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बाप से बैर, पूत से सगाई, अर्थ, प्रयोग(Baap se bair, poot se sagai)

परिचय: “बाप से बैर, पूत से सगाई” यह हिंदी मुहावरा समाज में अक्सर देखे जाने वाले द्वंद्वात्मक संबंधों को दर्शाता है। इसका प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति से दुश्मनी हो लेकिन उसके परिवार के किसी अन्य सदस्य से मित्रता या संबंध हो।

अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि एक व्यक्ति से वैर रखने के बावजूद, उसके बेटे या परिवार के किसी अन्य सदस्य से अच्छे संबंध या नजदीकी हो। यह समाज में व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंधों की जटिलताओं को दर्शाता है।

उपयोग: यह मुहावरा अक्सर उस स्थिति में प्रयोग किया जाता है जब किसी से व्यक्तिगत रूप से अनबन हो, लेकिन उसी परिवार के दूसरे सदस्य से सद्भावना या मित्रता हो।

उदाहरण:

-> यदि किसी व्यापारी से व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा हो, लेकिन उसके बेटे से अच्छे व्यक्तिगत संबंध हों, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।

-> विकासनीति में भी यह मुहावरा लागू होता है जहां एक नेता से मतभेद होने पर भी उसके परिवार के सदस्य से अच्छे संबंध हो सकते हैं।

समापन: “बाप से बैर, पूत से सगाई” के माध्यम से हम समझते हैं कि जीवन में संबंधों की जटिलताएं और उनके विभिन्न पहलू होते हैं। यह मुहावरा हमें यह भी सिखाता है कि हर संबंध का अपना अलग महत्व होता है और एक व्यक्ति के साथ संबंधों का प्रभाव उसके परिवार के अन्य सदस्यों पर नहीं पड़ना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

बाप से बैर, पूत से सगाई कहावत पर कहानी:

एक छोटे से शहर में विकास और अभय नाम के दो व्यापारी रहते थे। विकास का व्यापार अभय के पिता से प्रतिस्पर्धा में था, और दोनों के बीच व्यावसायिक दुश्मनी थी। लेकिन अभय और विकास के बीच का संबंध बहुत अलग था।

अभय, जो अपने पिता के व्यापार में हाथ बंटाने आया था, उसने विकास के साथ व्यक्तिगत संबंध विकसित कर लिए थे। दोनों युवा व्यापारियों में कई सामान्य रुचियां थीं, और उनकी मित्रता दिन-प्रतिदिन मजबूत होती जा रही थी।

विकास के दिल में अभय के पिता के लिए जो व्यावसायिक द्वेष था, वह अभय के प्रति नहीं था। विकास ने एक बार कहा, “मेरा अभय के पिता से भले ही व्यापारिक बैर हो, लेकिन अभय से मेरी सगाई है। ‘बाप से बैर, पूत से सगाई’।”

इस कहानी से हमें सिखने को मिलता है कि संबंधों की जटिलताएं अक्सर विरोधाभासी होती हैं, और एक ही परिवार के विभिन्न सदस्यों के साथ भिन्न संबंध हो सकते हैं। यह मुहावरा हमें यह भी बताता है कि हर संबंध का अपना अलग महत्व होता है और एक व्यक्ति के प्रति भावना दूसरे तक नहीं पहुँचनी चाहिए।

शायरी:

दिल में बैर बाप से, पर बेटे से यारी है,
“बाप से बैर, पूत से सगाई”, ये कहानी बीते कल की प्यारी है।
जिंदगी के इस सफर में, हर रिश्ते की अपनी बारी है,
कोई दूर हो जाता है, किसी से जुड़ जाती कहानी हमारी है।

रिश्तों की इस उलझन में, कभी मोहब्बत, कभी खुमारी है,
बाप से जो दूर हुआ, बेटे से नजदीकी यारी है।
जिंदगी के इस मेले में, सबका अपना-अपना सफर,
किसी से दिल लगा बैठे, किसी से दूरी का असर।

समय की इस चाल में, सब कुछ बदल जाता है,
“बाप से बैर, पूत से सगाई”, ये मुहावरा सच्चाई बताता है।
रिश्तों की ये बुनावट, कभी सीधी, कभी उलझी हुई,
जिंदगी की राहों में, हर किसी की अपनी जुदाई, अपनी खुशी हुई।

 

बाप से बैर, पूत से सगाई शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of बाप से बैर, पूत से सगाई – Baap se bair, poot se sagai Proverb:

Introduction: The Hindi proverb “Baap se bair, poot se sagai” illustrates the often-seen conflicting relationships in society. It is used when there is animosity with a person but friendship or relations with another member of their family.

Meaning: The literal meaning of this proverb is that despite having enmity with a person, one maintains good relations or closeness with their son or another family member. It highlights the complexities of personal and familial relationships in society.

Usage: This proverb is often used in situations where there is a personal dispute with someone, but goodwill or friendship exists with another member of the same family.

Examples:

-> If there is a business rivalry with a merchant, but good personal relations with his son, this proverb can be applied.

-> This proverb also applies in politics where there might be differences with a leader but good relations with a member of his family.

Conclusion: “Baap se bair, poot se sagai” helps us understand that relationships in life are complex and have various aspects. This proverb also teaches us that each relationship has its own importance and the dynamics with one person should not affect the relationship with other members of their family.

Story of Baap se bair, poot se sagai Proverb in English:

In a small town, there lived two merchants named Vikas and Abhay. Vikas’s business was in competition with Abhay’s father, and there was a business rivalry between the two. However, the relationship between Abhay and Vikas was quite different.

Abhay, who had come to assist his father in business, developed a personal relationship with Vikas. The two young businessmen shared several common interests, and their friendship was growing stronger day by day.

In Vikas’s heart, the business animosity he held was towards Abhay’s father, not towards Abhay. Vikas once said, “Though I have business enmity with Abhay’s father, my relationship with Abhay is different. ‘Baap se bair, poot se sagai.'”

This story teaches us that relationships are often paradoxical, and different relationships can exist with various members of the same family. The proverb also tells us that each relationship has its own importance and feelings towards one person should not extend to another.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQ:

इस कहावत का रोज़मर्रा की बातचीत में कैसे इस्तेमाल किया जाता है?

इसे अक्सर तब इस्तेमाल किया जाता है जब किसी के साथ विवाद के बावजूद उसके परिवार या रिश्तेदारों के साथ अच्छे संबंधों की बात हो।

यह कहावत रिश्तों के बारे में क्या सिखाती है?

यह कहावत यह सिखाती है कि संबंधों में जटिलताएं होती हैं और कभी-कभी हमें एक ही परिवार के विभिन्न सदस्यों के साथ अलग-अलग रवैया अपनाना पड़ता है।

क्या इस कहावत का उपयोग सामाजिक और पारिवारिक संबंधों में किया जा सकता है?

हां, इस कहावत का उपयोग सामाजिक और पारिवारिक संबंधों की जटिलताओं को समझाने में किया जा सकता है।

यह कहावत व्यावसायिक संबंधों में कैसे प्रासंगिक है?

यह कहावत व्यावसायिक संबंधों में भी प्रासंगिक हो सकती है जहां किसी एक संबंध के साथ विवाद होने पर भी अन्य संबंधों को संजोने की जरूरत होती है।

क्या अन्य संस्कृतियों में इसी तरह की कहावतें हैं?

जी हां, अन्य संस्कृतियों में भी संबंधों की जटिलता और द्वंद्व पर जोर देने वाली कहावतें होती हैं।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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