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नाच न जाने आंगन टेढ़ा मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Naach Na Jaane Aangan Tedha)

नाच न जाने आंगन टेढ़ा मुहावरा चित्र नाचता हुआ व्यक्ति की तस्वीर Budhimaan.com हिंदी मुहावरे लोगो आंगन का अद्वितीय चित्र

अर्थ: ‘नाच न जाने आंगन टेढ़ा’ इस मुहावरे का अर्थ है कि जब किसी व्यक्ति को किसी चीज़ का ज्ञान नहीं होता या वह किसी कार्य में सक्षम नहीं होता, तो वह उस कार्य को ही तुच्छ या अयोग्य मान लेता है।

प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी असमर्थता को छुपाने के लिए उस चीज़ को ही तुच्छ या अयोग्य मानता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।

उदाहरण: राम ने क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। जब उससे पूछा गया, तो उसने कहा, “क्रिकेट तो बच्चों का खेल है।” उस पर मोहन ने कहा, “नाच न जाने आंगन टेढ़ा।”

विशेष टिप्पणी: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी असमर्थता को स्वीकार करना चाहिए और उसे दूसरी चीज़ों पर दोष लगाने की जगह उस पर काम करना चाहिए।

नाच न जाने आंगन टेढ़ा मुहावरा पर कहानी:

गाँव में एक बड़ा मेला लगा था। इस मेले में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ हो रही थीं, जिसमें से एक थी नृत्य प्रतियोगिता। गाँव के अधिकांश लोग इस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते थे।

मोहन, गाँव का एक युवक, भी इस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहता था, लेकिन उसे नाचना नहीं आता था। जब उसने अपने दोस्त सुरेश से सुना कि वह प्रतियोगिता में भाग ले रहा है, तो मोहन ने कहा, “ये नाचने वाली प्रतियोगिताएँ तो बच्चों के लिए होती हैं। मुझे इसमें कोई रुचि नहीं है।”

सुरेश ने समझा कि मोहन असल में नाच नहीं सकता और वह अपनी असमर्थता को छुपा रहा है। इसलिए सुरेश ने मुस्कराते हुए कहा, “मोहन, तुम तो ‘नाच न जाने आंगन टेढ़ा’ वाला काम कर हो।”

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कई बार लोग अपनी असमर्थता को छुपाने के लिए दूसरी चीज़ों को तुच्छ मानते हैं, लेकिन सच्चाई को छुपाना असंभव है।

शायरी:

नाचने की चाह में दिल बहक गया, आंगन टेड़ा कहकर खुद को छुपा लिया।

जिसने सीखा नहीं वही बहाना बुने, ‘नाच न जाने आंगन टेढ़ा’ उसकी दुनिया का फसाना चुने।

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of नाच न जाने आंगन टेढ़ा – Naach Na Jaane Aangan Tedha Proverb:

Meaning: The phrase “Naach Na Jaane Aangan Tedha” means that when an individual lacks knowledge or skill in a particular area, they tend to belittle or devalue that task or activity.

Usage: When someone tries to hide their incompetence by devaluing or belittling something, this proverb can be used.

Example: Ram didn’t perform well in cricket. When asked about it, he said, “Cricket is just a child’s game.” To which Mohan replied, “Blaming the floor because you don’t know how to dance.”

Special Note: This proverb teaches us that we should acknowledge our shortcomings and work on them, rather than placing the blame on external factors or devaluing the task at hand.

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

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