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बिंध गया सो मोती, रह गया सो सीप, अर्थ, प्रयोग(Bindh gya so moti, rah gya so seep)

परिचय: “बिंध गया सो मोती, रह गया सो सीप” एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है जो जीवन के गहन दर्शन को सरल शब्दों में व्यक्त करती है। यह कहावत समय और अवसर के महत्व को बताती है और हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

अर्थ: इस कहावत का सीधा अर्थ है कि “जो समय पर काम करता है, वह सफल होता है, और जो चूक जाता है, वह पीछे रह जाता है।” यहाँ ‘मोती’ सफलता और ‘सीप’ असफलता या अवसर को खो देने का प्रतीक है।

उपयोग: यह कहावत अक्सर उन स्थितियों में इस्तेमाल की जाती है जहाँ किसी को अवसर मिलता है और वह उसका लाभ उठाकर सफलता प्राप्त करता है। इसके विपरीत, जो लोग इन अवसरों को पहचान नहीं पाते या उनका लाभ नहीं उठाते, वे जीवन में पीछे रह जाते हैं।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक विद्यार्थी के पास परीक्षा की अच्छी तैयारी करने का अवसर है, लेकिन वह इस अवसर का उपयोग नहीं करता और समय व्यर्थ करता है। वहीं, दूसरा विद्यार्थी इस अवसर का लाभ उठाकर कठिन परिश्रम करता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करता है। यहां पहला विद्यार्थी ‘सीप’ का प्रतीक है, जबकि दूसरा ‘मोती’।

समापन: “बिंध गया सो मोती, रह गया सो सीप” कहावत हमें यह सिखाती है कि जीवन में अवसरों का महत्व होता है और इनका सही समय पर उपयोग करना चाहिए। यह हमें प्रेरित करती है कि हमें हर अवसर को पहचानना चाहिए और उसे अपनी सफलता के लिए उपयोग में लाना चाहिए। यह कहावत हमारे जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ है और हमें सदैव इसका स्मरण रखना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

बिंध गया सो मोती, रह गया सो सीप कहावत पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में अनुभव नाम का एक लड़का रहता था। अनुभव के पास बहुत सारी प्रतिभा और क्षमता थी, लेकिन वह अक्सर अवसरों को नहीं पहचान पाता था। एक दिन गाँव में एक बड़े व्यापारी ने आकर घोषणा की कि वह गाँव के युवाओं को अपने साथ शहर ले जाकर व्यापार सिखाना चाहता है। यह सुनकर गाँव के सभी युवा उत्साहित हो गए।

अनुभव ने भी इस अवसर के बारे में सुना, लेकिन उसने सोचा कि शायद यह उसके लिए नहीं है। उसने सोचा, “मैं गाँव में रहकर ही खुश हूँ। शहर जाने का क्या फायदा?” इसलिए उसने इस अवसर को नजरअंदाज कर दिया।

वहीं, गाँव का दूसरा युवा अभय, जो अनुभव के ही उम्र का था, उसने इस अवसर को हाथ से नहीं जाने दिया। वह व्यापारी के साथ शहर गया और वहाँ उसने व्यापार की बारीकियाँ सीखीं। कुछ ही सालों में अभय ने अपना खुद का व्यापार शुरू कर दिया और सफल हो गया।

अनुभव जब अभय की सफलता के बारे में सुना, तो उसे बहुत पछतावा हुआ। उसे एहसास हुआ कि उसने जो अवसर खो दिया, वह उसके लिए मोती बन सकता था, लेकिन अब वह सिर्फ एक सीप बनकर रह गया।

निष्कर्ष:

अनुभव की कहानी हमें सिखाती है कि “बिंध गया सो मोती, रह गया सो सीप” कहावत का अर्थ है कि जो व्यक्ति समय पर अवसर को पहचानकर उसका उपयोग करता है, वह सफलता प्राप्त करता है, और जो इसे नजरअंदाज करता है, वह पीछे रह जाता है। यह कहानी हमें प्रेरित करती है कि हमें हर अवसर को सही समय पर पहचानना और उसका लाभ उठाना चाहिए।

शायरी:

