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ठन ठन गोपाल, अर्थ, प्रयोग(Than Than Gopal)

परिचय: हिंदी भाषा अनेक मुहावरों की खजाना है। ‘ठन ठन गोपाल’ भी उसी खजाने का ही अनमोल रत्न है। यह मुहावरा व्यक्ति की गरीबी और अभाव की स्थिति को दर्शाता है। आइए, इस मुहावरे का अर्थ और प्रयोग जानते हैं।

अर्थ: ‘ठन ठन गोपाल’ मुहावरे का अर्थ होता है – किसी के पास कुछ नहीं होना। जब किसी व्यक्ति के पास धन या संपत्ति का पूरी तरह से अभाव हो, तब इसे प्रयोग में लाया जाता है।

उदाहरण:

-> विकास तो ‘ठन ठन गोपाल’ है, फिर भी वह हमेशा प्रसन्न रहता है।

-> पारुल अपनी मेहनत से कमाई हुई थोड़ी रकम को संजीवनी समझती है, क्योंकि वह तो ‘ठन ठन गोपाल’ है।

व्याख्या: ‘ठन ठन गोपाल’ मुहावरे का प्रयोग उस समय होता है, जब किसी को उसकी गरीबी या अभाव की स्थिति को बताने की जरूरत होती है। गोपाल भगवान श्रीकृष्ण का एक रूप है। इस मुहावरे के माध्यम से व्यक्ति के अभाव की स्थिति को प्रकट किया जाता है।

निष्कर्ष: ‘ठन ठन गोपाल’ मुहावरा हमें यह सिखाता है कि जीवन में हमें अधिक संपत्ति या धन की तलाश में भूलकर भी अपनी सच्चाई को नकार नहीं करना चाहिए। असली धन व्यक्ति की संतोष और समृद्धि में है, न कि उसके पास कितनी संपत्ति है।

Hindi Muhavare Quiz

ठन ठन गोपाल मुहावरा पर कहानी:

विनीत गाँव का एक साधारण लड़का था। जहां बाकी लोग अपने बड़े-बड़े मकानों और सजीवनी सम्पत्ति की बहुत प्रशंसा करते थे, वहां विनीत तो ‘ठन ठन गोपाल’ था।

उसका एक छोटा सा झोंपड़ा था, और उसके पास ना तो कोई जमीन थी और ना ही कोई बड़ी संपत्ति। लेकिन विनीत की आँखों में वह झोंपड़ा ही उसका राजमहल था।

एक दिन, गाँव के एक अमीर व्यक्ति ने विनीत से कहा, “तुम्हारे पास तो कुछ भी नहीं है, तुम कैसे खुश रहते हो?” विनीत मुस्कराया और कहा, “मेरे पास सच्चा संतोष है, और वह मेरे लिए सब कुछ है।”

गाँव में मेला लगा, और विनीत भी मेले में गया। जब उसने अपनी झोली की जेब में हाथ डाला तो वह खाली पाई। लेकिन फिर भी, उसने किसी विक्रेता से एक छोटी सी गुड़िया खरीदी। वह विक्रेता थोड़ा हैरान हो गया और पूछा, “तुम्हारे पास पैसे तो नहीं हैं, फिर भी तुम इतनी खुश क्यों हो?” विनीत ने मुस्कराते हुए कहा, “मैं तो ‘ठन ठन गोपाल’ है, लेकिन मैं अपनी खुशी में रहता हूँ।”

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्ची खुशी और संतोष संपत्ति या धन में नहीं है, बल्कि व्यक्ति की सोच और उसकी मानसिकता में है। विनीत की तरह, हमें भी अपने पास जो कुछ भी है उसमें खुश रहना चाहिए।

शायरी:

