तताँरा वामीरो कथा: बहुत वर्षों पहले, जब लिटिल अंदमान और कार-निकोबार एक साथ मिले हुए थे, वहां एक खूबसूरत गांव बसा करता था। उस गांव के निकट, एक आकर्षक और साहसी नौजवान रहता था, जिसका नाम तताँरा था। निकोबार के निवासी उसे बहुत मानते थे, क्योंकि तताँरा एक दयालु और सहायक व्यक्ति था। जब कभी कोई संकट आता, सभी तताँरा को ही याद करते थे, और वह भी तत्परता से मदद के लिए दौड़ पड़ता था।
तताँरा हमेशा अपनी पारंपरिक वेशभूषा में ही नजर आता था और अपनी कमर में एक विशेष लकड़ी की तलवार सजाए रखता था। लोगों का विश्वास था कि इस तलवार में अद्भुत दिव्य शक्तियां समाहित थीं, भले ही वह लकड़ी की बनी हो। तताँरा कभी भी अपनी तलवार को अपने से दूर नहीं करता था, और न ही उसका प्रयोग दूसरों के सामने करता था। उसकी तलवार के रहस्य को लेकर गांव में बहुत जिज्ञासा थी, परंतु इसका राज कोई नहीं जानता था।
एक दिन, तताँरा कठिन श्रम के बाद समुद्र के किनारे टहलने निकला। ठंडी समुद्री हवाएं बह रही थीं, और शाम होते होते पक्षियों की चहक धीरे-धीरे शांत हो रही थी। तताँरा समुद्र के किनारे बालू पर बैठा, सूर्यास्त की अंतिम किरणों को पानी पर पड़ते हुए देख रहा था, जो बहुत मनोरम दृश्य प्रस्तुत कर रही थीं। तभी उसे पास ही से एक मधुर संगीत सुनाई दिया।
उत्सुकतावश तताँरा उस ध्वनि की ओर बढ़ा। आखिरकार, उसने एक युवती को देखा, जो बिना उसकी जानकारी के, गाने में मग्न थी। अचानक एक ऊंची लहर आई और उसे भिगो गई। इस अप्रत्याशित घटना से युवती हड़बड़ा गई और उसका गाना अचानक रुक गया। तताँरा ने बड़ी विनम्रता से उससे पूछा, “तुमने इतना सुंदर गाना अचानक क्यों रोक दिया?”
जब युवती ने अपने सामने एक आकर्षक युवक को देखा, तो वह चकित रह गई। थोड़ी नाटकीयता के साथ उसने पूछा,
“सबसे पहले ये बताइए कि आप कौन हैं, आप मुझे इस प्रकार क्यों देख रहे हैं, और आपके इन प्रश्नों का आधार क्या है?”
तताँरा ने अपना प्रश्न दोहराया, जिससे युवती थोड़ी अधीर हो गई। उसने चुनौतीपूर्ण लहजे में कहा, “मैं क्यों गाना गाऊं या आपकी बात मानूं? क्या आप नहीं जानते कि हमारे गांव के नियमों के अनुसार हम दूसरे गांव के लोगों से संपर्क नहीं रख सकते?” ऐसा कहकर युवती तेजी से वहां से जाने लगी।
तताँरा को अपनी गलती का अहसास हुआ। वह युवती के सामने गया, उसका रास्ता रोका, और निवेदन किया, “कृपया, बस अपना नाम बता दीजिए, फिर मैं आपको जाने दूंगा।” युवती ने संक्षेप में उत्तर दिया, “वामीरो।” इस नाम को सुनकर तताँरा को बेहद खुशी हुई। उसने वामीरो से वादा किया कि वह अगले दिन उसी चट्टान पर उसका इंतजार करेगा और उसे आने के लिए कहा।
वामीरो ने तताँरा के बारे में बहुत सुना था। उसकी कल्पना में तताँरा एक शक्तिशाली युवक था, लेकिन जब वह उससे मिली, तो उसने पाया कि वह न केवल आकर्षक और साहसी था, बल्कि बहुत शांत, समझदार और सरल भी था। वह वैसा ही था जैसा वामीरो ने अपने जीवनसाथी के लिए सोचा था। हालांकि, दूसरे गांव के युवक से संबंध रखना परंपराओं के विरुद्ध था, इसलिए वामीरो ने सोचा कि उसे तताँरा को भूल जाना चाहिए। लेकिन यह उसके लिए आसान नहीं था, क्योंकि तताँरा बार-बार उसकी यादों में आता रहता था।
