Budhimaan

Home » Kahavaten » अपना घर दूर से सूझता है, अर्थ, प्रयोग(Apna ghar door se sujhta hai)

अपना घर दूर से सूझता है, अर्थ, प्रयोग(Apna ghar door se sujhta hai)

“अपना घर दूर से सूझता है” यह हिंदी कहावत अपने घर और अपने लोगों की अहमियत को बखूबी बयान करती है। इस कहावत का शाब्दिक अर्थ है कि जब हम दूर होते हैं, तब हमें अपने घर की याद सबसे ज्यादा आती है और उसकी कद्र होती है। यह कहावत उस भावनात्मक बंधन को दर्शाती है जो हमें अपने घर और परिवार से जोड़े रखती है, खासकर जब हम उनसे दूर होते हैं।

परिचय: यह कहावत भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है, जहां परिवार और घर को बहुत महत्व दिया जाता है। इसका उपयोग अक्सर यह याद दिलाने के लिए किया जाता है कि अपने घर और परिवार की कीमत को न भूलें, खासकर जब हम उनसे दूर हों।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि जब हम अपने घर से दूर होते हैं, तब हमें उसकी सच्ची कीमत का एहसास होता है। दूरी हमें सिखाती है कि अपने घर और परिवार का महत्व क्या होता है।

उपयोग: इस कहावत का उपयोग उन परिस्थितियों में किया जा सकता है जब किसी को अपने घर और परिवार की याद सता रही हो या जब कोई अपने परिवार से दूर हो। इसे अक्सर उन लोगों को सलाह देने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है जो अपने घर और परिवार को नजरअंदाज कर रहे होते हैं।

उदाहरण:

-> मान लीजिए एक व्यक्ति नौकरी के लिए विदेश चला जाता है। शुरू में तो वह नई जगह और अवसरों का आनंद उठाता है, लेकिन समय के साथ उसे अपने घर और परिवार की याद आने लगती है। यहाँ “अपना घर दूर से सूझता है” कहावत उसकी भावनाओं को सटीक रूप से व्यक्त करती है।

समापन: यह कहावत हमें यह सिखाती है कि अपने घर और परिवार की अहमियत को कभी नहीं भूलना चाहिए। यह हमें याद दिलाती है कि चाहे हम कितनी भी दूर क्यों न हों, हमारा घर और हमारे अपने हमेशा हमारे दिल के करीब होते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

अपना घर दूर से सूझता है कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, अखिल नाम का एक युवक था, जो अपने छोटे से गाँव से बड़े शहर में पढ़ने के लिए गया। शुरू में, वह शहर की चकाचौंध से मोहित हो गया और अपने गाँव और परिवार को भूल गया। उसे लगा कि शहर में सब कुछ बेहतर है, और वहां की जिंदगी उसे अपने गाँव की जिंदगी से कहीं ज्यादा आकर्षक लगी।

दिन बीतते गए, अखिल ने शहरी जीवन का आनंद उठाया, लेकिन जल्दी ही उसे अहसास हुआ कि इस चमक-दमक के पीछे एक अकेलापन और खोखलापन है। उसे अपने गाँव की सादगी, अपने परिवार का प्यार और दोस्तों की दोस्ती याद आने लगी। शहर में, लोग व्यस्त थे, और किसी के पास भी अखिल के लिए समय नहीं था।

एक दिन, अखिल अपने घर की याद में इतना खो गया कि उसने तय किया कि वह वापस अपने गाँव जाएगा। जब वह गाँव पहुंचा, उसके परिवार ने उसे बहुत प्यार और गर्मजोशी से स्वागत किया। उसने महसूस किया कि वह जो खुशियाँ और संतुष्टि अपने गाँव में महसूस कर रहा था, वह शहर की भागदौड़ में कभी नहीं मिली।

उस दिन, अखिल ने समझा कि वास्तव में “अपना घर दूर से सूझता है”। वह समझ गया कि अपने घर और परिवार की अहमियत क्या होती है, खासकर जब हम उनसे दूर होते हैं। उस दिन के बाद, अखिल ने अपने गाँव और परिवार की कद्र करना सीखा और वहां अपना भविष्य बनाने का फैसला किया।

शायरी:

दूरियों में जब दिल मचलता है,
अपना घर तब और भी सूझता है।
रिश्तों की गलियों में भटक कर, मैंने जाना,
घर की मिट्टी में ही तो दिल बसता है।

