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आंगन में कौवा बोलना अर्थ, प्रयोग (Aangan mein kauva bolna)

परिचय: “आंगन में कौवा बोलना” एक पुराना और प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका उपयोग अक्सर भारतीय संस्कृति में किया जाता है। यह मुहावरा भारतीय लोक कथाओं और जनश्रुतियों में गहराई से समाया हुआ है।

अर्थ: “आंगन में कौवा बोलना” का अर्थ है किसी अतिथि के आगमन की सूचना मिलना। प्राचीन काल से, भारतीय संस्कृति में कौवे के बोलने को अक्सर इस बात का संकेत माना जाता है कि घर में कोई मेहमान आने वाला है।

प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब अचानक से किसी के आने की आशंका होती है। इसका उपयोग अक्सर घरेलू चर्चाओं और बातचीत में होता है।

उदाहरण:

-> आज सुबह से ही आंगन में कौवा बोल रहा है, शायद कोई मेहमान आने वाला है।

-> जब अनीता ने देखा कि आंगन में कौवा बोल रहा है, तो उसने सोचा कि आज उसके पति जल्दी घर आ जाएंगे।

निष्कर्ष: “आंगन में कौवा बोलना” मुहावरा हमें भारतीय संस्कृति की एक अनूठी परंपरा से अवगत कराता है। यह न केवल हमारी प्राचीन मान्यताओं को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे प्रकृति और उसके संकेत

हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह मुहावरा हमें सिखाता है कि कैसे सामान्य घटनाएं भी हमें आगामी घटनाओं का संकेत दे सकती हैं। इस प्रकार, “आंगन में कौवा बोलना” हमारी लोक कथाओं और संस्कृति का एक अभिन्न अंग है, जो हमें प्रकृति के प्रति जागरूक रहने और उसके संकेतों को समझने की कला सिखाता है।

Hindi Muhavare Quiz

आंगन में कौवा बोलना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में सुधीर नामक एक किसान रहता था। एक दिन सुबह-सुबह, जब सुधीर अपने खेत की ओर जा रहा था, उसने देखा कि उसके आंगन में एक कौवा बार-बार बोल रहा है। सुधीर के मन में विचार आया, “आंगन में कौवा बोलना तो मेहमान के आने का संकेत है। कहीं मेरे भाई का परिवार तो नहीं आ रहा?”

सुधीर ने तुरंत अपनी पत्नी मीरा को इस बारे में बताया। मीरा ने कहा, “हाँ, सच में! आज ही तुम्हारे भाई ने कहा था कि वे हमसे मिलने आएंगे।” दोनों ने जल्दी से मेहमानों के लिए खाना और घर की साफ-सफाई में लग गए।

कुछ ही समय बाद, सुधीर का भाई अपने परिवार के साथ वहाँ पहुँच गया। सुधीर और मीरा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। सुधीर ने हँसते हुए कहा, “देखो, कौवे ने हमें पहले ही तुम्हारे आने का संकेत दे दिया था।”

सभी ने मिलकर खूब बातें कीं, हँसी-मजाक किया और साथ में स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया। उस दिन सुधीर और मीरा को यह समझ में आया कि कैसे प्रकृति के छोटे-छोटे संकेत भी कभी-कभी बड़ी बातें बता देते हैं।

इस कहानी के माध्यम से “आंगन में कौवा बोलना” मुहावरे का सार्थक अर्थ समझ में आता है। यह बताता है कि कैसे प्रकृति और उसके जीव जगत के संकेत हमें किसी आगामी घटना की ओर इशारा कर सकते हैं।

शायरी:

