परिचय: “बिल्ली गई चूहों की बन आयी” यह कहावत हिंदी में एक प्रसिद्ध लोकोक्ति है, जिसका प्रयोग अक्सर उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए होता है जब खतरा टलने पर लोग अपने आनंद और मनोरंजन में लीन हो जाते हैं।
अर्थ: इस कहावत का मूल अर्थ है कि जब खतरे का कारण चला जाता है, तो लोग आजादी और खुशी महसूस करते हैं। जैसे जब बिल्ली चली जाती है, तो चूहे बिना डर के खुलकर अपने मनोरंजन में लग जाते हैं।
उपयोग: इस कहावत का उपयोग तब होता है जब डर या खतरे के बाद लोग अपनी आजादी का आनंद उठाते हैं।
उदाहरण:
-> एक स्कूल में, जब शिक्षक कक्षा से बाहर जाते हैं, तो विद्यार्थी खेलने-कूदने लगते हैं और अपनी पसंदीदा गतिविधियों में लीन हो जाते हैं। यहाँ कहा जा सकता है कि “बिल्ली गई चूहों की बन आयी।”
समापन: इस कहावत से हमें यह सीख मिलती है कि जब डर या बाधा दूर होती है, तो लोग स्वतंत्रता का आनंद उठाते हैं। यह हमें यह भी बताता है कि जीवन में मनोरंजन और खुशी के क्षण उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितना कि कार्य और जिम्मेदारियां।
बिल्ली गई चूहों की बन आयी कहावत पर कहानी:
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक शिक्षक थे, जिनका नाम था अनुज। अनुज सर की कक्षा में बच्चे बहुत डरते थे क्योंकि वह काफी कठोर और अनुशासनप्रिय थे। बच्चे उनकी कक्षा में चुपचाप और तनाव में बैठा करते थे।
एक दिन, अनुज सर को अचानक स्कूल के प्रधानाचार्य ने अपने कार्यालय में बुला लिया। जैसे ही अनुज सर कक्षा से बाहर गए, बच्चों ने राहत की सांस ली। उन्होंने एक-दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिए।
फिर क्या था, कक्षा में खुशियों का माहौल बन गया। बच्चे खुलकर हँसने लगे, आपस में बातें करने लगे और कुछ ने तो छोटे-छोटे खेल भी शुरू कर दिए। उनकी खुशियाँ और ऊर्जा देखकर लग रहा था मानो कक्षा में एक नया जीवन आ गया हो।
इसी दौरान, एक छोटे बच्चे ने कहा, “देखो, अनुज सर नहीं हैं और हम सब कितने खुश हैं! यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसे ‘बिल्ली गई चूहों की बन आयी’।”
जब अनुज सर वापस आए, तो कक्षा फिर से शांत हो गई, लेकिन उस दिन बच्चों ने यह सीखा कि खुशियाँ और आजादी का अपना एक अलग महत्व होता है।
निष्कर्ष:
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि जब डर या दबाव का माहौल नहीं होता, तो लोग स्वाभाविक रूप से खुश और आजाद महसूस करते हैं। “बिल्ली गई चूहों की बन आयी” कहावत यह दर्शाती है कि खुशी और मनोरंजन भी जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं, खासकर जब डर और तनाव से मुक्ति मिलती है।
शायरी:
बिल्ली गई चूहों की बन आई,
खुशियों का जहां यूँ खिल आया।
डर के साए में जो छिपे थे सब,
आजादी की हवा में वो बह आया।
जब दबाव से निजात मिली,
हर चेहरा खुशी से खिल उठा।
बिल्ली गई चूहों की बन,
जीवन का यह खेल बदल गया।
खुशी के इस पल को समझो,
जीवन के हर लम्हे को गले लगाओ।
बिल्ली गई चूहों की बन आई,
आजादी के इस झोंके को अपनाओ।
हर डर की छाया से निकल,
खुशियों का जश्न मनाओ।
बिल्ली गई चूहों की बन आई,
जीवन के हर रंग को अपनाओ।
आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।
Hindi to English Translation of बिल्ली गई चूहों की बन आयी – Billi gayi chuhon ki ban aayi Proverb:
Introduction: “Billi gayi chuhon ki ban aayi” is a famous Hindi proverb, often used to describe a situation where people indulge in joy and entertainment once a threat has passed.
Meaning: The fundamental meaning of this proverb is that when the source of fear or threat is gone, people feel free and happy. Just like when the cat leaves, the mice freely engage in their own entertainment without fear.
Usage: This proverb is used when people enjoy their freedom after a period of fear or threat.
Examples:
-> In a school, when the teacher leaves the classroom, students start playing and engaging in their favorite activities. Here, it can be said, “Billi gayi chuhon ki ban aayi.”
Conclusion: This proverb teaches us that people relish freedom when fear or obstacles are removed. It also reminds us that moments of entertainment and happiness are as important in life as work and responsibilities.
Story of Billi gayi chuhon ki ban aayi Proverb in English:
In a small village, there lived a shopkeeper named Vikas. Vikas’s shop sold various valuable items. One day, Vikas had to leave the village for a few days and was in search of a trustworthy person to look after his shop.
During this time, a new person in the village, Abhay, who claimed to be very honest, approached Vikas. Abhay assured Vikas that he would take good care of his shop. Without knowing much about Abhay, Vikas handed over the keys to his shop.
After Vikas left, Abhay revealed his true colors. He was actually a cunning thief and, in Vikas’s absence, stole many valuable items from the shop. When Vikas returned, he found his shop nearly empty.
This incident was a big lesson for Vikas. He realized that entrusting Abhay with his shop was like “assigning the cat to guard the milk.” He understood that trusting someone without complete information and confidence can be very risky.
Conclusion:
Vikas’s story teaches us that we should be very careful while assigning responsibilities. Entrusting the wrong person can not only invite failure but also lead to significant losses.
I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.
FAQ:
क्या इस कहावत का उपयोग केवल नकारात्मक संदर्भ में होता है?
ज्यादातर इसका उपयोग नकारात्मक संदर्भ में होता है, जब लोग अनुशासनहीनता या अराजकता में लिप्त होते हैं।
क्या “बिल्ली गई चूहों की बन आयी” कहावत का अंग्रेजी में कोई समानार्थी है?
इस कहावत का अंग्रेजी में एक समानार्थी है “When the cat’s away, the mice will play” जिसका अर्थ और प्रयोग समान है।
क्या इस कहावत का प्रयोग स्कूलों या शैक्षणिक संस्थानों में होता है?
हाँ, शिक्षक या प्राध्यापक अक्सर इस कहावत का प्रयोग करते हैं जब वे छात्रों को अनुशासन का महत्व समझाना चाहते हैं।
क्या इस कहावत का उपयोग कार्यस्थलों में भी किया जाता है?
हाँ, कार्यस्थलों में इस कहावत का प्रयोग प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच अनुशासन और जवाबदेही को लेकर होता है।
क्या यह कहावत बच्चों के लिए उपयुक्त है?
हाँ, यह कहावत बच्चों को अनुशासन और जवाबदेही के महत्व को समझाने के लिए उपयुक्त है।
क्या “बिल्ली गई चूहों की बन आयी” कहावत का उपयोग व्यंग्य के रूप में भी होता है?
हाँ, कभी-कभी इस कहावत का उपयोग व्यंग्यात्मक तरीके से भी किया जाता है, जब किसी स्थिति में अनुशासनहीनता को उजागर करना होता है।
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