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बद अच्छा, बदनाम बुरा अर्थ, प्रयोग (Bad Achha, Badnaam Bura)

परिचय: ‘बद अच्छा, बदनाम बुरा’ भारतीय समाज में प्रचलित एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है। यह मुहावरा व्यक्तिगत और सामाजिक प्रतिष्ठा के संबंध में गहरी समझ दर्शाता है।

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि बुरा होना अपेक्षाकृत बेहतर है, बजाय बुरा कहलाने के। इसका मतलब यह है कि अगर आप बुरे काम कर भी रहे हैं, तो वह कम बुरा है बजाय इसके कि आपकी प्रतिष्ठा खराब हो। यह मुहावरा यह भी दर्शाता है कि समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान का कितना महत्व है।

प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर बात आती है। यह उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहां व्यक्ति के चरित्र या साख पर सवाल उठते हैं।

उदाहरण:

-> “सुभाष ने अपने व्यापार में छोटी-मोटी गलतियां की हैं, लेकिन वह कभी बदनाम नहीं हुआ। आखिर, बद अच्छा, बदनाम बुरा।”

-> “अगर आपकी अच्छी प्रतिष्ठा है, तो छोटी गलतियां माफ हो सकती हैं, क्योंकि बद अच्छा, बदनाम बुरा।”

निष्कर्ष: ‘बद अच्छा, बदनाम बुरा’ मुहावरा हमें यह सिखाता है कि समाज में हमारी प्रतिष्ठा और सम्मान बहुत महत्वपूर्ण है। यह बताता है कि किसी भी परिस्थिति में हमें अपनी छवि और सम्मान की रक्षा करनी चाहिए, भले ही हमसे कुछ गलतियां हो जाएं। यह मुहावरा समाज में चरित्र और साख की महत्वता को रेखांकित करता है।

बद अच्छा, बदनाम बुरा मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में प्रेमचंद्र नाम का एक ईमानदार और मेहनती किसान रहता था। प्रेमचंद्र की सबसे बड़ी खूबी उसकी ईमानदारी थी। गाँव में उसकी अच्छी प्रतिष्ठा थी और सभी उसे सम्मान देते थे।

एक बार, प्रेमचंद्र को अपनी फसलों के लिए ज्यादा पानी की जरूरत पड़ी। उसने सोचा कि वह रात में चुपके से अपने पड़ोसी के खेत से कुछ पानी ले लेगा। प्रेमचंद्र ने ऐसा किया भी, लेकिन उसी रात, गाँव के कुछ लोगों ने उसे देख लिया।

अगले दिन, पूरे गाँव में यह बात फैल गई कि प्रेमचंद्र ने चोरी की है। प्रेमचंद्र की इस हरकत से गाँववालों का विश्वास उससे उठ गया और उसकी प्रतिष्ठा धूमिल हो गई। प्रेमचंद्र को तब एहसास हुआ कि उसकी छोटी सी गलती ने उसके सारे अच्छे कामों को नजरअंदाज कर दिया।

प्रेमचंद्र ने तब गाँववालों से माफी माँगी और वादा किया कि वह आगे से कभी भी ऐसी गलती नहीं करेगा। गाँववालों ने प्रेमचंद्र की ईमानदारी को देखते हुए उसे माफ कर दिया, लेकिन प्रेमचंद्र को समझ आ गया कि ‘बद अच्छा, बदनाम बुरा’। उसे यह भी समझ आया कि प्रतिष्ठा एक बार खोने पर वापस पाना बहुत कठिन होता है।

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि प्रतिष्ठा का महत्व होता है और उसे बनाए रखने के लिए हमें हमेशा सही रास्ते पर चलना चाहिए। गलतियां हो सकती हैं, लेकिन उन्हें स्वीकार करते हुए सुधार की ओर बढ़ना चाहिए।

शायरी:

कुछ गलतियाँ कर बैठा था मैं, बदनाम हो गया,

दुनिया की नजरों में अच्छा था, अनजान हो गया।

चर्चाएं होती रहीं गलियों में, जैसे शोर हवाओं में,

बद अच्छा था मैं, पर बदनामी की आग में जला।

कहते हैं लोग, ‘बद अच्छा, बदनाम बुरा’,

मेरी एक गलती ने सब कुछ बिखेर दिया।

सच कहूँ तो दुनिया में इज्जत की बात अलग,

खुद को पाक साफ रखना, ये जंग हर रोज की।

बदनामी के दाग से अच्छा है, खामोश रहना,

इस दुनिया में नाम ही आखिरी सच है, मेरे दोस्त।

 

बद अच्छा, बदनाम बुरा

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of बद अच्छा, बदनाम बुरा – Bad achcha, Badnam bura Idiom:

Introduction: ‘Bad Achha, Badnaam Bura’ is a famous Hindi idiom prevalent in Indian society. This idiom deeply reflects the understanding of personal and social reputation.

Meaning: The meaning of this idiom is that being bad is relatively better than being defamed. It implies that if you are doing bad deeds, it is less harmful than having your reputation tarnished. This idiom also highlights how important reputation and respect are in society.

Usage: This idiom is often used when discussing a person’s reputation. It is applied in situations where questions arise about an individual’s character or integrity.

Example:

-> “Subhash made some minor mistakes in his business, but he was never defamed. After all, it’s better to be bad than to be defamed.”

-> “If you have a good reputation, small mistakes can be forgiven, because it’s better to be bad than to be defamed.”

Conclusion: The idiom ‘Bad Achha, Badnaam Bura’ teaches us that our reputation and respect in society are very important. It tells us that we should protect our image and honor in any situation, even if we make some mistakes. This idiom underlines the importance of character and reputation in society.

Story of ‌‌Bad Achha, Badnaam Bura Idiom in English:

In a small village, there lived an honest and hardworking farmer named Premchandra. Premchandra’s greatest virtue was his honesty. He had a good reputation in the village, and everyone respected him.

Once, Premchandra needed extra water for his crops. He thought of secretly taking some water from his neighbor’s field at night. Premchandra did so, but that very night, some villagers saw him.

The next day, the whole village buzzed with the news that Premchandra had stolen water. This act shattered the villagers’ trust in him and tarnished his reputation. Premchandra realized that his minor mistake had overshadowed all his good deeds.

Premchandra then apologized to the villagers and promised never to make such a mistake again. The villagers, seeing his honesty, forgave him, but Premchandra understood the proverb ‘Bad Achha, Badnaam Bura’ (‘better to be bad than defamed’). He also realized how difficult it is to regain lost reputation.

This story teaches us the importance of maintaining a good reputation and that we should always walk the path of righteousness. Mistakes may happen, but we should acknowledge them and strive for improvement.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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