Budhimaan

ऊँचे बोल का मुँह नीचा अर्थ, प्रयोग (Oonche bol ka munh nicha)

परिचय: “ऊँचे बोल का मुँह नीचा” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन के एक महत्वपूर्ण सिद्धांत को दर्शाता है। इस मुहावरे का सीधा संबंध अहंकार और विनम्रता से है।

अर्थ: इस कहावत का शाब्दिक अर्थ है कि जो लोग अहंकारी होते हैं और उच्च स्वर में बात करते हैं, उनका अंत में पतन होता है। यह मुहावरा उन लोगों के लिए एक सबक है जो अपने अहंकार में अंधे हो जाते हैं और दूसरों को कम आंकते हैं।

प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने आपको बहुत शक्तिशाली या महत्वपूर्ण समझता है और दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है। इसे अक्सर चेतावनी के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:

राजनीति में अक्सर देखा जाता है कि जो नेता अपने भाषणों में ऊँचे बोल बोलते हैं और जनता को कम आंकते हैं, वे अंततः चुनावों में हार जाते हैं। यहाँ “ऊँचे बोल का मुँह नीचा” मुहावरा उनके पतन को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

निष्कर्ष: “ऊँचे बोल का मुँह नीचा” एक ऐसा मुहावरा है जो हमें विनम्रता का महत्व समझाता है। यह हमें याद दिलाता है कि अहंकार का परिणाम हमेशा नकारात्मक होता है और विनम्र रहकर हम अधिक सफल और सम्मानित हो सकते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

ऊँचे बोल का मुँह नीचा मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गांव में सुरेंद्र नाम का एक किसान रहता था। सुरेंद्र बहुत मेहनती और विनम्र व्यक्ति था, लेकिन उसके पड़ोसी सुरेश बहुत अहंकारी और घमंडी था। सुरेश हमेशा सुरेंद्र की तुलना में अपने खेत और फसलों को बेहतर बताता और सुरेंद्र को नीचा दिखाने की कोशिश करता।

एक बार, गांव में एक प्रतियोगिता हुई जिसमें सबसे अच्छी फसल उगाने वाले किसान को पुरस्कार मिलना था। सुरेश ने अपनी फसल की बहुत डींगें हांकी और सुरेंद्र की फसल को हेय दृष्टि से देखा। उसने गांव वालों से कहा, “देखना, मेरी फसल सबसे अच्छी होगी, और मैं ही जीतूंगा। सुरेंद्र की फसल तो कुछ भी नहीं है।”

लेकिन, जब प्रतियोगिता का दिन आया, तो सभी ने देखा कि सुरेंद्र की फसल बहुत ही उम्दा और स्वस्थ थी, जबकि सुरेश की फसल में कुछ कमियां थीं। सुरेंद्र को प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला। सुरेश का घमंड टूट गया और उसे समझ में आया कि ऊँचे बोल बोलने से कुछ नहीं होता, कर्म ही मायने रखते हैं।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि “ऊँचे बोल का मुँह नीचा” – यानी अहंकार में बोलने वाले का अंततः पतन होता है, और विनम्रता में ही सच्ची जीत होती है।

शायरी:

ऊँचे बोल की आड़ में, छिपा नहीं करता अभिमान,

जो बड़बोला चलता फिरे, उसका होता नीचा मकान।

खुद को जो समझे बादशाह, वो तो अक्सर भूल जाता है,

इंसानियत की राह में, विनम्रता ही राज करता है।

अहंकार की बुलंदियों पर, ठहरता नहीं कोई बहार,

ज़िंदगी के सफर में, सच्चाई की राहत भारी पड़े।

ऊँचे बोल का अंजाम, अक्सर होता है तन्हाई,

विनम्र दिल से जो बोले, दुनिया उसके साथ आई।

 

ऊँचे बोल का मुँह नीचा शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of ऊँचे बोल का मुँह नीचा – Oonche bol ka munh nicha Idiom:

Introduction: “The one who speaks high, ends up low” is a popular Hindi idiom that illustrates an important principle of life. This proverb is directly related to arrogance and humility.

Meaning: The literal meaning of this saying is that people who are arrogant and speak in a high tone ultimately face downfall. This idiom serves as a lesson for those who become blind in their arrogance and underestimate others.

Usage: This idiom is commonly used when a person considers themselves very powerful or important and tries to belittle others. It is often used as a warning as well.

Example:

In politics, it is often seen that leaders who speak arrogantly in their speeches and undervalue the public, ultimately lose in elections. Here, the idiom “The one who speaks high, ends up low” clearly illustrates their downfall.

Conclusion: “Oonche bol ka munh nicha” is an idiom that teaches us the importance of humility. It reminds us that the outcome of arrogance is always negative and by being humble, we can achieve greater success and respect.

Story of ‌‌Oonche bol ka munh nicha Idiom in English:

In a small village, there lived a farmer named Surendra. Surendra was very hardworking and humble, but his neighbor Suresh was very arrogant and proud. Suresh always boasted that his fields and crops were better than Surendra’s and tried to belittle him.

Once, there was a competition in the village to award the farmer who grew the best crop. Suresh bragged a lot about his crop and looked down upon Surendra’s. He said to the villagers, “Watch, my crop will be the best, and I will be the winner. Surendra’s crop is nothing in comparison.”

