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फूल के साथ कांटे होना अर्थ, प्रयोग (Phool ke saath kaante hona)

“फूल के साथ कांटे होना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जो जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू को दर्शाता है।

परिचय: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर जीवन के उन पहलुओं को व्यक्त करने के लिए होता है जहां सुख और दुःख, सफलता और विफलता, आनंद और पीड़ा साथ-साथ चलते हैं। यह मुहावरा हमें याद दिलाता है कि जीवन में हर अच्छी चीज के साथ कुछ बाधाएं या कठिनाइयां भी हो सकती हैं।

अर्थ: “फूल के साथ कांटे होना” का शाब्दिक अर्थ है कि जहां फूल होते हैं, वहां कांटे भी होते हैं। प्रतीकात्मक रूप से, यह बताता है कि जीवन के सुखद क्षणों के साथ ही चुनौतियां और समस्याएं भी आती हैं।

प्रयोग: जब कोई व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों से गुजर रहा होता है या जब किसी को यह समझाना होता है कि सफलता के पीछे भी कठिनाई हो सकती है, तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:

मान लीजिए किसी व्यक्ति ने अपना व्यवसाय शुरू किया है और उसमें कई चुनौतियां आ रही हैं। इस परिस्थिति में कहा जा सकता है, “व्यवसाय में सफलता पाने के लिए ‘फूल के साथ कांटे’ भी सहने पड़ते हैं।”

निष्कर्ष: “फूल के साथ कांटे होना” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि जीवन में सुख और दुःख, सफलता और असफलता, सभी एक साथ आते हैं। यह हमें यह भी बताता है कि कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता ही हमें मजबूत बनाती है और जीवन की वास्तविकता का सामना करने की तैयारी करती है।

फूल के साथ कांटे होना मुहावरा पर कहानी:

अभय एक प्रतिभाशाली युवक था जो एक छोटे से गांव में रहता था। उसका सपना था बड़ा व्यवसायी बनने का।

अभय ने अपनी बचत से एक छोटी दुकान खोली। शुरुआत में, वह बहुत उत्साहित था। उसकी दुकान अच्छी चलने लगी और उसे लगा कि उसका सपना साकार हो रहा है।

लेकिन जल्द ही, उसे व्यवसाय की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आपूर्ति में देरी, ग्राहकों की असंतोष, और वित्तीय संकट ने उसे परेशान कर दिया।

अभय ने अपने पिता से सलाह मांगी। पिता ने कहा, “बेटा, याद रखो, ‘फूल के साथ कांटे होना’ यही जीवन का सत्य है। सफलता के पथ पर चुनौतियां आना स्वाभाविक है।” उनकी बातें सुनकर अभय को एक नई दृष्टि मिली।

अभय ने अपने संघर्षों का सामना किया और सीखा कि सफलता और चुनौतियां एक साथ चलती हैं। उसने समझा कि “फूल के साथ कांटे होना” मुहावरा व्यवसाय और जीवन दोनों में सच है। अंततः, वह एक सफल व्यवसायी बन गया, जो जीवन की प्रत्येक चुनौती को एक अवसर के रूप में देखता था।

शायरी:

ज़िंदगी की राह में, फूल भी हैं कांटे भी,

खुशियों की चाह में, ग़मों के साये सांते भी।

जीत की आस में, कई बार हार के लम्हे,

हर सपने के पास में, कुछ अनसुने ख्वाब भी ठहरे।

सूरज की रोशनी में छिपा, अंधेरों का राज़ है,

“फूल के साथ कांटे” की यही तो बात है।

हर सुख के पीछे, कुछ दर्द की दास्तानें हैं,

जीवन की इस जंग में, हम सब अपने-अपने सिपाही हैं।

फूलों की खुशबू से, कांटों की चुभन तक,

हर सफर की मंज़िल में, कुछ पल ये भी साथ चलें।

हमें ये सिखाता है हर दिन, हर एक नया किस्सा,

जिंदगी है खूबसूरत, चाहे हो फूल या हो कांटा।

 

फूल के साथ कांटे होना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of फूल के साथ कांटे होना – Phool ke saath kaante hona Idiom:

“Having Thorns Along with the Flowers” is a popular Hindi idiom that illustrates an important aspect of life.

Introduction: This idiom is often used to express those aspects of life where happiness and sorrow, success and failure, joy and pain go hand in hand. It reminds us that with every good thing in life, there can also be obstacles or difficulties.

Meaning: Literally, “Having Thorns Along with the Flowers” means where there are flowers, there are also thorns. Symbolically, it signifies that challenges and problems also come along with the pleasant moments of life.

Usage: When a person is going through the hardships of life or when someone needs to be explained that behind success there can also be difficulties, this idiom is used.

Example:

Suppose someone has started their own business and is facing many challenges. In this situation, it can be said, “To achieve success in business, one must also endure the ‘thorns along with the flowers’.”

Conclusion: The idiom “Having Thorns Along with the Flowers” teaches us that in life, happiness and sorrow, success and failure, all come together. It also tells us that the ability to face difficulties makes us strong and prepares us to confront the realities of life.

Story of ‌‌Phool ke saath kaante hona Idiom in English:

Abhay was a talented young man who lived in a small village. He dreamed of becoming a successful businessman.

Abhay opened a small shop with his savings. Initially, he was very excited. His shop started doing well, and he felt that his dream was coming true.

However, soon he faced the challenges of business. Delays in supply, dissatisfaction among customers, and financial crises troubled him.

Abhay sought advice from his father. His father said, “Son, remember, ‘Having thorns along with the flowers’ is the truth of life. It is natural to face challenges on the path to success.” Hearing these words, Abhay gained a new perspective.

Abhay faced his struggles and learned that success and challenges go hand in hand. He understood that the idiom “Having thorns along with the flowers” is true in both business and life. Eventually, he became a successful businessman who saw every challenge in life as an opportunity.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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