अवसर की इस धरा पर, मोती बनना है जरूरी,

जो बिंध गया, समझो उसी की बाजी है पूरी।

रह गया जो सीप में, उसका क्या है कसूर,

जीवन की इस राह में, बस एक कदम है दूर।

ख्वाबों की इस दौड़ में, सबने दौड़ लगानी है,

जो ठहर गया, समझो उसकी किस्मत सोने ने मानी है।

बिंध गए जो मोती में, उनकी कहानी और है,

सीप में रह गए जो, उनकी जुबानी और है।

मौका मिले तो उसे थाम लो, यही तो जीवन की रीत है,

बिंध गया जो मोती में, समझो उसकी जीत है।

रह गया जो सीप में, उसका दिल बेचैन और है,

जीवन की इस राह में, हर किसी का सफर और है।

मोती बन जाने की, इस दौड़ में सबको भागना है,

जो चूक गया, उसे फिर से एक मौका ढूंढना है।

जीवन की इस धरा पर, अवसरों का खेल निराला,

बिंध गया सो मोती, रह गया सो सीप, यही है जीवन का सारा।

 

बिंध गया सो मोती, रह गया सो सीप शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of बिंध गया सो मोती, रह गया सो सीप – Bindh gya so moti, rah gya so seep Proverb:

Introduction: “Bindh gya so moti, rah gya so seep” is a famous Hindi proverb that expresses a profound philosophy of life in simple words. This proverb highlights the importance of time and opportunity and motivates us to move forward in life.

Meaning: The literal meaning of this proverb is “He who acts in time is successful, and he who misses, lags behind.” Here, ‘मोती’ (pearl) symbolizes success and ‘सीप’ (oyster shell) symbolizes failure or the loss of opportunity.

Usage: This proverb is often used in situations where someone gets an opportunity and achieves success by making the most of it. Conversely, those who fail to recognize or capitalize on these opportunities end up lagging behind in life.

Examples:

-> Consider a student who has the opportunity to prepare well for an exam but does not utilize this chance and wastes time. Another student, however, takes advantage of this opportunity, works hard, and scores well in the exam. Here, the first student symbolizes the ‘oyster shell,’ while the second represents the ‘pearl.’

Conclusion: The proverb “Bindh gya so moti, rah gya so seep” teaches us the importance of opportunities in life and that they should be utilized at the right time. It inspires us to recognize every opportunity and use it for our success. This proverb is an important lesson for our lives and something we should always remember.

Story of Bindh gya so moti, rah gya so seep Proverb in English:

In a small village, there lived a boy named Anubhav. Anubhav was immensely talented and capable, but he often failed to recognize opportunities. One day, a prominent businessman visited the village and announced that he wanted to take the village youth to the city to teach them business. This news excited all the young people in the village.

Anubhav also heard about this opportunity, but he thought it might not be for him. He thought, “I am happy living in the village. What’s the use of going to the city?” Therefore, he ignored this opportunity.

Meanwhile, another young man from the village, Abhay, who was of the same age as Anubhav, did not let this opportunity slip away. He went to the city with the businessman and learned the intricacies of business. Within a few years, Abhay started his own business and became successful.

When Anubhav heard about Abhay’s success, he regretted his decision deeply. He realized that the opportunity he had lost could have been his pearl, but now he remained just an oyster shell.

Conclusion:

Anubhav’s story teaches us that the proverb “Bindh gya so moti, rah gya so seep” means that a person who recognizes and utilizes an opportunity in time achieves success, while one who ignores it falls behind. This story inspires us to identify every opportunity at the right time and take advantage of it.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQ:

इस कहावत का रोज़मर्रा की बातचीत में कैसे इस्तेमाल किया जाता है?

इसे अक्सर तब इस्तेमाल किया जाता है जब सफलता और असफलता के परिणामों की बात की जाती है।

यह कहावत सफलता और असफलता के बारे में क्या सिखाती है?

यह कहावत यह सिखाती है कि सफलता और असफलता दोनों का समाज में अलग-अलग महत्व होता है।

क्या इस कहावत का उपयोग प्रेरणादायक संदर्भ में किया जा सकता है?

हां, इस कहावत का उपयोग प्रेरणा और सफलता की कहानियों में किया जा सकता है।

यह कहावत व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में कैसे प्रासंगिक है?

यह कहावत व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफलता और असफलता के परिणामों को दर्शाती है।

क्या अन्य संस्कृतियों में इसी तरह की कहावतें हैं?

जी हां, अन्य संस्कृतियों में भी सफलता और असफलता के परिणामों पर जोर देने वाली कहावतें होती हैं।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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