Budhimaan

Home » Kahavaten » आप मरे जग परलय, अर्थ, प्रयोग(Aap mare jag parlay)

आप मरे जग परलय, अर्थ, प्रयोग(Aap mare jag parlay)

“आप मरे जग परलय” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जिसका व्यापक अर्थ यह है कि एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद दुनिया अपने नियमित क्रम में चलती रहती है। यह मुहावरा व्यक्ति की इस गलत धारणा पर व्यंग्य करता है कि उसके बिना संसार का अस्तित्व ही नहीं है।

परिचय: इस कहावत का उपयोग उस विचार को चुनौती देने के लिए किया जाता है जो मानता है कि किसी व्यक्ति के नहीं रहने पर संसार में बड़ा परिवर्तन आ जाएगा। यह हमें यह समझाने का प्रयास करता है कि मृत्यु एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और जीवन अपने आप में अनवरत चलता रहता है।

अर्थ: इस कहावत का सार यह है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी जीवन यथावत चलता रहता है। इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति इतना महत्वपूर्ण नहीं होता कि उसके न रहने पर संसार का क्रम बाधित हो जाए।

उपयोग: इस कहावत का उपयोग तब किया जाता है जब किसी को यह समझाना होता है कि उनके बाद भी जीवन सामान्य रूप से चलता रहेगा और दुनिया में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं आएगा।

उदाहरण:

-> एक व्यक्ति जो अपने आसपास की दुनिया को बहुत महत्व देता है और सोचता है कि उसके न रहने पर सब कुछ रुक जाएगा, उसे इस कहावत के जरिए यह समझाया जा सकता है कि जीवन उसके बाद भी अपने सामान्य गति से चलता रहेगा।

समापन: इस मुहावरे का संदेश यह है कि व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बाद की चिंताओं में नहीं फंसना चाहिए। यह हमें यह सिखाता है कि जीवन एक निरंतर प्रक्रिया है, और हर व्यक्ति के जीवन और मृत्यु के बाद भी यह चलती रहेगी। अतः, व्यक्ति को अपने जीवन को सार्थक बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि मृत्यु के बाद की चिंता में।

Hindi Muhavare Quiz

आप मरे जग परलय कहावत पर कहानी:

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से राज्य में राजा सुरेंद्र नाम के एक राजा राज करते थे। राजा सुरेंद्र बहुत शक्तिशाली और समृद्ध थे, लेकिन वह अपने आप को बहुत अहमियत देते थे। उनका मानना था कि उनके बिना उनका राज्य और उसकी प्रजा अधूरी है।

राजा सुरेंद्र ने अपने जीवन में कई शानदार महल और बगीचे बनवाए। वह हमेशा यही सोचते थे कि उनके बिना ये सभी चीजें व्यर्थ हैं। एक दिन राजा ने अपने मंत्रियों से कहा, “मेरे बाद इस राज्य का क्या होगा? मेरे बिना तो यह राज्य सुनसान हो जाएगा।”

इस पर एक बुजुर्ग मंत्री ने कहा, “महाराज, जीवन और मृत्यु का चक्र अनवरत चलता रहता है। आपके बाद भी यह राज्य अपनी गति से चलता रहेगा। ‘आप मरे जग परलय’ की कहावत भी यही सिखाती है कि किसी के जाने से संसार का क्रम नहीं रुकता।”

राजा सुरेंद्र ने बुजुर्ग मंत्री की बात सुनी और गहराई से सोचने लगे। उन्हें समझ आया कि उनका अहम उन्हें यथार्थ से दूर ले जा रहा था। उस दिन के बाद, राजा सुरेंद्र ने अपनी प्रजा की भलाई और उनके विकास पर अधिक ध्यान देना शुरू कर दिया। उन्होंने समझ लिया कि उनकी मृत्यु के बाद भी जीवन चलता रहेगा, और उनका असली योगदान उनके अच्छे कामों में होगा, न कि उनके अहम में।

कहानी का संदेश यह है कि व्यक्ति को अपने आप को सबसे महत्वपूर्ण नहीं समझना चाहिए, क्योंकि जीवन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और हर व्यक्ति के जाने के बाद भी यह चलती रहती है।