तताँरा दिन ढलने से पहले ही उस समुद्री चट्टान पर पहुंच गया, जहां उसने वामीरो को मिलने के लिए कहा था। प्रतीक्षा करते हुए हर पल उसे लंबा लग रहा था, और उसे डर था कि कहीं वामीरो न आए। परंतु उसे बस इंतजार करना था। अंततः वामीरो वहां आई।
तताँरा और वामीरो धीरे-धीरे रोजाना उसी स्थान पर मिलने लगे। इस रोमांटिक संबंध की खबर लपाती गांव के कुछ युवकों के कानों तक पहुंच गई और जल्द ही यह बात पूरे क्षेत्र में फैल गई। वामीरो, लपाती गांव की थी, जबकि तताँरा पासा गांव से था। उनके बीच का संबंध पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार संभव नहीं था, क्योंकि दोनों के विवाह के लिए उनका एक ही गांव का होना आवश्यक था।
इसी बीच, पासा गांव में ‘पशु पर्व’ का आयोजन हुआ। इस उत्सव में पशुओं के प्रदर्शन के साथ-साथ युवकों द्वारा अपनी ताकत की परीक्षा के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं भी होती थीं। परंतु तताँरा का मन इनमें से किसी भी कार्यक्रम में नहीं लग रहा था। उसका मन तो वामीरो की तलाश में लगा था। जब उसने वामीरो को देखा, तो उसकी आँखें आंसुओं से भरी थीं और होंठ कांप रहे थे। तताँरा को देखकर वामीरो बेहद भावुक होकर रोने लगी। उसकी माँ उसके रोने की आवाज सुनकर वहां पहुंची और दोनों को एक साथ देखकर क्रोधित हो गई। उसने तताँरा को अपमानित किया, और गांववाले भी उसके विरुद्ध बोलने लगे। तताँरा अब ये सब सुनने में असमर्थ था। आवेश में आकर उसने अपनी तलवार निकाली और अपनी पूरी शक्ति से धरती में गाड़ दी। उसके खींचे गए रेखा के साथ धरती फटने लगी। तताँरा एक ओर था और वामीरो दूसरी ओर। जब तताँरा को होश आया, उसने देखा कि उसका भाग समुद्र में डूब रहा था। वह वामीरो की ओर कूदने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह फिसल गया और बेहोश हो गया। वह उस टुकड़े पर पड़ा रहा जो संयोग से द्वीप से जुड़ा हुआ था। उसके बाद उसका क्या हुआ, किसी को नहीं पता। वहीं, वामीरो तताँरा के बिछड़ने के दर्द से विक्षिप्त हो गई। वह तताँरा को हर जगह खोजती रही और उसी स्थान पर घंटों बैठी रही जहां वे मिला करते थे। उसने खाना-पीना छोड़ दिया और परिवार से अलग हो गई। लोगों ने उसे खोजने की बहुत कोशिश की, परंतु वामीरो का कुछ पता नहीं चला।
आज न तताँरा है और न ही वामीरो, लेकिन उनकी प्रेमकथा अब भी सुनाई जाती है। निकोबार के लोग मानते हैं कि तताँरा की तलवार से उत्पन्न दो टुकड़ों में से एक लिटिल अंदमान है, जो कार-निकोबार से 96 किमी दूर है। इस घटना के बाद, गांववालों ने अपनी परंपराएं बदलीं, और दूसरे गांवों में भी विवाह संबंध स्थापित होने लगे। तताँरा-वामीरो की यह बलिदानी मृत्यु शायद इसी सकारात्मक परिवर्तन के लिए थी।
तताँरा वामीरो कथा से सम्बंधित मुहावरे:
1. सुध-बुध खोना:
