Budhimaan

अंडा सिखावे बच्चे को कि चीं-चीं मत कर, अर्थ, प्रयोग(Anda sikhave bachche ko ki cheen-cheen mat kar)

परिचय: “अंडा सिखावे बच्चे को कि चीं-चीं मत कर” एक प्रचलित हिंदी कहावत है। इस कहावत का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहाँ किसी अनुभवहीन या अज्ञानी व्यक्ति के द्वारा अधिक अनुभवी व्यक्ति को सलाह दी जाती है।

अर्थ: इस कहावत का मूल अर्थ यह है कि अनुभवहीन व्यक्ति द्वारा अधिक जानकार व्यक्ति को निर्देश या सलाह देना व्यर्थ और हास्यास्पद होता है। यहाँ ‘अंडा’ अनुभवहीनता का प्रतीक है और ‘बच्चे’ अनुभवी व्यक्ति को दर्शाता है।

उपयोग: यह कहावत तब उपयोग में लाई जाती है जब कोई नौसिखिया या कम ज्ञान रखने वाला व्यक्ति अधिक जानकार या अनुभवी लोगों को सलाह या निर्देश देता है।

उदाहरण:

-> मान लीजिए, एक नया कर्मचारी जो अभी-अभी कंपनी में शामिल हुआ है, वह अपने वरिष्ठ और अनुभवी सहकर्मी को काम कैसे करना है, इस बारे में सलाह देता है। इस परिस्थिति में वरिष्ठ कर्मचारी कह सकता है, “अंडा सिखावे बच्चे को कि चीं-चीं मत कर।”

समापन: इस कहावत से हमें यह सिखने को मिलता है कि अनुभव और ज्ञान में कमी रखने वाले व्यक्ति को अधिक अनुभवी और ज्ञानी व्यक्तियों को सलाह देने से पहले सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। यह हमें विनम्रता और ज्ञान के महत्व को समझाता है।

Hindi Muhavare Quiz

अंडा सिखावे बच्चे को कि चीं-चीं मत कर कहावत पर कहानी:

एक छोटे से गांव में, सुरेंद्र काका  नामक एक अनुभवी और प्रतिष्ठित किसान रहते थे। उन्होंने अपनी जीवन भर की मेहनत से खेती के कई गुर सीखे थे और गांव के लोग उनकी बहुत इज्जत करते थे।

एक दिन, गांव में एक युवक आया जिसका नाम था अभय। अभय ने हाल ही में कृषि विज्ञान में डिग्री प्राप्त की थी और वह नई-नई तकनीकों और विचारों से भरा हुआ था। वह सुरेंद्र के पास गया और उन्हें खेती के नए तरीके बताने लगा। वह बोला, “काका, आपको अपनी खेती के तरीकों को बदलना चाहिए। नए तरीके से खेती करने पर आपको अधिक लाभ होगा।”

सुरेंद्र मुस्कुराए और बोले, “बेटा, तुम्हारी बातें तो अच्छी हैं, लेकिन तुमने अभी खेती की वास्तविकता नहीं देखी है। मैंने जो अनुभव वर्षों में प्राप्त किया है, वह तुम्हारी किताबों में नहीं मिलेगा।”

अभय को थोड़ा बुरा लगा लेकिन वह समझ गया कि वह अभी नया है और उसे अनुभवी लोगों की बातों को सुनना और सीखना चाहिए। गांव के बाकी लोगों ने यह देखकर कहा, “देखो, यह तो ‘अंडा सिखावे बच्चे को कि चीं-चीं मत कर’ वाली बात हो गई।”

इस घटना से अभय ने सीखा कि ज्ञान और अनुभव में बहुत अंतर होता है और उसने सुरेंद्र के साथ समय बिताकर खेती के असली गुर सीखे।

शायरी:

अनुभव की गहराई में बसे हैं, ज्ञान के अनमोल रत्न,

अज्ञानी की बातों से, बनता नहीं कोई चित्रण।

किताबों का ज्ञान तो है, पर जीवन का सार नहीं,

‘अंडा सिखावे बच्चे को’, ये कहावत बेकार नहीं।

गुरु के आगे चेला बन, ज्ञान की बातें न बघार,

ज्ञानी की सोच में बसता, अनुभव का संसार।

सीख ले जीवन से तू, हर पल कुछ नया,

‘अंडा सिखावे बच्चे को’, यही है जीवन का कथ्या।

अनुभवी की बातें हैं, समय की गहरी छाप,

ज्ञान के रंग में रंग ले, जीवन की अपनी आप।

‘अंडा सिखावे बच्चे को’, यह सीख है अनमोल,

जीवन की इस दौड़ में, रख अनुभव को होल।

 

अंडा सिखावे बच्चे को कि चीं-चीं मत कर शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of अंडा सिखावे बच्चे को कि चीं-चीं मत कर – Anda sikhave bachche ko ki cheen-cheen mat kar Proverb:

Introduction: “Anda sikhave bachche ko ki cheen-cheen mat kar” is a popular Hindi proverb. This proverb is often used in situations where an inexperienced or ignorant person gives advice to a more experienced person.

Meaning: The basic meaning of this proverb is that it is pointless and ridiculous for an inexperienced person to give instructions or advice to someone who is more knowledgeable. Here, ‘the hen’ symbolizes inexperience, and ‘the chick’ represents the experienced person.

Usage: This proverb is used when a novice or less knowledgeable person gives advice or instructions to more knowledgeable or experienced people.

