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तुरंत दान महाकल्याण अर्थ, प्रयोग(Turant dan mahakalyan)

परिचय: “तुरंत दान महाकल्याण” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जो समाज में दान के महत्व को दर्शाता है। यह मुहावरा नैतिकता और परोपकारी विचारधारा को प्रोत्साहित करता है।

अर्थ: “तुरंत दान महाकल्याण” का शाब्दिक अर्थ है कि तुरंत किया गया दान सबसे बड़ा कल्याणकारी कार्य होता है। यह मुहावरा यह संकेत देता है कि जब भी किसी को मदद की आवश्यकता हो, तो बिना देर किए मदद करना चाहिए।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में होता है जब तत्काल मदद की बात की जाए। यह विशेष रूप से दान और सहायता के संदर्भ में लागू होता है।

उदाहरण:

-> जब गाँव में बाढ़ आई, तो अखिल ने तुरंत खाने के पैकेट और कपड़े दान किए, उसने “तुरंत दान महाकल्याण” की भावना का पालन किया।

-> कुसुम ने अनाथालय को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की, उसका यह कदम “तुरंत दान महाकल्याण” का उदाहरण था।

निष्कर्ष: “तुरंत दान महाकल्याण” मुहावरा समाज में परोपकार और सहायता की भावना को बढ़ावा देता है। यह हमें सिखाता है कि समय पर की गई मदद न केवल दूसरों के लिए लाभकारी होती है, बल्कि यह हमारे नैतिक और सामाजिक उत्तरदायित्व का भी हिस्सा है। यह मुहावरा हमें यह भी बताता है कि दान करना केवल धन देने का ही काम नहीं है, बल्कि यह एक संवेदनशील और सहायक समाज की स्थापना में भी योगदान देता है।

Hindi Muhavare Quiz

तुरंत दान महाकल्याण मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से शहर में अनुज नाम का एक युवक रहता था। वह बहुत ही दयालु और सहायक स्वभाव का था।

एक दिन अनुज को पता चला कि उसके शहर के एक हिस्से में आग लग गई है और कई परिवार बेघर हो गए हैं। उसने तुरंत फैसला किया कि वह इन परिवारों की मदद करेगा।

अनुज ने बिना किसी देरी के कुछ आवश्यक सामग्री जुटाई और पीड़ित परिवारों को वितरित की। उसने खाना, कपड़े, और आश्रय की व्यवस्था की।

अनुज के इस कदम से पीड़ित परिवारों को बहुत राहत मिली। उनकी सहायता से उन परिवारों को फिर से जीवन में आगे बढ़ने की उम्मीद मिली।

अनुज की इस कहानी से हमें “तुरंत दान महाकल्याण” मुहावरे का सही अर्थ समझ में आता है। यह दर्शाता है कि समय पर की गई सहायता किसी के लिए बहुत बड़ा कल्याणकारी काम हो सकती है। अनुज ने दिखाया कि तत्काल मदद से हम न केवल किसी की तात्कालिक जरूरतों की पूर्ति करते हैं, बल्कि उन्हें नई आशा और साहस भी प्रदान करते हैं। इसलिए, “तुरंत दान महाकल्याण” की भावना समाज में फैलाना बहुत जरूरी है।

शायरी:

जिसने दर्द में दिया है, हाथ बढ़ाकर सहारा,

उसने “तुरंत दान महाकल्याण” का, दिया है संदेश सारा।

बिना देरी किया जब किसी ने, किसी का उपकार,

तो जैसे ज़िन्दगी ने पाया, एक नया आधार।

जिनके दिल में है प्यार, वही देते हैं बिना सोचे,

उनके कदमों में बिछ जाते हैं, दुआओं के फूल रोजे।

तुरंत दान करने वाले का, दिल होता है बड़ा,

उसके इरादे फौलादी, उसका जीवन सदा।

जो देता है दिल खोलकर, उसे क्या परवाह दुनिया की,

उसके लिए तो हर इंसान में, बसती है खुदा की बस्ती।

तुरंत दान करने वाला, होता है खुद में महान,

उसकी इंसानियत बताती है, उसका असली ईमान।

दुख में जो साथी बने, वही सच्चा इंसान,

जिसने सीखा “तुरंत दान महाकल्याण”, उसने पाया जीवन का अर्थ महान।

जिंदगी के इस सफर में, जो बांटे खुशियाँ और प्यार,

वही तो है असली हीरो, उसी का जश्न बार-बार।

 

तुरंत दान महाकल्याण शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of तुरंत दान महाकल्याण – Turant dan mahakalyan Idiom:

Introduction: “तुरंत दान महाकल्याण” is a famous Hindi idiom that highlights the importance of charity in society. This idiom encourages morality and altruistic ideology.

Meaning: The literal meaning of “तुरंत दान महाकल्याण” is that immediate charity is the greatest benevolent act. This idiom suggests that whenever someone is in need of help, one should assist without any delay.

Usage: This idiom is often used in situations where immediate help is discussed. It is particularly applicable in the context of charity and assistance.

Example:

-> When the village was flooded, Akhil immediately donated food packets and clothes, following the spirit of “तुरंत दान महाकल्याण”.

-> Kusum provided immediate financial assistance to an orphanage, which was an example of “तुरंत दान महाकल्याण”.

Conclusion: The idiom “तुरंत दान महाकल्याण” promotes the spirit of philanthropy and assistance in society. It teaches us that timely help is not only beneficial for others but is also a part of our moral and social responsibility. This idiom also conveys that donating is not just about giving money but also contributes to the establishment of a sensitive and supportive society.

Story of ‌‌Turant dan mahakalyan Idiom in English:

In a small town lived a young man named Anuj. He was very kind and helpful by nature.

One day, Anuj learned that a part of his town had caught fire, leaving many families homeless. He immediately decided to help these families.

Without any delay, Anuj gathered necessary materials and distributed them to the affected families. He arranged for food, clothing, and shelter.

Anuj’s action brought great relief to the affected families. His assistance gave these families hope and the strength to move forward in life.

This story of Anuj helps us understand the true meaning of the idiom “तुरंत दान महाकल्याण.” It shows that timely help can be a significant benevolent act for someone. Anuj demonstrated that immediate help not only fulfills someone’s immediate needs but also provides them with new hope and courage. Therefore, spreading the spirit of “तुरंत दान महाकल्याण” in society is very important.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई ऐतिहासिक महत्व है?

नहीं, इसका कोई ऐतिहासिक महत्व नहीं है, लेकिन यह एक सामान्य और उपयोगी मुहावरा है।

इस मुहावरे का उपयोग किस परिस्थिति में किया जाता है?

यह मुहावरा किसी अच्छे कार्य को तत्काल करने की प्रेरणा देने के लिए उपयोग में आता है।

क्या है “तुरंत दान महाकल्याण” का अर्थ?

“तुरंत दान महाकल्याण” का अर्थ है किसी शुभ कार्य को तुरंत करना या समर्थन देना।

क्या इस मुहावरे का कोई समासिक संदेश होता है?

हां, इस मुहावरे का समासिक संदेश होता है कि समय पर शुभ कार्यों को करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

क्या “तुरंत दान महाकल्याण” का उपयोग समाज में संकेतिक रूप में किया जा सकता है?

हां, इस मुहावरे का उपयोग समाज में संकेतिक रूप से किया जा सकता है, ताकि लोग शुभ कार्यों को तत्काल करने के प्रति प्रेरित हों।

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