Budhimaan

रस्सी जल गई पर बल नहीं गया अर्थ, प्रयोग(Rassi jal gayi par bal nahi gaya)

परिचय: “रस्सी जल गई पर बल नहीं गया” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जो दर्शाता है कि अहंकारी व्यक्ति अपने अहंकार को नहीं छोड़ता, भले ही उसके पास सब कुछ चला जाए।

अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जब रस्सी जल जाती है तो उसका बल तो नष्ट हो जाता है परंतु उसका आकार बरकरार रहता है। इसी तरह, कुछ व्यक्ति अपने अहंकार को नहीं त्यागते, चाहे उनकी परिस्थितियाँ कितनी भी बदल जाएँ।

प्रयोग:

-> जब कोई व्यक्ति अपने अहंकार को नहीं छोड़ता, भले ही उसके पास सब कुछ चला जाए।

-> जब किसी को बड़ी हानि के बावजूद अपने अहंकार पर गर्व हो।

उदाहरण:

-> अनुभव की कंपनी डूब गई, पर उसका अहंकार अब भी बरकरार है, रस्सी जल गई पर बल नहीं गया।

-> अभय ने अपनी सारी संपत्ति खो दी, पर उसका अहंकार अभी भी वैसा ही है, रस्सी जल गई पर बल नहीं गया।

निष्कर्ष: ‘रस्सी जल गई पर बल नहीं गया’ मुहावरा हमें बताता है कि अहंकार एक ऐसी चीज है जिसे व्यक्ति आसानी से नहीं छोड़ता, यहाँ तक कि जब वे सब कुछ खो देते हैं। यह मुहावरा हमें सिखाता है कि समय के साथ लचीलापन और विनम्रता महत्वपूर्ण होती है, और अहंकार का परित्याग ही वास्तविक समझदारी है।

Hindi Muhavare Quiz

रस्सी जल गई पर बल नहीं गया मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से शहर में विकास नाम का एक धनी व्यापारी रहता था। उसके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, परंतु उसका अहंकार उससे भी ज्यादा था।

विकास हमेशा अपनी संपत्ति और शक्ति का डींग हांकता रहता था। वह सोचता था कि उसके पास धन होने के कारण वह किसी से भी बड़ा है।

एक दिन, अचानक बाजार में मंदी आ गई और विकास की सारी संपत्ति डूब गई। उसके पास जो भी था, वह सब चला गया। परंतु, उसका अहंकार अभी भी बरकरार था।

विकास अब भी खुद को सबसे शक्तिशाली समझता था और लोगों से वही पुराना रवैया अपनाता था। लोग उसकी इस हालत पर तरस खाते थे, पर विकास का अहंकार कम नहीं हुआ।

इस कहानी से हमें ‘रस्सी जल गई पर बल नहीं गया’ मुहावरे का अर्थ समझ में आता है। विकास के पास धन-दौलत नहीं रही, पर उसका अहंकार अभी भी वैसा ही था। यह कहानी हमें सिखाती है कि अहंकार किसी भी स्थिति में सहायक नहीं होता, बल्कि यह हमारी प्रगति में बाधा डालता है।

शायरी:

धन डूबा, खजाना खो गया, पर अहंकार ना गया,

रस्सी जल गई पर बल नहीं गया, अहंकार ना गया।

कितनी भी आए मुश्किलें, वो तो बस अड़ा रहा,

दौलत गई, सब छूटा, पर उसका मान ना गया।

सब कहते रहे, बदल जा, समय की धारा है तेज़,

पर वो तो अहंकार में बहता, जैसे ना हो कोई चेहरा।

खो दिया सब कुछ जिंदगी में, फिर भी वही शान बाकी,

रस्सी जल गई पर बल नहीं गया, उसकी तो यही कहानी।

अहंकार ने डुबोया उसे, जिसे कभी ना डूबना था,

जीवन की इस राह में, उसका अहंकार ही तो कुबूलना था।

 

रस्सी जल गई पर बल नहीं गया शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of रस्सी जल गई पर बल नहीं गया – Rassi jal gayi par bal nahi gaya Idiom:

Introduction: “रस्सी जल गई पर बल नहीं गया” is a popular Hindi idiom, which indicates that an egoistic person does not give up their ego, even if they lose everything.

Meaning: The literal meaning of this idiom is that when a rope burns, its strength is destroyed but its shape remains intact. Similarly, some people do not abandon their ego, regardless of how much their circumstances change.

Usage:

-> When a person does not let go of their ego, even if they lose everything.

-> When someone takes pride in their ego despite suffering a significant loss.

Usage:

-> Anubhav’s company went bankrupt, but his ego is still intact, “रस्सी जल गई पर बल नहीं गया”.

-> Abhay lost all his property, but his ego remains the same, “रस्सी जल गई पर बल नहीं गया”.