Examples:

For instance, imagine a new employee who has just joined a company, giving advice to their senior and experienced colleague about how to do their job. In this situation, the senior employee might say, “Anda sikhave bachche ko ki cheen-cheen mat kar.”

Conclusion: This proverb teaches us that a person lacking in experience and knowledge should think carefully before advising more experienced and knowledgeable individuals. It emphasizes the importance of humility and respect for knowledge.

Story of Anda sikhave bachche ko ki cheen-cheen mat kar Proverb in English:

In a small village, there lived an experienced and respected farmer named Surendra. He had learned many tricks of farming through his lifelong hard work, and the villagers highly respected him.

One day, a young man named Abhay arrived in the village. Abhay had recently earned a degree in agricultural science and was full of new techniques and ideas. He approached Surendra and began to advise him on modern farming methods. He said, “Uncle, you should change your farming methods. You will benefit more from these new techniques.”

Surendra smiled and said, “Son, your ideas are good, but you haven’t yet seen the realities of farming. The experience I have gained over the years can’t be found in your books.”

Abhay felt a bit offended, but he realized that he was new and should listen and learn from the experienced. Observing this, the other villagers commented, “Look, this is a case of ‘the hen teaching the chick not to chirp.’”

From this incident, Abhay learned that there is a significant difference between knowledge and experience, and he spent time with Surendra to learn the real tricks of farming.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

इस कहावत में “अंडा” का क्या सिंबोलिज्म है?

“अंडा” यहाँ पर अच्छे गुण और सिखावा का प्रतीक है, जो बच्चों को सीखने के लिए दिया जाता है।

क्या इस कहावत में किसी विशेष आयु समूह के लिए बात की जा रही है?

नहीं, यह कहावत सभी आयु समूह के लिए उपयुक्त है और सभी को अच्छी सीखेंने के लिए प्रेरित करती है।

क्या इसका मतलब है कि बच्चों को सिर्फ चीं-चीं मत करने का सिखावा नहीं करना चाहिए?

हाँ, इस कहावत से यह सिखाया जा रहा है कि बच्चों को सिर्फ मनोरंजन में ही समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें अच्छी आदतें भी सिखाई जानी चाहिए।

क्या इस कहावत में माता-पिता का कोई भूमिका है?

हाँ, इसका तात्पर्य है कि माता-पिता को बच्चों को सही मार्ग पर चलाने के लिए उन्हें उचित मार्गदर्शन करना चाहिए।

क्या इस कहावत का अनुसरण करना बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है?

हाँ, इसका अनुसरण करना बच्चों को उनके भविष्य में सफलता की दिशा में मदद कर सकता है और उन्हें सही मार्ग पर ले जाने में सहारा प्रदान कर सकता है।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"खुदा गंजे को नाखून न दे - मुहावरे का चित्रण", "जीवन में संसाधनों का उचित उपयोग दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर आवश्यकताओं की महत्वपूर्णता पर प्रकाश", "अनुचित आवंटन की विडंबना को उजागर करती तस्वीर", "समझदारी और व्यावहारिकता की सीख देता बुद्धिमानी छवि"
Uncategorized

खुदा गंजे को नाखून न दे अर्थ, प्रयोग (Khuda ganje ko nakhun na de)

परिचय: “खुदा गंजे को नाखून न दे” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जो व्यंग्यात्मक ढंग से उस स्थिति का वर्णन करता है जब किसी व्यक्ति

Read More »
"खाल ओढ़ाए सिंह की मुहावरे का चित्रण", "असली पहचान और दिखावे के बीच का अंतर", "वास्तविकता बनाम आवरण का चित्र", "सिंह की खाल में छिपा स्यार का इलस्ट्रेशन", "Budhimaan.com पर जीवन की वास्तविकता का पाठ"
Hindi Muhavare

खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय अर्थ, प्रयोग (Khal odhaye singh ki, Siyar singh nahi hoye)

परिचय: “खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जो यह बताता है कि केवल बाहरी दिखावे से किसी की

Read More »
जीवन-उतार-चढ़ाव-चित्रण, घी-चना-जीवन-मुहावरा-इमेज, जीवन-संघर्ष-और-सफलता-कला, हिंदी-मुहावरा-विवेचना, Budhimaan.com-जीवन-शैली-सुझाव
Hindi Muhavare

कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना अर्थ, प्रयोग (Kabhi ghee ghana, Kabhi mutthi bhar chana, Kabhi wo bhi manaa)

परिचय: “कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में उतार-चढ़ाव और समय की अनिश्चितता

Read More »
"खाइए मनभाता पहनिए जगभाता मुहावरे का चित्रण", "गाँव की शादी में समाज के अनुरूप वेशभूषा में युवक", "सादगीपसंद खाने और समाजिक वस्त्रों में संतुलन", "Budhimaan.com पर जीवन शैली और संस्कृति"
Hindi Muhavare

खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता अर्थ, प्रयोग (Khaiye manbhata, Pahniye jagbhata)

परिचय: “खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता” यह एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देता है। यह मुहावरा हमें

Read More »
"करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत मुहावरे का चित्रण", "सकारात्मक कार्यों में ऊर्जा निवेश करते व्यक्ति की छवि", "Budhimaan.com पर सकारात्मक योगदान की प्रेरणा", "विवादों की बजाय कर्म पर ध्यान केंद्रित करता किसान"
Hindi Muhavare

करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत अर्थ, प्रयोग (Karni na kartoot, Ladne ko majboot)

परिचय: “करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत” एक हिंदी मुहावरा है जो उन व्यक्तियों के व्यवहार को उजागर करता है जो वास्तव में तो कुछ

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।