परिचय: “चोर चोर मौसेरे भाई” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहां समान चरित्र या विचारधारा वाले लोग एक-दूसरे का साथ देते हैं, खासकर नकारात्मक या अनैतिक कार्यों में।
अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि जिनके इरादे या व्यवहार एक जैसे होते हैं, वे आपस में मिल जुलकर काम करते हैं। यहाँ ‘चोर’ शब्द का प्रयोग अक्सर उन लोगों के लिए किया जाता है जो अनैतिक या गलत कामों में लिप्त होते हैं।
उपयोग: इस कहावत का प्रयोग तब होता है जब दो या अधिक लोग, जिनके इरादे या कार्य गलत होते हैं, एक साथ मिलकर कोई काम करते हैं या एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।
उदाहरण:
-> मान लीजिए दो राजनीतिक दल जो आमतौर पर एक-दूसरे के विरोधी होते हैं, अगर वे किसी विशेष मुद्दे पर एक साथ आ जाएं और वह मुद्दा सामाजिक रूप से गलत माना जाता हो, तो लोग कह सकते हैं “देखो, चोर चोर मौसेरे भाई।”
निष्कर्ष: यह कहावत हमें यह सिखाती है कि समान विचारधारा या इरादे वाले लोग अक्सर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं, चाहे उनके कार्य अच्छे हों या बुरे। यह हमें यह भी सिखाती है कि हमें चाहिए कि हम सही और नैतिक व्यक्तियों के साथ जुड़ें और गलत व्यक्तियों से दूर रहें।
चोर चोर मौसेरे भाई कहावत पर कहानी:
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में ‘अनुज’ और ‘विकास’ नाम के दो दोस्त रहते थे। दोनों ही अक्सर छोटी-मोटी शरारतें और चोरियां किया करते थे। उनकी इन हरकतों की वजह से गाँव वाले उनसे परेशान रहते थे, लेकिन कभी भी उन्हें पकड़ नहीं पाते थे।
एक दिन, गाँव के सरपंच ने दोनों को बुलाकर समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “तुम दोनों अच्छे बच्चे हो, लेकिन तुम्हारी ये हरकतें तुम्हें और गाँव को नुकसान पहुँचा रही हैं। अगर तुम अपने आचरण में सुधार नहीं लाओगे, तो एक दिन बड़ी मुसीबत में फंस जाओगे।”
अनुज और विकास ने सरपंच की बातों को अनसुना कर दिया और अपनी हरकतें जारी रखीं। फिर एक दिन, उन्होंने गाँव के एक धनी व्यक्ति के घर में चोरी की योजना बनाई। लेकिन इस बार, उनकी योजना असफल रही और वे पकड़े गए।
गाँव वालों ने जब देखा कि दोनों दोस्तों ने मिलकर चोरी की थी, तो उन्होंने कहा, “चोर चोर मौसेरे भाई। दोनों ही गलत रास्ते पर चले और अब दोनों को ही सजा मिलेगी।”
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि गलत इरादे वाले लोग अक्सर एक-दूसरे का साथ देते हैं, लेकिन अंत में उनका अंजाम भी गलत होता है। यही इस कहावत “चोर चोर मौसेरे भाई” का संदेश है।
शायरी:
चोर-चोर मिलके चलें, जब गलियों में बातें करें,
राज खुलते हैं आखिर, जब इरादे सब जाते फिरें।
दोस्ती हो या चालाकी, जैसे मिलते दो मौसेरे भाई,
अंजाम बुरा हो जब, सच्चाई खुद बोले आई।
मिलते जुलते चेहरे जब, एक साथ चले आते हैं,
चोरों की ये दास्तां, अक्सर राज़ खोल जाते हैं।
जैसे चोर-चोर मिलकर, अपनी कहानी गढ़ते हैं,
उनके अपने ही कर्म, एक दिन उन्हें फँसाते हैं।
ज़िंदगी के इस सफर में, सच्चाई का दामन थामें चलो,
क्योंकि चोरों की दुनिया में, कोई नहीं अपना होता, सब जानते हैं ये भलो।
आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।
Hindi to English Translation of चोर चोर मौसेरे भाई – Chor Chor Mausere Bhai Proverb:
Introduction: “Chor Chor Mausere Bhai” is a popular Hindi proverb often used in situations where people of similar character or ideology support each other, especially in negative or unethical actions.
Meaning: The meaning of this proverb is that those who have similar intentions or behaviors work together. Here, the term ‘chor’ (thief) is often used for people engaged in unethical or wrong deeds.
Usage: This proverb is used when two or more people, whose intentions or actions are wrong, collaborate on a task or support each other.
Examples:
-> Suppose two political parties, usually opposed to each other, come together on a particular issue that is socially considered wrong, people might say, “Look, Chor Chor Mausere Bhai.”
Conclusion: This proverb teaches us that people with similar ideologies or intentions often support each other, whether their actions are good or bad. It also teaches us that we should associate ourselves with the right and ethical people and stay away from the wrong ones.
Story of Chor Chor Mausere Bhai Proverb in English:
Once upon a time, in a small village, there lived two friends named ‘Anuj’ and ‘Vikas’. Both of them often engaged in minor mischief and thefts. Due to their actions, the villagers were troubled, but they could never catch them.
One day, the village headman called both of them and tried to reason with them. He said, “You both are good kids, but your actions are harming yourselves and the village. If you don’t improve your behavior, one day you will land in big trouble.”
Anuj and Vikas ignored the headman’s words and continued their antics. Then one day, they planned a theft in the house of a wealthy person in the village. But this time, their plan failed, and they were caught.
When the villagers saw that both friends had committed the theft together, they said, “Chor Chor Mausere Bhai. Both chose the wrong path and now both will be punished.”
This story teaches us that people with wrong intentions often support each other, but in the end, their fate is also wrong. This is the message of the proverb “Chor Chor Mausere Bhai.”
I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.
FAQs:
क्या इस कहावत में कोई विशेष सावधानी दी गई है?
हाँ, इस कहावत से यह सिखने को मिलता है कि व्यक्तिगत रूप से भी हमें अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए।
क्या इस कहावत का अनुसरण करना क्यों आवश्यक है?
इस कहावत का अनुसरण करना हमें अधिक सतर्क और विवेकी बनाता है, ताकि हम अपने आसपास के लोगों की असली पहचान कर सकें।
क्या इस कहावत का अर्थ समाज में किसी विशेष समस्या से संबंधित है?
हाँ, इसका अर्थ समाज में धोखेबाजी और बेईमानी के खिलाफ हो सकता है, जिससे लोगों को यहां सतर्क रहने की आवश्यकता है।
क्या इस कहावत का उपयोग साक्षरता में हो सकता है?
हाँ, इस कहावत का उपयोग साक्षरता में भी किया जा सकता है, ताकि लोग जान सकें कि सब जो चमकीला दिखता है, वह हमेशा सही नहीं होता।
क्या यह कहावत केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही लागू होती है?
नहीं, यह कहावत समाज में भी लागू हो सकती है, खासकर सामाजिक और नैतिक मुद्दों पर विचार करते समय।
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