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आ पड़ोसन लड़ें, अर्थ, प्रयोग(Aa padosan laden)

परिचय: “आ पड़ोसन लड़ें” यह कहावत अक्सर उस स्थिति में प्रयोग की जाती है जब किसी घटना या समस्या पर तत्काल और अनावश्यक रूप से प्रतिक्रिया दी जाती है। यह कहावत आमतौर पर उन स्थितियों में इस्तेमाल होती है जहाँ लोग बिना वजह या छोटी सी बात पर आपस में उलझ जाते हैं।

अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि लोग कभी-कभी बिना किसी ठोस कारण के या छोटी-मोटी बातों पर झगड़ा कर बैठते हैं।

उपयोग: इस कहावत का प्रयोग तब किया जाता है जब लोग छोटे मुद्दों पर आपस में लड़ने-झगड़ने लगते हैं, जिसका कोई खास महत्व नहीं होता।

उदाहरण:

-> मान लीजिए, दो पड़ोसी अपने घर के बाहर खड़ी गाड़ी के लिए झगड़ा करने लगे, तो लोग कह सकते हैं कि “देखो, वे ‘आ पड़ोसन लड़ें’ कर रहे हैं।”

समापन: यह कहावत हमें सिखाती है कि छोटी-मोटी और अनावश्यक बातों पर लड़ाई-झगड़ा न करके, हमें शांति और सद्भावना के साथ समस्याओं का समाधान खोजना चाहिए। “आ पड़ोसन लड़ें” कहावत हमें छोटी बातों पर आपसी विवाद से बचने की प्रेरणा देती है।

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आ पड़ोसन लड़ें कहावत पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में दो पड़ोसी, विकास और विशाल रहते थे। दोनों के बीच अक्सर छोटी-मोटी बातों पर बहस हो जाया करती थी। एक दिन की बात है, विकास की मुर्गी ने विशाल के आँगन में अंडा दे दिया। इस पर विशाल ने कहा कि चूँकि अंडा उसके आँगन में दिया गया है, इसलिए वह अंडा उसका है।

विकास ने इस पर विरोध किया और कहा कि मुर्गी उसकी है, इसलिए अंडा भी उसका है। इस बात पर दोनों में जोरदार बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि गाँव के अन्य लोग भी इकट्ठा हो गए।

गाँव के एक बुजुर्ग ने दोनों को समझाया, “भाइयों, इस तरह की छोटी बातों पर लड़ना ‘आ पड़ोसन लड़ें’ की तरह है। इससे न तो कोई समाधान निकलेगा और न ही आपसी संबंध सुधरेंगे। बेहतर होगा कि आप दोनों मिलकर किसी समझदारी भरे हल पर पहुँचें।”

विकास और विशाल ने बुजुर्ग की बात मानी और आपसी सहमति से निर्णय लिया। इस घटना के बाद, वे दोनों समझ गए कि छोटी-मोटी बातों पर लड़ाई-झगड़ा करने से कुछ हासिल नहीं होता।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि “आ पड़ोसन लड़ें” कहावत का अर्थ है कि अनावश्यक और छोटी बातों पर लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए। इससे बेहतर है कि समस्याओं का समझदारी से समाधान खोजा जाए।

शायरी:

छोटी बातों पर जो लड़ते, बिन बात के वार करते,

“आ पड़ोसन लड़ें” कहते, जब बेमतलब तकरार करते।

बातों-बातों में उलझना, जैसे बेमानी की बात,

“आ पड़ोसन लड़ें” यही, जब छोटी चीज़ों पर सौगात।

बेवजह की नोकझोंक से, क्या हासिल, क्या पाया,

“आ पड़ोसन लड़ें” यही, जब बिना वजह शोर मचाया।

जिन्दगी की राह में, ऐसी बहसों का क्या काम,

“आ पड़ोसन लड़ें” यही, जब छोटी बात पर हो जाम।

दिलों को जोड़ने की बात, यही है ज़िंदगी की राहत,

“आ पड़ोसन लड़ें” छोड़, मिलकर चलें, बनाएं साथ।

 

आ पड़ोसन लड़ें शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of आ पड़ोसन लड़ें – Aa padosan laden Proverb:

Introduction: “Aa padosan laden” is a proverb often used in situations where an immediate and unnecessary reaction is given to an event or problem. This proverb is commonly used in scenarios where people get into conflicts over trivial or insignificant matters.

Meaning: The meaning of this proverb is that people sometimes quarrel over no solid reason or over petty issues.

Usage: This proverb is used when people start fighting or arguing over small issues that are not of great importance.

Examples:

-> For example, if two neighbors start fighting over a car parked outside their house, people might say, “Look, they are doing ‘Aa padosan laden.'”

Conclusion: This proverb teaches us that instead of fighting over trivial and unnecessary matters, we should seek solutions to problems with peace and goodwill. The proverb “Aa padosan laden” inspires us to avoid disputes over small matters.

Story of Aa padosan laden Proverb in English:

In a small village, there lived two neighbors, Vikas and Vishal. They often argued over trivial matters. One day, Vikas’s hen laid an egg in Vishal’s courtyard. Vishal claimed that since the egg was laid in his courtyard, it belonged to him.

Vikas objected, saying that since the hen was his, the egg was also his. This led to a heated argument between the two. The argument escalated to the point where other villagers gathered around.

An elderly villager intervened and advised them, “Brothers, fighting over such petty matters is like the proverb ‘Let’s fight, neighbor.’ This will not lead to any solution and will not improve your relationship. It would be better if you both come to a sensible agreement.”

Vikas and Vishal heeded the elder’s advice and reached a mutual decision. After this incident, they both realized that fighting over trivial matters is fruitless.

This story teaches us that the proverb “Let’s fight, neighbor” means that one should not quarrel over unnecessary and petty matters. It is better to find a sensible solution to problems.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या यह कहावत केवल समस्याओं के समाधान के लिए है?

नहीं, यह भी दिखाता है कि समाज में सामंजस्य और साहित्यिक दृष्टिकोण से भी सहायता की जा सकती है।

क्या इस कहावत का कोई विरोधाभास है?

नहीं, यह आपसी समझ, सहायता, और समर्पण को बढ़ावा देने का सुझाव देता है।

इस कहावत का इतिहास क्या है?

कहावत का अधिग्रहण भारतीय सांस्कृतिक परंपरा से है और इसने देशवासियों में सामूहिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित किया है।

क्या इस कहावत का कोई विशेष धार्मिक संदेश है?

नहीं, यह सामाजिक सद्भावना और सहायता के सिद्धांतों को प्रमोट करता है, जो सभी धर्मों और समुदायों के लिए उपयुक्त हैं।

क्या आपको इस कहावत का उदाहरण देना संभव है?

हाँ, जैसे कि जब दो पड़ोसी लड़ रहे होते हैं और उन्हें शांति स्थापित करने में मदद करनी चाहिए।

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