ठन ठन गोपाल जैसी जिंदगी में भी,

खुदा से मिले वो राहतें अनगिनत हैं।

धन रूपिए की तलाश में भटक रहे सभी,

जिंदगी की असली मोहब्बत जो बेहिसाब है।

दौलत के पास हो सकते हैं हजार लोग,

पर सच्ची खुशी वही जो दिल से अबाद है

 जिसे समझ आए जीवन का यह राज़,

उसकी दुनिया में हर दिन ईद का त्योहार है।

 

ठन ठन गोपाल शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of ठन ठन गोपाल – Than Than Gopal Idiom:

Introduction: The Hindi language is a treasure trove of numerous idioms. ‘Than Than Gopal’ is one such precious gem from this collection. This idiom depicts a person’s state of poverty and lack. Let’s explore the meaning and usage of this idiom.

Meaning:  The idiom ‘Than Than Gopal’ translates to – having nothing at all. It’s used when someone entirely lacks wealth or assets.

Usage:

-> Despite being ‘Than Than Gopal’ (having nothing), Vikas is always cheerful. 

-> Parul considers the little money she earns through her hard work as a lifeline because she is ‘Than Than Gopal’ (has nothing).

Discussion: The idiom ‘Than Than Gopal’ is employed when there’s a need to emphasize someone’s state of poverty or deprivation. Gopal is one of the forms of Lord Krishna. Through this idiom, the state of a person’s deprivation is expressed.

Conclusion: The idiom ‘Than Than Gopal’ teaches us that in life, we shouldn’t deny our truth in the pursuit of more wealth or assets. Real wealth lies in a person’s contentment and prosperity, not in the assets they possess.

Story of ‌‌Than Than Gopal Idiom in English:

Vineet was a simple boy from the village. While others boasted of their grand houses and vast wealth, Vineet was essentially penniless or ‘Than Than Gopal’ (having nothing at all).

He had a small hut, and he possessed neither land nor significant assets. But in Vineet’s eyes, that humble hut was his palace.

One day, a wealthy individual from the village remarked, “You have nothing; how do you manage to stay so content?” Vineet smiled and replied, “I have genuine contentment, and that is everything to me.”

There was a fair in the village, and Vineet too went to participate. When he reached into the pocket of his bag, he found it empty. Yet, he managed to buy a tiny doll from a vendor. The seller, surprised, asked, “You don’t have any money, yet you seem so happy. Why?” Vineet, with a smile, said, “I might have nothing or ‘Than Than Gopal’, but I find joy in my own happiness.”

This story teaches us that true happiness and contentment are not found in material wealth or possessions but in one’s mindset and perspective. Like Vineet, we should also find happiness in whatever we have.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या “ठन ठन गोपाल” का उपयोग सकारात्मक संदर्भ में होता है?

नहीं, यह मुहावरा ज्यादातर नकारात्मक या विपरीत संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।

क्या यह मुहावरा किसी प्राचीन कहानी या मिथक से जुड़ा है?

हाँ, इस मुहावरे की उत्पत्ति प्राचीन कहानियों या लोककथाओं से जुड़ी हुई है, लेकिन इसकी विशेष कहानी का सटीक विवरण उपलब्ध नहीं है।

“ठन ठन गोपाल” मुहावरे का प्रयोग आज के समय में कितना प्रचलित है?

यह मुहावरा आज भी हिंदी भाषा में प्रचलित है, विशेषकर जब किसी के अकेलेपन या निराधार स्थिति का वर्णन करना हो।

क्या इस मुहावरे का प्रयोग बच्चों की कहानियों में होता है?

हाँ, यह मुहावरा बच्चों की कहानियों में चरित्रों की अकेली या निराधार स्थिति को व्यक्त करने के लिए प्रयोग हो सकता है।

“ठन ठन गोपाल” मुहावरे का प्रयोग औपचारिक लेखन में कैसे होता है?

औपचारिक लेखन में इस मुहावरे का प्रयोग कम ही होता है, यह अधिकतर बोलचाल की भाषा में प्रयोग किया जाता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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