अर्थ: ‘सुध-बुध खोना’ मुहावरे का अर्थ है अत्यधिक आश्चर्य, भय, खुशी या किसी अन्य भावना की प्रबलता के कारण अपनी सामान्य समझ या होश को खो बैठना। यह उस स्थिति का वर्णन करता है जब कोई व्यक्ति बेहद भावुक होकर अपनी स्थिति या परिस्थितियों का सही आकलन करने में असमर्थ हो जाता है।
उदाहरण:
- जब राहुल को उसके खोए हुए भाई के मिलने की खबर मिली, तो वह इतना भावुक हो गया कि उसने सुध-बुध खो दी।
- परीक्षा के परिणाम देखकर सीमा की सुध-बुध खो गई, क्योंकि उसने कभी उम्मीद नहीं की थी कि वह इतने अच्छे अंकों से पास होगी।
2. बाट जोहना:
अर्थ: ‘बाट जोहना’ मुहावरे का अर्थ है बेसब्री से किसी की प्रतीक्षा करना या किसी घटना के होने की आशा में बेचैन होना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति बहुत इंतजार कर रहा होता है और उसे उसकी प्रतीक्षा करने के लिए उत्सुकता और आतुरता महसूस होती है।
उदाहरण:
- राधिका पिछले एक घंटे से अपने दोस्त का बाट जोह रही है, लेकिन वह अभी तक नहीं आया।
- जब से नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया है, विनय रोज डाकिये का बाट जोह रहा है कि कब उसे नियुक्ति पत्र मिलेगा।
3. आँखों में तैरना:
अर्थ: ‘आँखों में तैरना’ मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु का बार-बार याद आना या किसी की याद में खो जाना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति या बात किसी के मन में इस कदर हावी हो जाती है कि वह उसके बारे में सोचे बिना नहीं रह सकता।
उदाहरण:
- जब से राज विदेश गया है, उसकी माँ की आँखों में वही तैर रहा है।
- परीक्षा के परिणाम आने वाले थे, और राहुल की आँखों में सिर्फ परीक्षा के पेपर तैर रहे थे।
4. खुशी का ठिकाना न रहना:
अर्थ: ‘खुशी का ठिकाना न रहना’ मुहावरे का अर्थ होता है अत्यधिक खुशी का अनुभव करना, जिसे व्यक्त कर पाना मुश्किल हो। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति इतना खुश होता है कि उसकी खुशी की सीमा नहीं रहती और वह अपने भावों को शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाता।
उदाहरण:
- जब रोहन को पता चला कि वह उस प्रतियोगिता में प्रथम आया है, तो खुशी का उसका ठिकाना न रहा।
- अपनी बेटी की शादी की खबर सुनकर उसकी माँ की खुशी का कोई ठिकाना न रहा।
5. आग बबूला होना:
अर्थ: ‘आग बबूला होना’ मुहावरे का अर्थ होता है बहुत ज्यादा क्रोधित या गुस्सा होना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी बात पर इतना अधिक नाराज़ या गुस्से में हो कि उसका आचरण तीव्र और अत्यधिक प्रतिक्रियाशील हो जाए।
उदाहरण:
- जब मोहन ने देखा कि उसकी नई कार पर किसी ने खरोंच लगा दी है, तो वह आग बबूला हो गया।
- बॉस ने जब काम में गलती पाई तो वह कर्मचारियों पर आग बबूला हो उठे।
6. राह न सूझना:
अर्थ: ‘राह न सूझना’ मुहावरे का अर्थ है किसी समस्या या परिस्थिति में सही समाधान या उपाय न दिखाई देना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति उलझन में हो और उसे समझ न आए कि आगे क्या कदम उठाया जाए।
उदाहरण:
- परीक्षा के नतीजों के बाद रोहित को अपने करियर के बारे में राह नहीं सूझ रही थी।
