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उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई, अर्थ, प्रयोग(Utar gayi loi to kya karega koi)

परिचय: भारतीय संस्कृति में मुहावरों का बहुत महत्व है। ये मुहावरे अपने आप में गहरे अर्थ छिपाए रखते हैं और जीवन के विविध पहलुओं को सरलता से व्यक्त करते हैं। “उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई” ऐसा ही एक मुहावरा है जो व्यक्ति की स्थिति और प्रतिष्ठा से जुड़ी एक महत्वपूर्ण सीख देता है।

अर्थ: “उतर गई लोई” का अर्थ होता है कि किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा या सम्मान में कमी आ जाती है तो फिर उसे किसी बात की फ़िक्र नहीं रहती और यह मान लेता है की इससे ज्यादा और कितना बुरा हो सकता है। “लोई” शब्द का प्रयोग प्राचीन समय में ओढ़ने के कपड़े के लिए होता था, और यहाँ यह प्रतीकात्मक रूप से किसी की इज्जत या सम्मान के लिए किया गया है। इस मुहावरे का संपूर्ण भाव यह है कि एक बार जब किसी की इज़्ज़त खो जाती है, तो फिर उसे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।

मुहावरे का प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग किसी ऐसे व्यक्ति के संदर्भ में किया जा सकता है जिसने अपनी प्रतिष्ठा खो दी हो, और जिसके बारे में अब और कुछ कहने या करने की जरूरत ना हो। यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग में लाया जाता है जब किसी के चरित्र पर लगे आरोप के बाद उसकी सामाजिक स्थिति गिर जाती है और वह बेफिक्र हो जाता है ।

उदाहरण:

-> अभय की गलतियों के कारण उसकी सामाजिक स्थिति ख़राब हो गई है. अब वह कहता है की “उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई”।

-> समाज में एक बार जब व्यक्ति की छवि खराब हो जाती है, तो फिर उसके बारे में चर्चा करना भी बेकार होता है, जैसे कहते हैं “उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई”।

निष्कर्ष: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि प्रतिष्ठा किसी भी व्यक्ति के लिए कितनी महत्वपूर्ण होती है और एक बार जब यह खो जाती है, तो उसकी पूर्व स्थिति को प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो जाता है। अतः, हमें अपने कर्मों को सोच-समझ कर करना चाहिए ताकि हमारी प्रतिष्ठा हमेशा बनी रहे।

Hindi Muhavare Quiz

उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक सुंदर नगर में विनीत नाम का एक व्यापारी रहता था। उसकी ईमानदारी और सच्चाई के चर्चे हर किसी की जुबान पर होते थे। लेकिन कहते हैं ना, जितनी ऊँची चोटी, गिरने पर चोट उतनी ही गहरी। एक दिन विनीत के एक पुराने मित्र ने उसके खिलाफ साजिश रच डाली।

उस मित्र ने विनीत पर गलत व्यापारिक लेनदेन का आरोप लगा दिया। बिना पुख्ता सबूत के, लोगों ने विनीत को दोषी मान लिया। विनीत की वर्षों की मेहनत और अच्छी प्रतिष्ठा मिटटी में मिल गई। उसकी “लोई उतर गई” यानी सम्मान का वस्त्र उससे छिन गया। जो व्यक्ति कभी उसके सबसे करीब थे, वे भी कहने लगे, “अब उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई।”

विनीत टूट चुका था, लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने खुद को साबित करने की ठानी और दिन-रात एक कर दिया। समय के साथ, उसने अपने काम के बल पर सबूत पेश किए और साबित कर दिया कि वह निर्दोष है।

लोगों ने विनीत की फिर से इज्जत करना शुरू किया और जो मित्र उसके खिलाफ था, उसे अपने किए की सजा मिली। गाँव वालों ने भी एक सबक सीखा कि जब तक पूरी सच्चाई सामने न आ जाए, किसी पर आरोप लगाना उचित नहीं होता।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि प्रतिष्ठा बहुत नाजुक होती है, और एक बार खो जाने पर उसे वापस पाना कठिन होता है। लेकिन अगर मन में सच्चाई और दृढ़ विश्वास हो तो उसे दोबारा पाना असंभव नहीं होता।

शायरी:

