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बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले न भीख, अर्थ, प्रयोग(Bin maange moti mile maange mile na bheekh)

“बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है कि कई बार बिना मांगे ही बहुमूल्य चीजें या अवसर प्राप्त हो जाते हैं, जबकि मांगने पर भी कभी-कभी साधारण चीजें भी नहीं मिलतीं।

परिचय: यह कहावत जीवन की अनिश्चितता और किस्मत के खेल को दर्शाती है। इसमें यह भावना निहित है कि कभी-कभी बिना किसी प्रयत्न के भी मनुष्य को बड़ी सफलता या उपलब्धियां प्राप्त हो जाती हैं।

अर्थ: कहावत का मूल अर्थ यह है कि कभी-कभी अनपेक्षित रूप से बड़ी उपलब्धियां और सौभाग्य मिल जाते हैं, जबकि जब हम कुछ विशेष चीजों की मांग करते हैं, तो वे हमें प्राप्त नहीं होतीं।

उपयोग: यह कहावत तब उपयोगी होती है जब हमें यह समझाना हो कि जीवन में सब कुछ प्रयत्नों पर निर्भर नहीं करता। कई बार किस्मत और संयोग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उदाहरण:

-> एक व्यक्ति जो बिना किसी उम्मीद के एक प्रतियोगिता में भाग लेता है और पहला पुरस्कार जीत जाता है, वहीं दूसरा व्यक्ति जो बहुत मेहनत करता है लेकिन उसे सफलता नहीं मिलती, इस स्थिति में “बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख” कहावत सटीक बैठती है।

समापन: इस कहावत से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में हमेशा प्रयत्न ही सफलता की गारंटी नहीं होते। कभी-कभी भाग्य और संयोग भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसलिए, हमें हर स्थिति को सकारात्मकता के साथ स्वीकार करना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में अभय और अनुज नाम के दो दोस्त रहते थे। अभय बहुत मेहनती और लगनशील था, जबकि अनुज हमेशा सौभाग्य पर भरोसा करता था। एक दिन, गाँव में एक बड़ा खजाना खोजने की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। अभय ने इस प्रतियोगिता में भाग लेने का निश्चय किया और दिन-रात मेहनत करके खजाने के नक्शे का अध्ययन किया।

दूसरी ओर, अनुज ने भी प्रतियोगिता में भाग लिया, लेकिन उसने ज्यादा मेहनत नहीं की और सिर्फ अपनी किस्मत पर भरोसा किया। प्रतियोगिता के दिन, दोनों ने खजाने की खोज शुरू की। अभय ने अपनी सारी जानकारी और कौशल का उपयोग किया, लेकिन वह खजाना नहीं ढूंढ पाया।

इसी बीच, अनुज जो बिना किसी योजना के घूम रहा था, अचानक एक गुफा में चला गया और वहाँ उसे वह खजाना मिल गया। गाँव के लोग हैरान रह गए। अभय ने भी अनुज की किस्मत की दाद दी।

इस घटना से गाँव के लोगों ने सीखा कि “बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख”। यानी कि कभी-कभी बिना मांगे ही अवसर या सफलता मिल जाती है, जबकि कड़ी मेहनत और प्रयास से भी कभी-कभी मनचाही चीजें नहीं मिलतीं। इसलिए, जीवन में हमेशा उम्मीद और सकारात्मकता बनाए रखनी चाहिए।

शायरी:

बिन मांगे जो मिले वो किस्मत का खेल है,

मांगे जो न मिले, ज़िन्दगी का ये मेल है।

जैसे चाँदनी रात में बिन बुलाए चाँद आ जाता है,

मांगने से कभी कभी वो चाँद भी नहीं पाता है।

कभी किस्मत से ज्यादा, कभी नसीब से कम,

“बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख” की ये दास्तां है बड़ी अजब।

कभी बिना मांगे जीवन में खुशियाँ आ जाती हैं,

मांगने पर कभी कभी वो खुशियाँ भी छिन जाती हैं।

ये दुनिया है इक रंगमंच, कभी खुशियाँ, कभी ग़म,

“बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख”, इसमें छुपा है जीवन का दम।

 

बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले न भीख – Bin maange moti mile maange mile na bheekh Proverb:

The Hindi proverb “Bin maange moti mile maange mile na bheekh” is a popular saying which means that sometimes, valuable things or opportunities are received without asking, while at other times, even simple things are not obtained even after asking.

Introduction: The Hindi proverb “Bin maange moti mile maange mile na bheekh” illustrates the often-seen conflicting relationships in society. It is used when there is animosity with a person but friendship or relations with another member of their family.

Meaning: A person who participates in a competition without any expectations and wins the first prize, whereas another person who works hard but doesn’t achieve success, in this situation, the proverb “Bin maange moti mile maange mile na bheekh” fits perfectly.

Usage: This proverb teaches us that in life, efforts are not always a guarantee of success. Sometimes, luck and coincidences also have a significant role. Therefore, we should always accept every situation with positivity.

Examples:

-> A person who participates in a competition without any expectations and wins the first prize, whereas another person who works hard but doesn’t achieve success, in this situation, the proverb “Bin maange moti mile maange mile na bheekh” fits perfectly.

Conclusion: This proverb teaches us that in life, efforts are not always a guarantee of success. Sometimes, luck and coincidences also have a significant role. Therefore, we should always accept every situation with positivity.

Story of Bin maange moti mile maange mile na bheekh Proverb in English:

Once upon a time, in a small village, there were two friends named Abhay and Anuj. Abhay was very hardworking and diligent, while Anuj always relied on good fortune. One day, a competition to find a big treasure was organized in the village. Abhay decided to participate in the competition and studied the treasure map day and night.

On the other hand, Anuj also participated in the competition, but he didn’t work hard and just relied on his luck. On the day of the competition, both started searching for the treasure. Abhay used all his knowledge and skills, but he couldn’t find the treasure.

Meanwhile, Anuj, who was wandering without any plan, accidentally entered a cave and found the treasure there. The villagers were amazed. Abhay also acknowledged Anuj’s luck.

This incident taught the villagers the meaning of “Bin maange moti mile maange mile na bheekh”. It means that sometimes opportunities or success come without asking, while even hard work and efforts sometimes don’t yield desired results. Therefore, one should always maintain hope and positivity in life

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस कहावत में आत्म-समर्पण का महत्व है?

हां, इस कहावत में आत्म-समर्पण का महत्व है, क्योंकि बिना किसी से मदद मांगे भी हम सफल हो सकते हैं।

इस कहावत का सामाजिक संदेश क्या है?

सामाजिक संदेश है कि समाज में सहायता करने का भाव होना चाहिए और आत्म-निर्भरता की प्रेरणा देनी चाहिए।

इस कहावत का स्रोत क्या है?

यह कहावत भारतीय सांस्कृतिक परंपरा से आती है और लोकप्रिय हिंदी मुहावरों में शामिल है।

इस कहावत का विशेष प्रयोग किस परिस्थिति में हो सकता है?

यदि कोई व्यक्ति किसी समस्या से निराश है और उसे आत्म-निर्भरता का मार्ग अपनाना है, तो इस कहावत का सुझाव दिया जा सकता है।

इस कहावत में जीवन की कौन-कौन सी मूल्यों की बात की गई है?

इसमें स्वाभाविकता, साहस, और स्वावलंबन की महत्वपूर्ण बातें हैं।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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