- जब कंपनी में वित्तीय संकट आया, तो प्रबंधक को कोई राह न सूझी कि वह कैसे इस समस्या से निपटे।
7. सुराग न मिलना:
अर्थ: ‘सुराग न मिलना’ मुहावरे का अर्थ है किसी विशेष समस्या, परिस्थिति, या व्यक्ति के बारे में कोई संकेत या जानकारी न मिल पाना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी चीज का पता लगाने की कोशिश कर रहा हो और उसे इसमें कोई सफलता न मिले।
उदाहरण:
- पुलिस को चोरी की घटना के बारे में सुराग नहीं मिल रहा था, जिससे वह मामले की तह तक जा सकें।
- रीता ने अपने खोए हुए कुत्ते की तलाश में बहुत कोशिश की, पर उसे कहीं भी सुराग नहीं मिला।
8. किंकर्तव्यविमूढ़ होना:
अर्थ: ‘किंकर्तव्यविमूढ़ होना’ मुहावरे का अर्थ है एक ऐसी स्थिति में होना जहां व्यक्ति को समझ न आए कि उसे क्या करना चाहिए या उसे कौन सा कार्य पहले करना चाहिए। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति असमंजस या भ्रम की स्थिति में हो।
उदाहरण:
- परीक्षा के दौरान अचानक बिजली चली गई, और छात्र किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए कि वे अब क्या करें।
- जब उसने अपने सामने दो अच्छे जॉब ऑफर देखे, तो वह किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया कि किस ऑफर को चुने।
9. एकटक निहारना:
अर्थ: ‘एकटक निहारना’ मुहावरे का अर्थ है किसी चीज या व्यक्ति को बिना पलक झपकाए लगातार देखना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु, दृश्य, या किसी अन्य व्यक्ति पर अपनी पूरी ध्यान केंद्रित करके, अत्यधिक रुचि या भावनाओं के साथ, बिना रुके देखता है।
उदाहरण:
- जब राधा ने पहली बार ताजमहल देखा, तो वह उसे एकटक निहारती रही।
- माँ ने अपने बच्चे को प्यार से एकटक निहारते हुए कहा, “तू बहुत बड़ा हो गया है।”
10. भाँप लेना:
अर्थ: ‘भाँप लेना’ मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति की मनोदशा, इरादे, या स्थिति को समझ लेना या पहचान लेना, खासकर बिना किसी स्पष्ट संकेत के। यह अंतर्ज्ञान या अनुभव के आधार पर किसी की भावनाओं या विचारों को समझने की क्षमता को दर्शाता है।
उदाहरण:
- माँ ने बेटे के चेहरे की ओर देखा और तुरंत भाँप लिया कि वह परेशान है।
- अनुभवी शिक्षक ने छात्र की बातों से ही भाँप लिया कि वह पढ़ाई में कहाँ कमजोर है।
11. ठिठक जाना:
अर्थ: ‘ठिठक जाना’ का अर्थ है अचानक रुक जाना या किसी चीज़ को देखकर या सुनकर आश्चर्य या संकोच की वजह से अपने कदमों को रोक लेना। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई अचानक से किसी स्थिति पर प्रतिक्रिया करते हुए या चौंककर अपनी गति या क्रिया को रोक लेता है।
उदाहरण:
- जब राहुल ने सामने से आती हुई गाड़ी को देखा, तो वह सड़क पर ही ठिठक गया।
- माला ने जैसे ही अपने पुराने दोस्त को सामने पाया, वह बात करते-करते ठिठक गई।
12. आवाज़ उठाना:
अर्थ: ‘आवाज़ उठाना’ मुहावरे का अर्थ है किसी मुद्दे, समस्या, या अन्याय के खिलाफ बोलना या अपनी राय, विरोध, या नाराजगी प्रकट करना। यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति सक्रिय रूप से अपनी आवाज़ को बुलंद करता है ताकि उसकी बात सुनी जा सके और उसके विचारों को महत्व दिया जा सके।
उदाहरण:
- जब गांव में पानी की समस्या बढ़ गई, तो ग्रामीणों ने प्रशासन के सामने आवाज़ उठाई।
- रीमा ने कार्यस्थल पर लैंगिक भेदभाव के खिलाफ आवाज़ उठाई और महिलाओं के अधिकारों की बात की।
13. कदम उठाना:
अर्थ: ‘कदम उठाना’ मुहावरे का अर्थ है किसी निश्चित दिशा में या किसी विशेष उद्देश्य के लिए कार्रवाई करना या पहल करना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति कोई महत्वपूर्ण या निर्णायक कार्य करने का निर्णय लेता है।
उदाहरण:
- सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई कदम उठाए हैं।
- निशा ने अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए विदेश में पढ़ाई का कदम उठाया।
14. पकड़ ढीली पड़ना:
अर्थ: ‘पकड़ ढीली पड़ना’ मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य, स्थिति या प्रतिस्पर्धा में अपनी मजबूत स्थिति या नियंत्रण खो देना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब किसी का प्रभाव या सामर्थ्य कम होने लगता है या वह अपनी पकड़ खोने लगता है।
उदाहरण:
- मैच के अंतिम ओवरों में गेंदबाज़ की पकड़ ढीली पड़ गई, और विपक्षी टीम ने बड़े आसानी से रन बना लिए।
- जैसे-जैसे प्रतियोगिता आगे बढ़ी, राहुल की पकड़ इस पर ढीली पड़ने लगी और उसने अपनी बढ़त खो दी।
15. झुंझला उठना:
अर्थ: ‘झुंझला उठना’ मुहावरे का अर्थ होता है अचानक से चिढ़ जाना या तुरंत क्रोधित हो उठना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को किसी बात पर जल्दी गुस्सा आ जाए या वह छोटी-छोटी बातों पर असहज या अप्रसन्न हो जाए।
उदाहरण:
- जब ट्रैफिक में उसकी कार बार-बार रुकी, तो वह झुंझला उठा।
- बच्चों के लगातार शोर करने पर अध्यापिका झुंझला उठी और उन्हें शांत रहने को कहा।
16. तंद्रा भंग होना:
अर्थ: ‘तंद्रा भंग होना’ का अर्थ है अचानक से जाग जाना या किसी बात का अहसास होने पर सचेत हो जाना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी लापरवाही या अनजाने में होने वाले भाव से बाहर आकर अचानक से किसी स्थिति के प्रति सजग हो जाता है।
उदाहरण:
- अचानक बजी अलार्म घड़ी की आवाज से उसकी तंद्रा भंग हो गई।
- जब उसे याद आया कि आज उसे एक जरूरी मीटिंग में जाना है, तब उसकी तंद्रा भंग हुई।
17. क्रोध में उफन उठना:
अर्थ: ‘क्रोध में उफन उठना’ का अर्थ होता है बहुत ज्यादा क्रोधित हो जाना या गुस्से से भर उठना। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति का गुस्सा अत्यधिक रूप से बढ़ जाता है, जिसे नियंत्रित कर पाना कठिन होता है।
उदाहरण:
- जब राम ने देखा कि उसके घर के सामने कूड़ा फेंका गया है, तो वह क्रोध में उफन उठा।
- प्रबंधक ने जब देखा कि रिपोर्ट गलत तरीके से तैयार की गई थी, तो वह क्रोध में उफन उठे और कर्मचारियों पर चिल्लाने लगे।
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