However, when the day of the competition arrived, everyone saw that Surendra’s crop was excellent and healthy, while Suresh’s had some flaws. Surendra won the first prize in the competition. Suresh’s arrogance was shattered, and he realized that boasting does not achieve anything, it’s the actions that truly matter.

This story teaches us that “The one who speaks high, ends up low” – meaning those who speak in arrogance ultimately face downfall, and true victory lies in humility.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई विपरीतार्थी है?

हां, इसका विपरीतार्थी है “नीचे बोल का मुँह ऊँचा”। इसका अर्थ होता है कि वह व्यक्ति जो कम बोलता है लेकिन उसका वास्तविक योग्यता अच्छा होता है।

क्या इस मुहावरे का कोई इतिहासिक प्रमाण है?

यह मुहावरा प्राचीन समय से ही उपयोग में है और विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं में उसका उल्लेख मिलता है। इसका प्रयोग सामाजिक और राजनीतिक वार्तालापों में बहुत किया जाता है।

क्या अर्थ है “ऊँचे बोल का मुँह नीचा” का?

इस मुहावरे का अर्थ है कि वह व्यक्ति जो बहुत ऊँचे भाषण या दावे करता है, वास्तव में उसका स्थितिक मुँह नीचा होता है, अर्थात्, उसका वास्तविक या व्यवहारिक योग्यता कम होता है।

इस मुहावरे का उपयोग किस संदर्भ में किया जाता है?

यह मुहावरा उस व्यक्ति या स्थिति के बारे में कहता है जो दिखावे से ज्यादा होता है, लेकिन वास्तविकता में उसकी कमजोरी होती है। इसे आमतौर पर सामाजिक और राजनीतिक संदर्भों में उपयोग किया जाता है।

क्या यह मुहावरा केवल व्यक्तिगत संदर्भों में ही लागू होता है?

नहीं, यह मुहावरा व्यक्तिगत और सामाजिक, राजनीतिक, या सांस्कृतिक संदर्भों में भी लागू हो सकता है। जहां किसी व्यक्ति या समूह का दिखावा उनकी वास्तविकता से मेल नहीं खाता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"खुदा गंजे को नाखून न दे - मुहावरे का चित्रण", "जीवन में संसाधनों का उचित उपयोग दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर आवश्यकताओं की महत्वपूर्णता पर प्रकाश", "अनुचित आवंटन की विडंबना को उजागर करती तस्वीर", "समझदारी और व्यावहारिकता की सीख देता बुद्धिमानी छवि"
Uncategorized

खुदा गंजे को नाखून न दे अर्थ, प्रयोग (Khuda ganje ko nakhun na de)

परिचय: “खुदा गंजे को नाखून न दे” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जो व्यंग्यात्मक ढंग से उस स्थिति का वर्णन करता है जब किसी व्यक्ति

Read More »
"खाल ओढ़ाए सिंह की मुहावरे का चित्रण", "असली पहचान और दिखावे के बीच का अंतर", "वास्तविकता बनाम आवरण का चित्र", "सिंह की खाल में छिपा स्यार का इलस्ट्रेशन", "Budhimaan.com पर जीवन की वास्तविकता का पाठ"
Hindi Muhavare

खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय अर्थ, प्रयोग (Khal odhaye singh ki, Siyar singh nahi hoye)

परिचय: “खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जो यह बताता है कि केवल बाहरी दिखावे से किसी की

Read More »
जीवन-उतार-चढ़ाव-चित्रण, घी-चना-जीवन-मुहावरा-इमेज, जीवन-संघर्ष-और-सफलता-कला, हिंदी-मुहावरा-विवेचना, Budhimaan.com-जीवन-शैली-सुझाव
Hindi Muhavare

कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना अर्थ, प्रयोग (Kabhi ghee ghana, Kabhi mutthi bhar chana, Kabhi wo bhi manaa)

परिचय: “कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में उतार-चढ़ाव और समय की अनिश्चितता

Read More »
"खाइए मनभाता पहनिए जगभाता मुहावरे का चित्रण", "गाँव की शादी में समाज के अनुरूप वेशभूषा में युवक", "सादगीपसंद खाने और समाजिक वस्त्रों में संतुलन", "Budhimaan.com पर जीवन शैली और संस्कृति"
Hindi Muhavare

खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता अर्थ, प्रयोग (Khaiye manbhata, Pahniye jagbhata)

परिचय: “खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता” यह एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देता है। यह मुहावरा हमें

Read More »
"करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत मुहावरे का चित्रण", "सकारात्मक कार्यों में ऊर्जा निवेश करते व्यक्ति की छवि", "Budhimaan.com पर सकारात्मक योगदान की प्रेरणा", "विवादों की बजाय कर्म पर ध्यान केंद्रित करता किसान"
Hindi Muhavare

करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत अर्थ, प्रयोग (Karni na kartoot, Ladne ko majboot)

परिचय: “करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत” एक हिंदी मुहावरा है जो उन व्यक्तियों के व्यवहार को उजागर करता है जो वास्तव में तो कुछ

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।