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आप मियां मांगते दरवाजे खड़ा दरवेश, अर्थ, प्रयोग(Aap miyan mangte darwaje khada darvesh)

परिचय: “आप मियां मांगते दरवाजे खड़ा दरवेश” एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है जो व्यक्ति की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर प्रकाश डालती है। यह कहावत उन स्थितियों को दर्शाती है जहाँ एक व्यक्ति स्वयं असहाय होने के बावजूद दूसरों की मदद करने का प्रयास करता है।

अर्थ: कहावत का शाब्दिक अर्थ है, “जब खुद मांगने वाला व्यक्ति दरवाजे पर खड़ा हो।” इसका भावार्थ यह है कि जब कोई व्यक्ति स्वयं आर्थिक रूप से कमजोर हो, तो उसके लिए दूसरों की मदद करना कठिन होता है।

उपयोग: यह कहावत तब उपयोगी होती है जब किसी को यह समझाना हो कि वे अपनी स्थिति में सुधार किए बिना दूसरों की प्रभावी मदद नहीं कर सकते। यह व्यक्तिगत आत्मनिर्भरता और स्थिरता की महत्ता को दर्शाता है।

उदाहरण:

-> यह कहावत तब उपयोगी होती है जब किसी को यह समझाना हो कि वे अपनी स्थिति में सुधार किए बिना दूसरों की प्रभावी मदद नहीं कर सकते। यह व्यक्तिगत आत्मनिर्भरता और स्थिरता की महत्ता को दर्शाता है।

समापन: इस कहावत से हमें यह सीख मिलती है कि पहले खुद की स्थिति को सुधारना जरूरी है, ताकि हम दूसरों की अधिक प्रभावी ढंग से मदद कर सकें। यह कहावत व्यक्तिगत विकास और स्वावलंबन की ओर प्रेरित करती है, जिससे हम न केवल खुद को बल्कि दूसरों को भी बेहतर तरीके से सहायता प्रदान कर सकें।

Hindi Muhavare Quiz

आप मियां मांगते दरवाजे खड़ा दरवेश कहावत पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में अमन नाम का एक गरीब लड़का रहता था। अमन का सपना था कि वह बड़ा होकर अपने गाँव में एक बड़ा स्कूल खोले, जहाँ गाँव के सभी बच्चे मुफ्त में पढ़ सकें। लेकिन अमन की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। उसके पास न तो पर्याप्त धन था और न ही संसाधन।

एक दिन अमन ने अपने गाँव के कुछ संपन्न लोगों से मदद मांगने का निश्चय किया। जब वह मदद मांगने पहुंचा, तो उनमें से एक व्यक्ति ने कहा, “अमन, तुम तो खुद ‘आप मियां मांगते दरवाजे खड़ा दरवेश’ हो। पहले अपनी स्थिति सुधारो, फिर दूसरों की मदद करने की सोचो।”

अमन ने उनकी बातों पर गौर किया और सोचा कि वाकई में वह खुद भी तो मदद की जरूरत में है। उसने तय किया कि पहले वह अपने लिए एक मजबूत आर्थिक आधार तैयार करेगा।

अमन ने कड़ी मेहनत शुरू की। वह दिन-रात पढ़ाई करने लगा और साथ ही साथ छोटे-मोटे काम करके पैसे भी कमाने लगा। समय के साथ, उसकी मेहनत रंग लाई और वह अपने पैरों पर खड़ा हो गया।

जब अमन ने अपनी आर्थिक स्थिति सुधार ली, तब उसने अपने सपने को साकार करने का फिर से प्रयास किया। इस बार, उसके पास न सिर्फ धन था, बल्कि एक मजबूत योजना और आत्मविश्वास भी था। आखिरकार, उसने अपने गाँव में एक स्कूल खोला, जहाँ सभी बच्चे नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर सके।

निष्कर्ष

अमन की कहानी हमें यह सिखाती है कि ‘आप मियां मांगते दरवाजे खड़ा दरवेश’ कहावत का अर्थ है कि पहले अपने लिए मजबूत आधार तैयार करो, फिर दूसरों की मदद करने का सोचो। अमन ने इसे चरितार्थ कर दिखाया। यह कहानी हमें आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाती है।

शायरी:

