रतीक है जिससे गहरा लगाव और प्रेम होता है।

अर्थ: कहावत का तात्पर्य है कि यहाँ तक कि सबसे कठोर और निर्दयी व्यक्ति भी अपने प्रियजनों के प्रति प्रेम और स्नेह रखते हैं।

उपयोग: इस कहावत का उपयोग यह बताने के लिए किया जाता है कि प्रेम और लगाव की शक्ति सभी के हृदय में होती है, चाहे व्यक्ति कितना भी कठोर क्यों न हो।

उदाहरण:

-> एक व्यापारी जिसे लोग उसकी कठोरता के लिए जानते थे, अपने दामाद के प्रति बेहद स्नेही और दयालु था।

समापन: इस कहावत से हमें यह सीख मिलती है कि प्रेम और लगाव की शक्ति हर व्यक्ति के हृदय में होती है, और यह सभी प्रकार की कठोरता को पार कर सकती है। यह हमें यह भी याद दिलाता है कि हर व्यक्ति में कुछ न कुछ अच्छाई होती है।

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डायन को भी दामाद प्यारा कहावत पर कहानी:

एक समय की बात है, एक गाँव में ‘विनीता’ नाम की एक महिला रहती थी, जिसे उसके कठोर स्वभाव के कारण लोग ‘डायन’ कहकर बुलाते थे। वह बहुत ही निर्दयी और कठोर दिल की मानी जाती थी, और गाँव के लोग उससे डरते थे।

लेकिन विनीता की एक बेटी थी जिसका विवाह एक नेक दिल युवक ‘विकास’ से हुआ था। विकास बहुत ही सज्जन और मददगार स्वभाव का था, और उसने धीरे-धीरे विनीता का दिल जीत लिया।

जब भी विकास गाँव आता, विनीता उसके लिए अपने हाथों से खाना बनाती और उसका बहुत ख्याल रखती। गाँव वाले इस दृश्य को देखकर हैरान रह जाते। उन्हें समझ नहीं आता था कि वही विनीता, जो कभी किसी पर दया नहीं करती थी, अपने दामाद के प्रति इतनी स्नेहशील कैसे हो सकती है।

यह देखकर गाँव वालों ने समझा कि “डायन को भी दामाद प्यारा” होता है। इस कहानी से उन्होंने सीखा कि प्रेम और लगाव की शक्ति किसी भी कठोरता को पिघला सकती है, और हर व्यक्ति के दिल में कहीं न कहीं प्रेम की एक छोटी सी जगह होती है। यह कहानी यह भी बताती है कि हमें किसी के बाहरी व्यवहार से उसके भीतर के भावों का अंदाजा नहीं लगाना चाहिए।

शायरी:

कठोरता में भी प्यार छुपा, दिल में छुपे जज़्बात बहारा,
“डायन को भी दामाद प्यारा”, इसमें छिपा है जीवन का सारा।

सूरत से क्या पहचानें किसी को, दिल की दुनिया है गहरी खारा,
जिसे डायन समझा था सबने, उसका प्यार भी था सच्चा निराला।

दुनिया की नज़रों में कठोर, पर दामाद से प्यार था उसका सच्चा,
जहाँ नज़र नहीं पहुँचती, वहाँ छुपा होता है प्रेम का उजाला।

खुदा ने बख्शी हर दिल में प्यार की चिंगारी,
चाहे कठोर हो या नरम, हर दिल में प्यार की ज्योति सारी।

जीवन का यह सबक है प्यारा, दिल में छुपा हर राज़ हमारा,
डायन भी पिघले जब प्यार में, तो समझो प्यार की शक्ति को यारा।

 

डायन को भी दामाद प्यारा शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of डायन को भी दामाद प्यारा – Dayan ko bhi damad pyara Proverb:

The Hindi proverb “Dayan ko bhi damad pyara” illustrates the power of personal attachment and affection, even in the hardest of hearts. This proverb teaches us how love and attachment can overcome all obstacles.

Introduction: In this proverb, “डायन” symbolizes a person perceived to be devoid of sensitivity, and “दामाद” (son-in-law) represents someone deeply loved and cherished.

Meaning: The proverb implies that even the most harsh and merciless person can have love and affection for their loved ones.

Usage: This proverb is used to convey that the power of love and attachment exists in everyone’s heart, no matter how tough the person may be.

Examples:

-> A merchant, known for his toughness, was very affectionate and kind to his son-in-law.

Conclusion: This proverb teaches us that the power of love and attachment resides in every individual’s heart and can transcend all forms of harshness. It also reminds us that there is some goodness in everyone.

Story of Dayan ko bhi damad pyara Proverb in English:

Once upon a time, in a village, there lived a woman named ‘Vineeta’, who was known by the villagers as ‘the witch’ due to her harsh nature. She was considered merciless and cold-hearted, and the villagers were afraid of her.

However, Vineeta had a daughter who was married to a kind-hearted young man named ‘Vikas’. Vikas was very gentle and helpful, and he gradually won Vineeta’s heart.

Whenever Vikas visited the village, Vineeta would cook for him with her own hands and take great care of him. The villagers were astonished to see this sight. They couldn’t understand how Vineeta, who never showed mercy to anyone, could be so affectionate towards her son-in-law.

This made the villagers realize the truth behind the proverb “डायन को भी दामाद प्यारा”. The story taught them that the power of love and attachment can melt any harshness, and there’s a little place for love in everyone’s heart. It also conveyed that one should not judge a person’s inner feelings based on their external behavior.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या इस कहावत में “डायन” और “दामाद” का शाब्दिक अर्थ लिया जाता है?

इस कहावत में “डायन” और “दामाद” शब्दों का प्रयोग प्रतीकात्मक है। “डायन” यहाँ किसी कठोर या बुरे व्यक्ति का प्रतीक है, और “दामाद” उनके प्रियजनों या परिवार का प्रतीक है।

क्या यह कहावत आज के समय में भी प्रासंगिक है?

हां, यह कहावत आज के समय में भी प्रासंगिक है क्योंकि यह मानवीय प्रकृति के उस पहलू को दर्शाती है जहाँ व्यक्ति अपने परिवार या करीबी लोगों के प्रति स्नेह रखता है।

इस कहावत का उपयोग आज के समाज में कैसे किया जा सकता है?

आज के समाज में इस कहावत का उपयोग किसी व्यक्ति के दोहरे चरित्र को समझने या उजागर करने के लिए किया जा सकता है, जैसे कि जब कोई बाहर से कठोर दिखता है परंतु अपने परिवार या प्रियजनों के प्रति नरमी दिखाता है।

क्या इस कहावत का शिक्षाप्रद महत्व है?

हां, इस कहावत का शिक्षाप्रद महत्व यह है कि यह हमें सिखाती है कि हर व्यक्ति में कुछ अच्छाई होती है और हमें उसकी बाहरी छवि से आगे देखना चाहिए।

इस कहावत का विद्यालय और शिक्षा में क्या उपयोग हो सकता है?

विद्यालय और शिक्षा में इस कहावत का उपयोग छात्रों को व्यक्ति की बाहरी छवि और आंतरिक गुणों के बीच के अंतर को समझाने में किया जा सकता है, साथ ही यह उन्हें दूसरों के प्रति सहानुभूति और समझदारी रखने की शिक्षा देती है।

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