Conclusion: The idiom “रस्सी जल गई पर बल नहीं गया” tells us that ego is something a person does not easily let go of, even when they lose everything. This idiom teaches us that flexibility and humility are important over time, and relinquishing ego is real wisdom.

Story of ‌‌Rassi jal gayi par bal nahi gaya Idiom in English:

In a small town, there lived a wealthy businessman named Vikas. He had no shortage of wealth, but his ego was even greater.

Vikas always boasted about his wealth and power. He believed that his wealth made him superior to others.

One day, suddenly, the market crashed, and Vikas lost all his wealth. Everything he had was gone. However, his ego remained intact.

Vikas still considered himself the most powerful and continued to behave arrogantly with people. People pitied his condition, but Vikas’s ego did not diminish.

This story helps us understand the meaning of the idiom ‘रस्सी जल गई पर बल नहीं गया’. Vikas lost his wealth, but his ego remained the same. The story teaches us that ego is not helpful in any situation and, in fact, it hinders our progress.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई ऐतिहासिक संदर्भ है?

इसका सीधा ऐतिहासिक संदर्भ नहीं है, लेकिन यह व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

इस मुहावरे का उपयोग किस स्थिति में होता है?

यह मुहावरा विफलता की स्थिति को व्यक्त करने के लिए उपयोग होता है।

रस्सी जल गई पर बल नहीं गया का अर्थ क्या है?

इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई अपने प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं प्राप्त कर पाए है।

यह मुहावरा सामाजिक परिवर्तन के संदर्भ में कैसे हो सकता है?

इसका उपयोग किसी सामाजिक परिवर्तन की असफलता को व्यक्त करने के लिए किया जा सकता है।

इस मुहावरे का विरोधी क्या है?

किसी का विफलता के बावजूद सफल होना का मुहावरा “रस्सी जल गई पर बल गया” है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"खुदा गंजे को नाखून न दे - मुहावरे का चित्रण", "जीवन में संसाधनों का उचित उपयोग दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर आवश्यकताओं की महत्वपूर्णता पर प्रकाश", "अनुचित आवंटन की विडंबना को उजागर करती तस्वीर", "समझदारी और व्यावहारिकता की सीख देता बुद्धिमानी छवि"
Uncategorized

खुदा गंजे को नाखून न दे अर्थ, प्रयोग (Khuda ganje ko nakhun na de)

परिचय: “खुदा गंजे को नाखून न दे” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जो व्यंग्यात्मक ढंग से उस स्थिति का वर्णन करता है जब किसी व्यक्ति

Read More »
"खाल ओढ़ाए सिंह की मुहावरे का चित्रण", "असली पहचान और दिखावे के बीच का अंतर", "वास्तविकता बनाम आवरण का चित्र", "सिंह की खाल में छिपा स्यार का इलस्ट्रेशन", "Budhimaan.com पर जीवन की वास्तविकता का पाठ"
Hindi Muhavare

खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय अर्थ, प्रयोग (Khal odhaye singh ki, Siyar singh nahi hoye)

परिचय: “खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जो यह बताता है कि केवल बाहरी दिखावे से किसी की

Read More »
जीवन-उतार-चढ़ाव-चित्रण, घी-चना-जीवन-मुहावरा-इमेज, जीवन-संघर्ष-और-सफलता-कला, हिंदी-मुहावरा-विवेचना, Budhimaan.com-जीवन-शैली-सुझाव
Hindi Muhavare

कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना अर्थ, प्रयोग (Kabhi ghee ghana, Kabhi mutthi bhar chana, Kabhi wo bhi manaa)

परिचय: “कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में उतार-चढ़ाव और समय की अनिश्चितता

Read More »
"खाइए मनभाता पहनिए जगभाता मुहावरे का चित्रण", "गाँव की शादी में समाज के अनुरूप वेशभूषा में युवक", "सादगीपसंद खाने और समाजिक वस्त्रों में संतुलन", "Budhimaan.com पर जीवन शैली और संस्कृति"
Hindi Muhavare

खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता अर्थ, प्रयोग (Khaiye manbhata, Pahniye jagbhata)

परिचय: “खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता” यह एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देता है। यह मुहावरा हमें

Read More »
"करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत मुहावरे का चित्रण", "सकारात्मक कार्यों में ऊर्जा निवेश करते व्यक्ति की छवि", "Budhimaan.com पर सकारात्मक योगदान की प्रेरणा", "विवादों की बजाय कर्म पर ध्यान केंद्रित करता किसान"
Hindi Muhavare

करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत अर्थ, प्रयोग (Karni na kartoot, Ladne ko majboot)

परिचय: “करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत” एक हिंदी मुहावरा है जो उन व्यक्तियों के व्यवहार को उजागर करता है जो वास्तव में तो कुछ

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।