दरवाजे पर खड़ा एक दरवेश, मांगता रहा जब खुद के लिए,

“आप मियां मांगते” कहानी, ये ज़िंदगी की रही अदायगी।

जेब में जब खुद की खाली, कैसे दूसरों का सहारा हो,

अपने पैरों पर खड़े होकर, बन सकते हैं सबका किनारा जो।

दुनिया की राहों में अक्सर, ये मिलता है सबक सिखाया,

पहले खुद को संभालो यारों, फिर दूसरों का हाथ थाम जाया।

ख्वाहिशें अनेकों हैं दिल में, पर हकीकत का भी तो है खेल,

खुद के लिए पहले बनो सक्षम, फिर बांटो खुशियाँ अकेले नहीं मेल।

सपने वो नहीं जो आंखों में बसते, सपने तो वो हैं जो हकीकत बन जाते,

खुद की ताकत पहचानो तुम, फिर देखो कैसे कामयाबी के रास्ते नजर आते।

 

आप मियां मांगते दरवाजे खड़ा दरवेश शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of आप मियां मांगते दरवाजे खड़ा दरवेश – Aap miyan mangte darwaje khada darvesh Proverb:

Introduction: “Aap Miyan Mangte Darwaje Khada Darvesh” is a famous Hindi proverb that sheds light on a person’s financial and social situation. This proverb illustrates situations where a person, despite being helpless themselves, tries to help others.

Meaning: The literal meaning of the proverb is, “Aap Miyan Mangte Darwaje Khada Darvesh.” It implies that when a person is financially weak, it becomes difficult for them to help others effectively.

Usage: This proverb is useful when explaining to someone that they cannot effectively help others without improving their own situation first. It emphasizes the importance of personal self-reliance and stability.

Examples:

-> Consider a person who doesn’t have sufficient means for their own livelihood. If they try to provide financial assistance to others, their situation resembles that of “Aap Miyan Mangte Darwaje Khada Darvesh.”

Conclusion: This proverb teaches us the importance of first improving our own situation so that we can help others more effectively. It motivates towards personal development and self-reliance, enabling us not only to help ourselves but also to assist others in a better way.

Story of Aap Miyan Mangte Darwaje Khada Darvesh Proverb in English:

In a small village lived a poor boy named Aman. Aman dreamed of opening a big school in his village when he grew up, where all the village children could study for free. However, Aman’s financial condition was very weak. He neither had enough money nor resources.

One day, Aman decided to ask for help from some affluent people in his village. When he went to ask for assistance, one of them said, “Aman, you are like ‘Aap Miyan Mangte Darwaje Khada Darvesh’. First improve your own situation, then think about helping others.”

Aman reflected on their words and realized that he indeed needed help himself. He decided to first build a strong financial foundation for himself.

Aman started working hard. He studied day and night and also began earning money through small jobs. Over time, his efforts paid off, and he became financially independent.

When Aman improved his financial situation, he tried again to realize his dream. This time, he not only had the money but also a strong plan and confidence. Finally, he opened a school in his village, where all children could receive free education.

Conclusion

Aman’s story teaches us that the proverb ‘Aap Miyan Mangte Darwaje Khada Darvesh’ means to first build a strong foundation for oneself before thinking about helping others. Aman exemplified this. The story teaches us the lesson of self-reliance and self-sufficiency.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या यह कहावत समर्थन की महत्वपूर्णता पर ध्यान केंद्रित करती है?

हाँ, यह कहावत समर्थन की महत्वपूर्णता पर ध्यान केंद्रित करती है और बताती है कि समर्थन आपकी मांग को पूरा करने में कैसे मदद कर सकता है।

इस कहावत का इतिहास और मूल क्या है?

इस कहावत का असली मूल और इतिहास स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह सामाजिक संदेश में समर्थन की महत्वपूर्ण भूमिका को बताती है।

क्या इस कहावत का अर्थ समझना आसान है?

हाँ, इस कहावत का अर्थ समझना आसान है, क्योंकि यह सीधे और स्पष्ट भाषा में कहा गया है।

क्या इस कहावत में कोई व्यापक सामाजिक सन्देश है?

हाँ, इस कहावत में व्यक्ति को अपनी मेहनत और मांग के लिए समर्थन मिलने की महत्वपूर्णता पर ध्यान केंद्रित करने का सामाजिक सन्देश है।

इस कहावत का अपने जीवन में अनुप्रयोग कैसे करें?

इस कहावत को अपने जीवन में अनुप्रयोग करने के लिए, आपको अपनी मांग को स्पष्ट रूप से व्यक्त करना और समर्थन की दिशा में काम करना होगा।

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