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अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग, अर्थ, प्रयोग(Apni-apni dafali, apna-apna raag)

“अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग” एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है कि हर व्यक्ति की अपनी विचारधारा, रुचियाँ, और पसंद होती हैं। इस कहावत का प्रयोग तब किया जाता है जब विभिन्न लोगों के अलग-अलग विचार या दृष्टिकोण प्रकट होते हैं।

परिचय: यह कहावत व्यक्तिगत विविधता और स्वतंत्रता के महत्व को दर्शाती है। यह समाज में व्यक्तिगत अभिरुचि और अद्वितीयता को स्वीकार करने की ओर संकेत करती है।

अर्थ: कहावत “अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग” का शाब्दिक अर्थ है कि हर व्यक्ति का अपना एक अनूठा तरीका और सोच होती है। जैसे हर म्यूजिशियन का अपना एक अलग तरीका होता है डफली बजाने का और अपना एक अलग राग होता है।

उपयोग: इस कहावत का प्रयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहाँ लोग अपनी-अपनी विशेषताओं और मतभेदों के साथ उपस्थित होते हैं। यह भिन्नता और व्यक्तिगत चुनाव की स्वीकृति को दर्शाता है।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक कक्षा में कई छात्र हैं और प्रत्येक की अपनी-अपनी रुचियाँ हैं। कोई क्रिकेट में रुचि रखता है, तो कोई संगीत में। यहाँ “अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग” कहावत का प्रयोग इस विविधता को दर्शाने के लिए किया जा सकता है।

निष्कर्ष: इस कहावत से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर व्यक्ति की अपनी विशिष्टता होती है और इसे सम्मान के साथ स्वीकार करना चाहिए। यह व्यक्तिगत विविधता ही हमारे समाज को समृद्ध और रंगीन बनाती है।

Hindi Muhavare Quiz

अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग कहावत पर कहानी:

एक छोटे से गांव में, ‘राज नगर’ में, एक विशेष उत्सव की तैयारी चल रही थी। गांव के सभी लोग, छोटे से बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस उत्सव के लिए कुछ न कुछ योजना बनाई थी।

उत्सव के दिन, गांव के चौराहे पर सभी इकट्ठा हुए। गांव के संगीतकार अभय ने अपनी डफली निकाली और एक मधुर राग में गाना शुरू किया। उसकी धुन पर कुछ लोग नाचने लगे।

तभी, वहां सितार बजाने वाले विशाल ने आकर अपना सितार बजाना शुरू किया। उसकी धुन बिल्कुल अलग थी। कुछ लोग उसकी धुन पर आकर्षित होकर उसके पास चले गए।

इसी तरह, गांव की एक बुजुर्ग महिला, कुसुम दादी, जो एक अनुभवी गायिका थीं, ने अपनी गायकी शुरू की। उनकी गायकी ने एक अलग समूह को आकर्षित किया।

इस दृश्य को देखकर गांव के सरपंच ने कहा, “देखो, कितनी सुंदरता है इस विविधता में। हर कोई अपनी-अपनी डफली बजा रहा है और अपना-अपना राग गा रहा है।”

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर व्यक्ति की अपनी अनूठी प्रतिभा और रुचियां होती हैं। जैसे ‘राज नगर’ के उत्सव में हर कलाकार ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया, वैसे ही हमें भी समाज में हर व्यक्ति की विशिष्टता का सम्मान करना चाहिए।

शायरी:

अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग,
हर दिल में छुपा है एक अनोखा त्याग।

कोई कहता है सुरों में बातें अपनी,
किसी की कलम में छिपा जग का सारा ज्ञान।

ये दुनिया एक मेला, अनगिनत रंगों का खेला,
हर इंसान अपने रंग में रंगा हुआ एक कलाकार।

फूलों की खुशबू से, किसी की यादें महकीं,
किसी के लफ्जों में छुपा, जिंदगी का राज़।

अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग,
हर दिल में एक कहानी, हर जुबान पर एक फसाना।

चलो इस महफिल में हम भी सुर मिलाएं,
अपनी-अपनी सोच में, नई दुनिया बसाएं।

 

अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग – Apni-apni dafali, apna-apna raag Proverb:

“Apni-apni dafali, apna-apna raag” is a famous Hindi proverb, meaning that every individual has their own ideology, interests, and preferences. This proverb is used when different people express their unique perspectives or viewpoints.

Introduction: The proverb highlights the importance of individual diversity and freedom. It points towards accepting personal tastes and uniqueness in society.

Meaning: The literal meaning of the proverb “Apni-apni dafali, apna-apna raag” is that every person has their own unique way and thought process. Like every musician has their own way of playing the drum and their unique tune.

Usage: This proverb is often used in situations where people present themselves with their unique characteristics and differences. It illustrates the acceptance of diversity and individual choice.

Examples:

-> Imagine a classroom with many students, each having their own interests. Some are interested in cricket, while others are interested in music. Here, the proverb “Apni-apni dafali, apna-apna raag” can be used to illustrate this diversity.

Conclusion: This proverb teaches us that every person has their distinctiveness and it should be respected and accepted with honor. This personal diversity enriches and colors our society.

Story of Apni-apni dafali, apna-apna raag Proverb in English:

In a small village named ‘ Raj Nagar’, preparations for a special festival were underway. Everyone in the village, from young children to the elderly, had planned something for the festival.

On the day of the festival, everyone gathered at the village crossroads. Abhay, the village musician, took out his drum and started singing in a melodious tune. Some people began dancing to his rhythm.

Suddenly, Vishal, who played the sitar, arrived and started playing his instrument. His tune was completely different. Some people were drawn to his music and went towards him.

Similarly, an elderly woman in the village, Kusum Dadi, who was an experienced singer, started her performance. Her singing attracted a different group of people.

Witnessing this scene, the village headman said, “Look, how beautiful this diversity is. Everyone is playing their own drum and singing their own tune.”

This story teaches us that every individual has their unique talents and interests. Just as in ‘Raj Nagar’s festival, each artist displayed their art, similarly, we should also respect the uniqueness of every individual in society.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या इस कहावत का कोई इतिहासिक पृष्ठभूमि है?

नहीं, इस कहावत का कोई विशेष इतिहासिक पृष्ठभूमि नहीं है, लेकिन यह सामाजिक और मानवता के मूल्यों को बताने के लिए प्रचलित है।

क्या इस कहावत का कोई साहित्यिक संदर्भ है?

हाँ, कई साहित्यिक रचनाओं में इस कहावत का उपयोग किया गया है जिससे विभिन्न पारंपरिक और सामाजिक संदेश प्रस्तुत होते हैं।

क्या इस कहावत का अनुवाद अन्य भाषाओं में भी किया जा सकता है?

हाँ, इस कहावत का अनुवाद अन्य भाषाओं में किया जा सकता है ताकि लोग इसका समझ सकें और इससे प्रेरित हो सकें।

क्या इस कहावत का कोई संबंध धार्मिक दृष्टिकोण से है?

नहीं, यह कहावत व्यक्तिगत स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के मौलिक सिद्धांतों के साथ जुड़ी है, लेकिन इसका कोई विशेष धार्मिक संबंध नहीं है।

क्या इस कहावत का उपयोग केवल व्यक्तिगत स्तर पर होता है, या समाज में भी?

इस कहावत का उपयोग व्यक्तिगत स्तर से लेकर समाज में भी होता है, क्योंकि यह सामाजिक समरसता और समृद्धि की दिशा में हमें एक-दूसरे की अद्वितीयता को समझने के लिए प्रेरित करता है।

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