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अधेला न दे, अधेली दे, अर्थ, प्रयोग(Adhela na de, Adheli de)

“अधेला न दे, अधेली दे” एक प्रचलित हिंदी कहावत है, जिसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति या स्थिति को सम्पूर्णता से न स्वीकारना और केवल आंशिक रूप से स्वीकार करना। यह कहावत आमतौर पर तब उपयोग में लाई जाती है जब किसी को आंशिक रूप से मदद या सहयोग प्रदान किया जाता है, जबकि सम्पूर्ण मदद की आवश्यकता होती है।

परिचय: यह कहावत जीवन के उन परिस्थितियों को दर्शाती है जहाँ आधा-अधूरा सहयोग या मदद प्रदान की जाती है। इसका उपयोग यह बताने के लिए किया जाता है कि आधे मन से दी गई मदद अक्सर पर्याप्त नहीं होती और न ही यह वास्तविक सहायता प्रदान करती है।

अर्थ: इस कहावत का मूल अर्थ है कि आंशिक रूप से दी गई मदद या समर्थन अक्सर अपूर्ण होती है और इससे अधिक नुकसान हो सकता है बजाय लाभ के।

उपयोग: यह कहावत तब इस्तेमाल की जाती है जब कोई व्यक्ति या संस्था किसी की सहायता करने का दावा करती है, लेकिन वास्तव में केवल आंशिक या अपर्याप्त सहायता प्रदान करती है।

उदाहरण:

-> एक व्यक्ति ने अपने मित्र से कुछ धन उधार मांगा, लेकिन उसके मित्र ने केवल आधी रकम ही दी, जो उसके लिए पर्याप्त नहीं थी। यहाँ पर “अधेला न दे, अधेली दे” कहावत उपयुक्त है।

निष्कर्ष: इस कहावत से हमें यह सिखने को मिलता है कि आंशिक सहायता अक्सर अपूर्ण होती है और यह वास्तविक जरूरत की पूर्ति नहीं करती। इसलिए, जब भी संभव हो, पूर्ण और संपूर्ण सहायता प्रदान करनी चाहिए।

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अधेला न दे, अधेली दे कहावत पर कहानी:

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में सुधीर नामक एक गरीब किसान रहता था। सुधीर के पास एक छोटा सा खेत था, जिसमें वह अपनी मेहनत से फसल उगाया करता था। एक वर्ष, अचानक आई बाढ़ के कारण उसकी सारी फसल बर्बाद हो गई, और वह कर्ज में डूब गया।

बहुत परेशानी में फंसे सुधीर ने गाँव के सबसे अमीर व्यक्ति, शर्मा जी से मदद मांगने का निश्चय किया। शर्मा जी ने सुधीर की दुर्दशा सुनी और उसे कुछ पैसे देने का वादा किया। लेकिन जब समय आया, तो उन्होंने सुधीर को वह रकम दी जो उसकी जरूरत से काफी कम थी।

सुधीर ने शर्मा जी से कहा, “आपकी इस आंशिक मदद से मेरी समस्या का समाधान नहीं होगा। मुझे पूरी रकम की जरूरत है ताकि मैं अपना कर्ज चुका सकूँ और फिर से खेती शुरू कर सकूँ।”

शर्मा जी ने जवाब दिया, “मैंने तो सोचा था कि कुछ मदद से ही तुम्हारी समस्या हल हो जाएगी।”

सुधीर ने उत्तर दिया, “जैसे ‘अधेला न दे, अधेली दे’ कहावत है, आपकी यह आधी मदद मेरे लिए बेकार है। आधी मदद से मेरी समस्या का कोई समाधान नहीं होगा।”

शर्मा जी ने सुधीर की बात समझी और उसे जरूरत भर की पूरी रकम दी। सुधीर ने उस पैसे से अपना कर्ज चुकाया और फिर से अपनी खेती शुरू की। इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि आधी और अधूरी मदद से बेहतर है कि पूरी और संपूर्ण मदद की जाए।