शहरों की रौशनी में खोया जब मैं,
लगा जैसे हर खुशी यहीं पे रुकती है।
मगर अपने घर की याद आई जब,
समझा दिल की खुशी तो वहीं से उठती है।

लौट कर आया हूँ, अपने घर की ओर,
यहां दिल की धड़कनें तेज़ होती हैं।
‘अपना घर दूर से सूझता है’ सुना था,
आज उस कहावत की सच्चाई को जी लिया मैंने।

इस दिल की गहराई में बसा है वो घर,
जहां हर रिश्ता प्यार से सिंचित होता है।
मैं खोजता फिरा खुशियाँ बाहर,
जबकि असली खजाना तो अपने घर में ही सोता है।

 

अपना घर दूर से सूझता है शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of अपना घर दूर से सूझता है – Apna ghar door se sujhta hai Proverb:

The Hindi proverb “Apna ghar door se sujhta hai” eloquently expresses the significance of one’s home and loved ones. Its literal meaning is that when we are far away, we reminisce about our home the most and value it dearly. This proverb highlights the emotional bond that keeps us connected to our home and family, especially when we are distant from them.

Introduction: This proverb is deeply rooted in Indian culture, where family and home are highly valued. It is often used to remind us not to forget the worth of our home and family, particularly when we are away from them.

Meaning: The meaning of this proverb is that when we are away from our home, we realize its true value. Distance teaches us the importance of our home and family.

Usage: This proverb can be used in situations where someone is missing their home and family or when someone is away from their family. It is often used to advise people who are neglecting their home and family.

Examples:

-> Imagine a person who goes abroad for a job. Initially, he enjoys the new place and opportunities, but over time, he starts missing his home and family. Here, the proverb “Apna ghar door se sujhta hai” accurately expresses his feelings.

Conclusion: This proverb teaches us that we should never forget the importance of our home and family. It reminds us that no matter how far we are, our home and loved ones are always close to our heart.

Story of Apna ghar door se sujhta hai Proverb in English:

Once upon a time, there was a young man named Akhil, who left his small village to study in a big city. Initially, he was mesmerized by the city’s glitz and glamour and forgot about his village and family. He thought everything in the city was better, and its life seemed much more attractive than that of his village.

As days passed, Akhil enjoyed the urban lifestyle, but he soon realized that behind this sparkle, there was a sense of loneliness and emptiness. He began to miss the simplicity of his village, the love of his family, and the friendship of his friends. In the city, people were busy, and no one had time for Akhil.

One day, Akhil was so lost in the memories of his home that he decided to return to his village. When he arrived, his family welcomed him with great love and warmth. He realized that the happiness and satisfaction he felt in his village was something he never found in the hustle and bustle of the city.

That day, Akhil understood the true essence of the proverb “Apna ghar door se sujhta hai” (One realizes the value of home when away from it). He realized the importance of his home and family, especially when one is away from them. After that day, Akhil learned to appreciate his village and family and decided to build his future there.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इसका अर्थ है कि बाहरी रूप से ही हर कोई किसी को समझ सकता है?

नहीं, यह कहावत सिर्फ बाहरी तौर पर दिखने वाले आचरण को ही नहीं, बल्कि आचारवाही, ईमानदारी, और नैतिकता को भी संकेतित करती है।

क्या इस कहावत का अनुसरण करना महत्वपूर्ण है?

हाँ, इसका अनुसरण करना महत्वपूर्ण है क्योंकि आपके व्यवहार से ही लोग आपको समझ सकते हैं और आपके साथ रिश्ते बना सकते हैं।

क्या इस कहावत का कोई ऐतिहासिक प्रमाण है?

नहीं, यह कहावत सामान्य जीवन के सिद्धांतों को बयान करने के लिए है और इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।

क्या यह कहावत स्वीकृति की भावना को दर्शाती है?

हाँ, यह बताती है कि व्यक्ति को अपने आचरण से ही माना जाता है और उसे स्वीकृति प्राप्त होती है।

क्या यह कहावत सोशल मीडिया युग में भी मान्यता प्राप्त करती है?

हाँ, इसका सन्देश सोशल मीडिया युग में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि व्यक्ति के आचरण और व्यवहार को वहाँ भी समझा जा सकता है।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।