Budhimaan

Home » Kahavaten » अनदेखा चोर बाप बराबर, अर्थ, प्रयोग(Andekha chor baap baraabar)

अनदेखा चोर बाप बराबर, अर्थ, प्रयोग(Andekha chor baap baraabar)

“अनदेखा चोर बाप बराबर” यह हिंदी कहावत थोड़ी अलग है और इसका अर्थ है कि जिस व्यक्ति पर चोरी का आरोप नहीं सिद्ध हुआ हो, उसका अनादर नहीं करना चाहिए।

परिचय: यह कहावत उस सिद्धांत को प्रदर्शित करती है जिसमें किसी भी व्यक्ति को बिना प्रमाण के अपराधी मान लेने के खिलाफ बात की गई है। यह समाज में न्याय और समानता के महत्व को भी रेखांकित करती है।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि बिना पुख्ता सबूत के किसी पर चोरी का आरोप लगाना और उसे अनादरित करना उचित नहीं है। यह न्यायिक प्रक्रिया और निष्पक्षता के महत्व को दर्शाता है।

उपयोग: इस कहावत का उपयोग तब किया जा सकता है जब किसी व्यक्ति पर बिना ठोस सबूत के आरोप लगाए जा रहे हों। यह कहावत व्यक्ति की निर्दोषता की पुष्टि करती है जब तक कि उसके खिलाफ सबूत न हों।

उदाहरण:

-> एक गाँव में, एक व्यक्ति पर चोरी का आरोप लगा लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं पाया। इस स्थिति में, गाँव वालों को “अनदेखा चोर बाप बराबर” कहावत का पालन करना चाहिए और बिना सबूत के उस व्यक्ति का अनादर नहीं करना चाहिए।

निष्कर्ष: इस कहावत से हमें यह सिख मिलती है कि किसी भी व्यक्ति को बिना सबूत के दोषी नहीं माना जाना चाहिए और सभी के साथ न्याय और समानता का व्यवहार करना चाहिए। यह कहावत समाज में नैतिकता और न्याय के महत्व को दर्शाती है।

Hindi Muhavare Quiz

अनदेखा चोर बाप बराबर कहावत पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में अभय नाम का एक ईमानदार व्यक्ति रहता था। गाँव में सभी उसकी सच्चाई और मेहनत की प्रशंसा करते थे। एक दिन, गाँव के सरपंच के घर से कुछ कीमती सामान चोरी हो गया। गाँव के कुछ लोगों ने अभय पर चोरी का आरोप लगा दिया क्योंकि वह उस दिन सरपंच के घर के पास देखा गया था।

अभय को इस आरोप से बहुत दुःख पहुँचा। उसने अपनी बेगुनाही की बात कही, लेकिन कुछ लोग उसे बिना सबूत के ही दोषी मान बैठे। इस बीच, गाँव के एक बुजुर्ग ने सबको इकट्ठा किया और कहा, “अनदेखा चोर बाप बराबर। जब तक अभय के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, हमें उसे चोर मानने का कोई हक नहीं है।”

बुजुर्ग की बात सुनकर गाँववाले चुप हो गए। कुछ दिनों बाद, असली चोर पकड़ा गया और अभय की बेगुनाही साबित हो गई। गाँव के लोगों ने अभय से माफी मांगी और उन्हें इस कहावत का महत्व समझ आया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि बिना सबूत के किसी को दोषी नहीं मानना चाहिए और हर व्यक्ति के साथ न्याय और समानता का व्यवहार करना चाहिए। यह कहावत हमें न्याय और निष्पक्षता का पाठ पढ़ाती है।

शायरी:

बिना सबूत के जो करे इल्ज़ाम, वो कैसा इंसान,

“अनदेखा चोर बाप बराबर”, सच का हो जैसे विस्थापन।

जिसके खिलाफ न हो कोई ठोस निशान, उसे क्यों कहें चोर,

ज़िन्दगी के इस सफर में, ऐसा करना न इंसाफ़ी है, न जरूर।

बिना प्रमाण के जो दोष लगाए, वो खुद से खो जाता है,

जैसे अंधेरे में दीपक बिन, हर राह से भटक जाता है।

“अनदेखा चोर बाप बराबर”, यह कहावत गूंजे बार-बार,

न्याय और सत्य के पथ पर, चलना ही सच्चा व्यवहार।

जिस दिन समझ आएगा यह सबक, दुनिया बदल जाएगी,

न्याय की इस राह पर, हर रूह चमक जाएगी।

 

अनदेखा चोर बाप बराबर शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of अनदेखा चोर बाप बराबर – Andekha chor baap baraabar Proverb:

The Hindi proverb “Andekha chor baap baraabar” has a unique meaning, which is that a person who has not been proven to be a thief should not be disrespected.

Introduction: This proverb represents the principle of not considering any person a criminal without evidence. It also highlights the importance of justice and equality in society.

Meaning: The meaning of this proverb is that it is not right to accuse someone of theft and disrespect them without concrete evidence. It emphasizes the significance of judicial process and fairness.

Usage: This proverb can be used when someone is being accused without solid evidence. It affirms the person’s innocence until proven guilty.

Examples:

-> In a village, a person was accused of theft, but the police found no evidence against him. In this situation, the villagers should follow the proverb “Andekha chor baap baraabar” and not disrespect the individual without evidence.

Conclusion: This proverb teaches us that no one should be considered guilty without evidence and everyone should be treated with justice and equality. It highlights the importance of morality and justice in society.

Story of Andekha chor baap baraabar Proverb in English:

Once upon a time, in a small village, there lived an honest man named Abhay. Everyone in the village admired his integrity and hard work. One day, some valuable items were stolen from the village head’s house. Some villagers accused Abhay of the theft because he was seen near the head’s house that day.

Abhay was deeply hurt by the accusation. He asserted his innocence, but some people considered him guilty without any evidence. Meanwhile, an elder of the village gathered everyone and said, “As the proverb goes ‘Andekha chor baap baraabar’. Until there is evidence against Abhay, we have no right to consider him a thief.”

Hearing the elder’s words, the villagers fell silent. A few days later, the real thief was caught, and Abhay’s innocence was proven. The villagers apologized to Abhay and understood the importance of the proverb.

This story teaches us that one should not consider anyone guilty without evidence and everyone should be treated with justice and equality. The proverb educates us about the importance of justice and fairness.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या इस कहावत का इतिहास है?

हाँ, यह कहावत भारतीय साहित्य और भाषा में प्राचीन समय से प्रचलित है और उसका इतिहास देश के विभिन्न हिस्सों में मिलता है।

क्या इस कहावत का कोई सांस्कृतिक संदेश है?

हाँ, यह कहावत सांस्कृतिक रूप से उच्च मूल्यों को बचाने और बचने की भावना को प्रोत्साहित करती है।

इस कहावत का उपयोग किस प्रकार के लोगों के लिए हो सकता है?

यह कहावत किसी भी व्यक्ति या स्थिति के लिए हो सकता है, जो अन्य लोगों के सामने बुरा कर रहा हो, लेकिन उसे उसकी बुराई का सामना नहीं करना पड़ता है।

क्या इस कहावत का कोई विचारशील संदेश है?

हाँ, इसका विचारशील संदेश यह है कि सच्चाई और नैतिकता को सराहा जाना चाहिए और जो कोई भी बुरा करता है, उसे उसकी सजा मिलनी चाहिए।

यह कहावत किस स्थिति में प्रयुक्त होती है?

इस कहावत को आमतौर पर उन स्थितियों में उपयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति की बुरी क्रिया को देखने वाला कोई नहीं होता और उसे सजा मिलने से बच जाता है।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।