शायरी:

आधी मदद से क्या हासिल, ये बात समझ आई है,

“अधेला न दे, अधेली दे”, जिंदगी ये सिखलाई है।

जैसे आधे चाँद में नहीं, पूरी रात की रौशनी,

आधी मदद से नहीं मिलती, दिल की पूरी खुशी।

नीम के पत्ते आधे, कड़वाहट ही बांटते हैं,

आधा प्यार, आधी वफा, दिलों को तोड़ते हैं।

“अधेला न दे, अधेली दे”, इस कहावत में समझाया,

आधी छाँव में नहीं मिलता, जीवन का पूरा साया।

सहारा जब पूरा दो, तो दिल से दो यारों,

आधा-अधूरा साथ नहीं, पूरी दुनिया बचाओ यारों।

 

अधेला न दे, अधेली दे शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of अधेला न दे, अधेली दे – Adhela na de, Adheli de Proverb:

The Hindi proverb “Adhela na de, Adheli de” is a common saying which means not to fully accept a person or situation and only accept it partially. This proverb is typically used when partial help or support is provided to someone, whereas complete assistance is needed.

Introduction: This proverb depicts those life situations where half-hearted support or help is provided. It is used to convey that help given half-heartedly is often not enough and does not constitute real assistance.

Meaning: The core meaning of this proverb is that partially given help or support is often incomplete and can do more harm than good.

Usage: This proverb is used when an individual or an institution claims to help someone, but in reality, only provides partial or insufficient assistance.

Examples:

-> A person asked his friend for some money as a loan, but the friend only gave half of the amount needed, which was not sufficient. Here, the proverb “Adhela na de, Adheli de” is apt.

Conclusion: This proverb teaches us that partial assistance is often incomplete and does not fulfill the actual need. Therefore, whenever possible, complete and comprehensive assistance should be provided.

Story of Adhela na de, Adheli de Proverb in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a poor farmer named Sudhir. Sudhir owned a small piece of land where he diligently cultivated crops. One year, a sudden flood destroyed all his crops, plunging him into debt.

Caught in dire straits, Sudhir decided to seek help from the richest person in the village, Sharma Ji. Sharma Ji listened to Sudhir’s plight and promised to give him some money. However, when the time came, he gave Sudhir an amount that was significantly less than what was needed.

Sudhir said to Sharma Ji, “This partial help from you will not solve my problem. I need the full amount to pay off my debt and start farming again.”

Sharma Ji responded, “I thought that a little help would solve your problem.”

Sudhir replied, “As the proverb goes ‘अधेला न दे, अधेली दे’, this half-hearted help is useless to me. Partial help won’t solve my problem.”

Understanding Sudhir’s point, Sharma Ji gave him the full amount required. Sudhir used the money to pay off his debt and restarted his farming. This story teaches us that it is better to provide complete and comprehensive help than half-hearted and incomplete assistance.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या इस कहावत का कोई इतिहास है?

हाँ, यह कहावत प्राचीन समय से ही उपयोग हो रही है और लोकप्रिय है, लेकिन इसका कोई विशिष्ट इतिहास नहीं है।

इस कहावत को अन्य भाषाओं में कैसे कहा जा सकता है?

यह अंग्रेजी में “Give a hand, not a handout” के समान हो सकता है।

क्या इस कहावत का अनुसरण करना सामाजिक उत्तरदाता परिस्थितियों के लिए महत्वपूर्ण है?

हाँ, इसका अनुसरण करना सामाजिक सहयोग और समृद्धि की दिशा में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

क्या यह कहावत किसी व्यक्ति के स्वाभाव को भी दर्शाती है?

हाँ, यह कहावत यह दिखाती है कि सामर्थ्यपूर्ण व्यक्ति किसी को सहारा देने के लिए सक्षम होना चाहिए।

इस कहावत में “अधेला” और “अधेली” का अर्थ क्या है?

“अधेला” में यहां अशक्ति और “अधेली” में समृद्धि का संकेत है।

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