जब इज्जत की लोई उतर जाए तो ज़माना क्या करेगा,

हर तस्वीर से चेहरा तेरा, फिर भी धुंधला करेगा।

इक आदमी का समंदर था, जिसमें नेकी की कश्ती डूबी,

अब खो गया जो आबरू से, उस पर दुनिया क्या रूबी।

वो जिनके मुँह से बस ‘वाह-वाह’ की गूँज सुनी जाती थी,

उन्हीं की जुबान पर अब ‘उतर गई लोई’ आती थी।

बाज़ार-ए-दुनिया में नाम का रुतबा जो गिर जाए,

वो फिर बिकता नहीं, बाजार में कोई क्या कर पाए।

हर रिश्ता यहाँ एक बुना हुआ जाल सा लगता है,

जिसमें इज्जत की लोई जब उतरे, हर सूरत भाल सा लगता है।

 

उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई – Utar gayi loi to kya karega koi Idiom:

Introduction: Idioms hold significant importance in Indian culture. They encapsulate deep meanings and express the various aspects of life with simplicity. “उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई” is one such idiom that imparts an important lesson about an individual’s condition and reputation.

Meaning: “उतर गई लोई” translates to a diminished reputation or respect of an individual, to the point where they no longer worry about it, adopting an attitude of ‘what worse could possibly happen’. The term “लोई” was used in ancient times for a piece of clothing worn for cover, and here it is symbolically used for someone’s honor or respect. The complete sentiment of the idiom is that once a person’s honor is lost, they are not much affected by it anymore.

Usage of the Idiom: This idiom can be used in reference to someone who has lost their standing or reputation, and there’s no need to say or do anything further about them. It is often employed when someone’s social status has fallen due to allegations against their character, and they become carefree.

Examples:

-> Due to Abhay’s mistakes, his social standing has deteriorated. Now he says, “What can anyone do when the cover of honor has fallen off.”

-> Once a person’s image is tarnished in society, discussing them becomes pointless, as the saying goes, “What can anyone do when the cover of honor has fallen off.”

Conclusion: This idiom teaches us how crucial reputation is for any individual and that once it is lost, regaining the former status becomes extremely difficult. Therefore, we should act with careful consideration so that our reputation remains intact.

Story of ‌‌Utar gayi loi to kya karega koi Idiom in English:

Once upon a time, in a beautiful city, there lived a merchant named Vineet. He was well-known for his honesty and truthfulness, and everyone spoke highly of him. But as they say, the higher the peak, the deeper the fall. One day, an old friend of Vineet conspired against him.

This friend accused Vineet of fraudulent business transactions. Without solid evidence, people considered Vineet guilty. Vineet’s years of hard work and good reputation were destroyed. His cloak of honor, as it were, was stripped away from him. Even those who were once closest to him began to say, “What can anyone do once the cloak is gone?”

Vineet was broken, but he did not give up. He resolved to prove his innocence and worked tirelessly day and night. Over time, he presented evidence through his work and proved that he was innocent.

People began to respect Vineet once again, and the friend who had turned against him received his due punishment. The villagers also learned a lesson that it is not right to accuse someone until the whole truth comes out.

From this story, we learn that reputation is very fragile, and once lost, it is hard to regain. However, if one has truth and firm belief in their heart, regaining it is not impossible.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का उपयोग कहाँ होता है?

यह मुहावरा उन स्थितियों को व्यक्त करने के लिए कारगर है जब किसी ने किसी काम में गड़बड़ी कर दी हो और उसे सुधारने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है.

उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई का मतलब क्या होता है?

इस मुहावरे का मतलब है कि जब कोई गलती हो जाती है तो उस स्थिति से बचने के लिए कोई उपाय नहीं करता है.

क्या इस मुहावरे का कोई विरोधाभास है?

नहीं, इस मुहावरे का कोई विरोधाभास नहीं है. यह सिर्फ एक सामान्य उक्ति है जो गलतियों को ठीक करने की अजीब स्थिति को व्यक्त करती है.

इस मुहावरे का उत्पत्ति से संबंध क्या है?

यह मुहावरा हिंदी भाषा का है और इसका उत्पत्ति सामान्यत: जीवन की घटनाओं और उनके पर्यावरण से जुड़ा होता है.

क्या इस मुहावरे का कोई साहित्यिक प्रयोग हुआ है?

हां, कई साहित्यिक रचनाओं में इस मुहावरे का प्रयोग किया गया है, जिससे उन्हें एक विशेष रूप से व्यक्त करने में मदद हुई है.

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा उ से शुरू होने वाले मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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