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बोलती बंद हो जाना अर्थ, प्रयोग (Bolti band ho jana)

परिचय: “बोलती बंद हो जाना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जो एक व्यक्ति के चुप हो जाने या शब्दों की कमी होने की स्थिति को दर्शाता है। यह मुहावरा तब इस्तेमाल होता है जब कोई व्यक्ति आश्चर्य, डर, संकोच या उत्तर की कमी के कारण बोलने में असमर्थ हो जाता है।

अर्थ: “बोलती बंद हो जाना” का अर्थ है किसी कारणवश व्यक्ति का मौन हो जाना। यह उस स्थिति को व्यक्त करता है जब व्यक्ति के पास बोलने के लिए शब्द नहीं होते या वह बोलने में असमर्थ महसूस करता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी को किसी बात का जवाब देने में कठिनाई होती है या जब व्यक्ति किसी परिस्थिति या टिप्पणी से अचंभित हो जाता है।

उदाहरण:

-> जब नियांत ने अपनी कक्षा में सबसे उच्च अंक प्राप्त किए, तो उसके मित्र की बोलती बंद हो गई।

-> जब अनीता ने अपने बॉस को अपनी परियोजना के बारे में बताया, तो बॉस की बोलती बंद हो गई।

निष्कर्ष: “बोलती बंद हो जाना” मुहावरा हमारी भाषा में उस स्थिति को व्यक्त करता है जब हम शब्दों के अभाव में या किसी आश्चर्यजनक परिस्थिति में चुप हो जाते हैं। यह मुहावरा हमें बताता है कि कभी-कभी शब्दों से ज्यादा मौन की भी अपनी एक गहरी और प्रभावी भाषा होती है। यह अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ शब्द अप्रभावी या अनुपयुक्त होते हैं।

बोलती बंद हो जाना मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, अमन नाम का एक लड़का अपने गांव का सबसे बड़ा बदमाश माना जाता था। वह हमेशा अपनी चालाकी और बहादुरी की बातें करता रहता था और अक्सर अन्य बच्चों को चिढ़ाता था।

एक दिन गांव में एक प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। प्रतियोगिता का विषय था – ‘कौन बनेगा गांव का सबसे बहादुर बालक?’ अमन ने बड़े गर्व से इस प्रतियोगिता में भाग लिया।

प्रतियोगिता के दिन, एक-एक करके बच्चों ने अपनी बहादुरी दिखाई। अमन का नंबर आने पर उसने बड़ी बहादुरी से कहा, “मैं किसी से नहीं डरता, मैं अकेला ही काफी हूँ।”

तभी आयोजकों ने एक छोटा सा परीक्षण रखा। उन्होंने एक छोटे से बक्से को खोला, जिसमें एक छोटा सा चूहा था। चूहे को देखते ही अमन की बोलती बंद हो गई और वह डर के मारे पीछे हट गया। उसका यह रूप देखकर सभी गांववाले हैरान थे।

अमन को तब समझ में आया कि केवल शब्दों से ही बहादुरी नहीं होती। उस दिन के बाद, अमन ने कभी भी खुद को बड़ा बहादुर नहीं बताया और वह विनम्रता से पेश आने लगा।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कई बार वास्तविकता हमारे शब्दों और दावों के विपरीत होती है। “बोलती बंद हो जाना” मुहावरा हमें यह बताता है कि कभी-कभी परिस्थितियाँ हमें निरुत्तर कर देती हैं और हमारे अहंकार को चुप करा देती हैं।

शायरी:

चले थे बहादुरी का डंका बजाने, अर्जुन थे नाम,

पर चूहे ने जब सामना किया, हुई बोलती तमाम।

दिखावे की बहादुरी में, कितना भी दम हो,

जब हकीकत से सामना हो, खो जाता है रोशनी का काम।

अर्जुन की ये कहानी, बयां करती है एक सच्चाई,

शब्दों की बहादुरी और हकीकत में, बड़ी दूरी है भाई।

गर्व से चलते थे जो, उनकी बोलती हुई बंद,

जीवन की इस दौड़ में, सबक बना यह अनुभव का चंद।

जब भी अहंकार में बोलो, याद रखना यह किस्सा,

जब हकीकत आँखों के सामने आए, बोलती बंद हो जाती है जल्दी से बिना किसी फिस्सा।

 

बोलती बंद हो जाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of बोलती बंद हो जाना – Bolti band ho jana Idiom:

Introduction: “बोलती बंद हो जाना” is a popular Hindi idiom that denotes a situation where a person becomes speechless or runs out of words. This phrase is used when someone is unable to speak due to surprise, fear, hesitation, or lack of an answer.

Meaning: The meaning of “बोलती बंद हो जाना” is to become silent due to some reason. It represents a situation where a person has no words to speak or feels incapable of speaking.

Usage: This idiom is often used when someone finds it difficult to respond to something or is astonished by a situation or comment.

Example:

-> When Niyant achieved the highest marks in his class, his friend was left speechless.

-> When Anita explained her project to her boss, he was left speechless.

Conclusion: The idiom “बोलती बंद हो जाना” articulates a situation in our language where we become silent either due to a lack of words or an astonishing circumstance. This phrase tells us that sometimes silence has its own deep and impactful language, which is often used in situations where words are ineffective or inappropriate.

Story of ‌‌Bolti band ho jana Idiom in English:

Once there was a boy named Aman, who was considered the biggest troublemaker of his village. He always boasted about his cunning and bravery and often teased other children.

One day, a competition was organized in the village. The theme was – ‘Who will be the bravest boy of the village?’ Aman participated in the competition with great pride.

On the day of the competition, one by one, the children showcased their bravery. When it was Aman’s turn, he boldly proclaimed, “I am not afraid of anyone, I am enough on my own.”

Then the organizers set up a small test. They opened a small box, which contained a little mouse. As soon as he saw the mouse, Aman was struck dumb with fear and retreated. Everyone in the village was surprised to see this side of Aman.

It was then that Aman realized that bravery is not just in words. After that day, Aman never boasted about being brave and started to behave more humbly.

This story teaches us that sometimes reality is contrary to our words and claims. The idiom “बोलती बंद हो जाना” tells us that sometimes circumstances render us speechless and silence our ego.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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