शायरी:

इस दुनिया की रवानी में, अपना क्या है बयान,

“आप मरे जग परलय”, कहे ये जमाने का फसान।

हम तो फकत एक कहानी हैं, जिसका न कोई आगाज़ है,

जीवन की इस महफ़िल में, हर कोई अपना राज़ है।

अपनी मौत पे न घबराना, जीना इसी का नाम है,

मिट्टी में मिल जाएंगे हम, यही तो सच्चा इनाम है।

हमारे जाने के बाद भी, दुनिया यूँही चलती रहेगी,

अपने जीवन की लगन से, नई कहानियाँ रचती रहेगी।

तो आओ जी लें हम ये जिंदगी, हर लम्हे को यादगार बनाएँ,

क्योंकि “आप मरे जग परलय”, इसी में सबकी बात समाएँ।

 

आप मरे जग परलय शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of आप मरे जग परलय – Aap mare jag parlay Proverb:

“Aap Mare Jag Parlay” is a popular Hindi proverb, which broadly means that the world continues its regular course even after an individual’s death. This proverb satirizes the false belief that the world cannot exist without them.

Introduction: The proverb is used to challenge the notion that the absence of an individual would bring about a significant change in the world. It tries to convey that death is a natural process and life, in itself, continues unabated.

Meaning: The essence of this proverb is that life goes on as usual even after someone’s death. It implies that no individual is so important that their absence would disrupt the course of the world.

Usage: This proverb is used when one needs to explain that life will continue normally even after them and that there will be no major change in the world.

Examples:

-> A person who gives great importance to their presence in the world and thinks that everything will stop in their absence can be explained through this proverb that life will continue at its normal pace even after they are gone.

Conclusion: The message of this proverb is that one should not get entangled in worries about what happens after their death. It teaches us that life is an ongoing process, and it continues even after every individual’s life and death. Thus, one should focus on making their life meaningful, rather than worrying about what happens after death.

Story of Aap Mare Jag Parlay Proverb in English:

Long ago, in a small kingdom, there was a king named Surendra. King Surendra was very powerful and wealthy, but he placed great importance on himself. He believed that without him, his kingdom and its people were incomplete.

King Surendra had many magnificent palaces and gardens built during his lifetime. He always thought that without him, all these things were pointless. One day, he said to his ministers, “What will happen to this kingdom after me? Without me, it will become desolate.”

Upon hearing this, an elderly minister said, “My lord, the cycle of life and death continues unceasingly. Even after you, this kingdom will keep moving forward. The proverb ‘Aap Mare Jag Parlay’ teaches us that the world’s order doesn’t stop for anyone’s departure.”

King Surendra listened to the wise minister and began to think deeply. He realized that his ego was distancing him from reality. From that day onwards, King Surendra started focusing more on the welfare and development of his people. He understood that life goes on even after death, and his real contribution would be in his good deeds, not in his ego.

The message of the story is that one should not consider oneself to be the most important, as life is a continuous process and continues even after every individual’s departure.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस कहावत का अनुसरण करना हमें कैसे सीख सकता है?

इसका अनुसरण करके हमें समय का मूल्य समझाने का सीख मिलता है और हम सतत बेहतरीन प्रयासों में लगे रह सकते हैं।

क्या इस कहावत का कोई इतिहास है?

हां, यह कहावत भारतीय साहित्य में प्राचीन समय से आती है और वेदों और पुराणों में उल्लेखित है।

इस कहावत का उपयोग किस प्रकार की बातों में किया जा सकता है?

इसका उपयोग किसी भी स्थिति में जब हमें अस्थायी या अनिश्चितता का सामना करना पड़े, के संदर्भ में किया जा सकता है।

क्या यह कहावत किसी विशिष्ट परिस्थिति के लिए है?

नहीं, यह कहावत सामान्यत: जीवन के अस्थायी और अनिश्चितताओं के बारे में है।

क्या यह कहावत केवल भारतीय साहित्य में ही प्रचलित है?

नहीं, यह कहावत विभिन्न साहित्य और सांस्कृतिक परिधियों में भी प्रचलित है।

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।