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आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत, अर्थ, प्रयोग(Aap jay nahi saasure, auran ko sikhi det)

“आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत” यह हिंदी कहावत उन स्थितियों का वर्णन करती है जहाँ व्यक्ति स्वयं कोई कार्य नहीं करता, लेकिन दूसरों को उसी कार्य के लिए सलाह देता रहता है।

परिचय: इस कहावत का प्रयोग अक्सर उन लोगों के संदर्भ में होता है जो खुद तो कोई काम नहीं करते, लेकिन दूसरों को कार्य करने की सलाह देते हैं। यह कहावत उपदेश देने वाले और काम न करने वाले व्यक्तियों की विडंबना को दर्शाती है।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि जो व्यक्ति स्वयं किसी कार्य को नहीं करता, लेकिन दूसरों को उस कार्य के लिए प्रेरित या निर्देशित करता है।

उपयोग: यह कहावत तब प्रयोग की जाती है जब किसी व्यक्ति की आलोचना करनी हो कि वह खुद तो कार्य नहीं करता, लेकिन दूसरों को सलाह देने में आगे रहता है।

उदाहरण:

-> कार्यस्थल पर एक प्रबंधक जो खुद तो किसी परियोजना पर काम नहीं करता, लेकिन अपनी टीम को लगातार कार्य करने की सलाह देता रहता है।

समापन: इस प्रकार, “आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत” कहावत का संदेश यह है कि सिर्फ उपदेश देना और खुद काम न करना एक विरोधाभासी व्यवहार है। यह हमें यह भी सिखाती है कि हमें खुद भी वही काम करना चाहिए जो हम दूसरों को सिखाते हैं।

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आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत कहावत पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में अनुज नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह खुद को बहुत बुद्धिमान समझता था और हमेशा गाँव के लोगों को विभिन्न कार्यों के लिए सलाह दिया करता था। लेकिन जब भी कोई उससे उसके काम के बारे में पूछता, तो वह कुछ न करने के बहाने बना देता।

गाँव में एक बड़ी समस्या थी – पानी की कमी। अनुज ने गाँववालों को सलाह दी कि वे एक बड़ा तालाब खोदें। सभी ने उसकी बात मान ली और काम शुरू कर दिया। लेकिन जब उन्होंने अनुज से तालाब खोदने में मदद करने को कहा, तो वह हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर काम से बचता रहा।

कुछ दिनों बाद, जब तालाब बनकर तैयार हुआ, तो अनुज ने उसमें सबसे पहले पानी भरने की बात की। इस पर गाँववालों ने एक साथ कहा, “आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत। तुमने तालाब बनाने में हमारी कोई मदद नहीं की, तो तुम्हें पहले पानी भरने का अधिकार भी नहीं है।”

अनुज को उस समय अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने समझा कि केवल सलाह देना ही काफी नहीं है, बल्कि काम में भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। इस घटना के बाद, वह न केवल सलाह देने लगा, बल्कि कार्य में भी सक्रिय रूप से भाग लेने लगा।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी कार्य के लिए केवल उपदेश देना पर्याप्त नहीं होता, उस कार्य में सक्रिय रूप से भागीदारी भी आवश्यक है।

शायरी:

बिन काम किए सलाहें बांटे, ये कैसा दस्तूर है,

“आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत” का क्या सूर है।

खुद न जुटे काम में, फिर भी ज्ञान का पिटारा खोले,

दूसरों को राह दिखाने वाले, खुद क्यों राह से डोले।

जिनके काम नहीं अपने, वो कैसे दूसरों को सिखाएं,

जो खुद चले नहीं पथ पर, वो औरों को कैसे चलाएं।

सलाहों की बारिश में, खुद को भिगोना भूल गए,

“आप जाय नहीं सासुरे”, इस कहावत को जीना भूल गए।

जिन्दगी की इस राह में, खुद भी चलना जरूरी है,

दूसरों को राह दिखाने से पहले, खुद चलना जरूरी है।

 

आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत – Aap jay nahi saasure, auran ko sikhi det Proverb:

The Hindi proverb “Aap jay nahi saasure, auran ko sikhi det” describes situations where a person does not do any work themselves but keeps advising others to do the same.

Introduction: This proverb is often used in the context of people who themselves do not perform any task, but advise others on how to do it. It highlights the irony of those who preach but do not practice themselves.

Meaning: The meaning of this proverb is that a person who does not engage in a task themselves, but motivates or directs others to undertake that task.

Usage: This proverb is used when one needs to criticize someone who does not do the work themselves but is always ready to give advice to others.

Examples:

-> For instance, a manager at the workplace who does not work on any project themselves but continuously advises their team to work.

Conclusion: Thus, the proverb “Aap jay nahi saasure, auran ko sikhi det” conveys that merely preaching and not doing the work oneself is a contradictory behavior. It also teaches us that we should also engage in the same work that we teach others to do.

Story of Aap jay nahi saasure, auran ko sikhi det Proverb in English:

In a small village, there lived a man named Anuj who considered himself very wise and always advised villagers on various tasks. However, whenever someone asked him about his work, he would make excuses for not doing anything.

The village faced a significant problem – water scarcity. Anuj suggested that the villagers dig a large pond. Everyone agreed and started the work. But when they asked Anuj to help in digging the pond, he always found an excuse to avoid the work.

A few days later, when the pond was completed, Anuj wanted to be the first to fill water in it. The villagers collectively said, “आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत. You didn’t help in making the pond, so you don’t have the right to fill water in it first.”

At that moment, Anuj realized his mistake. He understood that merely giving advice was not enough; active participation in the work was equally important. After this incident, he not only gave advice but also actively participated in the work.

This story teaches us that just preaching about a task is not sufficient; active involvement in the work is also necessary.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस कहावत का मतलब क्या है?

इस कहावत का मतलब है कि जब आप किसी को कुछ सिखा रहे हैं, तो आपको समझदारी और अच्छे तरीके से सिखाना चाहिए, न कि उसे अत्यधिक कड़ाई से या उतार-चढ़ाव से।

किसे ‘सासुरे’ और ‘औरन’ का प्रतीक कहा जा सकता है?

‘सासुरे’ यहां शिक्षक या गुरु को दर्शाता है, जबकि ‘औरन’ छात्र या शिष्य को प्रतिष्ठित करने के लिए है।

इस कहावत का उपयोग किस प्रकार से किया जा सकता है?

इस कहावत का उपयोग शिक्षा और प्रशिक्षण में या जीवन के किसी भी क्षेत्र में अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए किया जा सकता है।

क्या इस कहावत का कोई इतिहासिक प्रसंग है?

ऐसा कोई विशेष इतिहासिक प्रसंग नहीं है, लेकिन यह भारतीय सांस्कृतिक साहित्य में सामान्य रूप से प्रचलित है।

इस कहावत का प्रचलन कहां है?

यह कहावत भारतीय साहित्य और उसके उपनिषदों, ग्रंथों, और लोककथाओं में सामान्य रूप से पाई जा सकती है.

हिंदी कहावतों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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