आंगन में कौवा बोले, कुछ तो खबर लाया है,

हर आहट पे दिल ये बोले, कोई मेहमान आया है।

दस्तक पे दरवाजे की, उम्मीदों का पहरा है,

शायद फिर से कोई अपना, इस घर में ठहरा है।

कौवे की ये बोली, बता दे किसी का प्यार आ रहा,

दिल की गलियों में खुशियों का कारवाँ बसा रहा।

ये कौवा भी क्या खूब, खबरें जो देता है,

बिना बोले ही सब, मन की बात कह देता है।

आँखों की चमक में, बसी एक उम्मीद की झलक है,

आंगन में कौवे की आवाज़, मानो जीवन की संगीतकला है।

 

आंगन में कौवा बोलना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of आंगन में कौवा बोलना – Aangan mein kauva bolna Idiom:

Introduction: “आंगन में कौवा बोलना” is an old and popular Hindi idiom, commonly used in Indian culture. This idiom is deeply rooted in Indian folklore and traditions.

Meaning: The phrase “आंगन में कौवा बोलना” means the indication of an impending guest’s arrival. Since ancient times in Indian culture, the cawing of a crow is often interpreted as a sign that a guest is about to visit the house.

Usage: This idiom is generally used when there is a sudden expectation of someone’s arrival. It is often employed in domestic discussions and conversations.

Example:

-> “Since this morning, a crow has been cawing in the courtyard; maybe a guest is about to arrive.”

-> “When Anita saw a crow cawing in the courtyard, she thought that her husband would come home early today.”

Conclusion: The idiom “आंगन में कौवा बोलना” acquaints us with a unique tradition of Indian culture. It not only reflects our ancient beliefs but also indicates how nature and its signs play a significant role in our lives. This idiom teaches us that even ordinary events can signal upcoming occurrences. Thus, “आंगन में कौवा बोलना” is an integral part of our folklore and culture, teaching us to be aware of nature and to understand its signs.

Story of ‌‌Aangan mein kauva bolna Idiom in English:

In a small village, there lived a farmer named Sudhir. One morning, as Sudhir was heading towards his field, he noticed a crow cawing repeatedly in his courtyard. A thought crossed Sudhir’s mind, “The crow cawing in the courtyard is a sign of an incoming guest. Could it be that my brother’s family is coming?”

Sudhir immediately told his wife Meera about it. Meera said, “Indeed! Your brother did mention today that they would come to visit us.” They both quickly started preparing food and cleaning the house for the guests.

After a short while, Sudhir’s brother arrived with his family. Sudhir and Meera warmly welcomed them. Laughing, Sudhir said, “Look, the crow had already given us a sign of your arrival.”

Together, they all enjoyed great conversations, laughter, and a delicious meal. That day, Sudhir and Meera realized how nature’s subtle signs can sometimes indicate significant events.

Through this story, the meaningful essence of the idiom “आंगन में कौवा बोलना” becomes clear. It illustrates how nature and its creatures can hint at upcoming events.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का अन्य भाषाओं में क्या संवर्णन है?

इस मुहावरे का अंग्रेजी में अनुवाद “To crow in the courtyard” है, जिसका अर्थ भी बेवकूफ बोलना है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग आज भी होता है?

हां, इस मुहावरे का उपयोग आज भी अधिकतर भारतीय साहित्य और भाषा में किया जाता है, ताकि व्यक्ति के झूठे या व्यर्थ बोलने की बात सामने आ सके।

क्या होता है आंगन में कौवा बोलना?

आंगन में कौवा बोलना एक मुहावरा है जो किसी के बड़े घमंड और खोखलापन को दर्शाता है। इसका मतलब होता है किसी के बोलने की बात सच नहीं होती, वह झूठी बातें करता है।

इस मुहावरे का उपयोग किस प्रकार से होता है?

यह मुहावरा अक्सर किसी के झूठ और बेवकूफ बोलने को उजागर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे भी किसी के भड़काऊ या अप्रामाणिक बोलने को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

क्या इस मुहावरे का इतिहास है?

आंगन में कौवा बोलना भारतीय संस्कृति में प्राचीन समय से ही प्रचलित है। यह मुहावरा पौराणिक कथाओं और लोक कथाओं के माध्यम से आया है।

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