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खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे, अर्थ, प्रयोग(Khisiyani billi khamba noche)

परिचय: खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे, हिंदी भाषा में अनेक मुहावरे हैं जिनका इस्तेमाल हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं।

अर्थ: जब कोई व्यक्ति अपनी भूल, असफलता या अन्य किसी बात की वजह से गुस्सा हो जाता है और वह उस गुस्से को और किसी अन्य चीज़ पर निकालता है, तो उस स्थिति को इस मुहावरे के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।

व्याख्या: ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’ इस मुहावरे में बिल्ली उस व्यक्ति को दर्शाती है जो अपनी असफलता या भूल के कारण गुस्सा होती है, और खंबा वह अज्ञात वस्तु होती है जिस पर वह व्यक्ति अपने गुस्से को निकालना है।

प्रयोग: जैसे अगर कोई कर्मचारी अपने बॉस से डांट खाता है और फिर वह गुस्सा अपने जूनियर पर निकालता है, तो उस स्थिति में कहा जा सकता है – “अरे, तुम तो खिसियानी बिल्ली की तरह खंबा नोच रहे हो।”

उपयोग की समझ: इस मुहावरे का प्रयोग हमें इस बात की ओर इशारा करता है कि अगर हमें किसी बात पर गुस्सा आए तो हमें उसे उसी समय, उसी स्थल पर और उसी व्यक्ति से सुलझा लेना चाहिए। अन्य अज्ञात वस्तुओं पर अपने गुस्से को निकालना सही नहीं है।

आशा है कि आपको इस मुहावरे ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’ का अर्थ, प्रयोग और महत्व समझ में आ गया होगा। इसे सही तरीके से उपयोग करना हमारे संवाद में और अधिक स्पष्टता लाता है।

Hindi Muhavare Quiz

खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे मुहावरा पर कहानी:

गाँव में एक समय था जब अभय सबसे अधिक प्रतिभाशाली और समझदार लड़का माना जाता था। वह अकेला ही गाँव के सभी बच्चों को पढ़ाता था और उन्हें नई चीजें सिखाता था। लेकिन, एक दिन गाँव में एक मेला आया और अभय ने एक प्रतियोगिता में भाग लिया जिसमें उसे हार माननी पड़ी।

उस हार के बाद, अभय का मनोबल टूट गया और वह अपनी क्षमता पर संदेह करने लगा। उसका आत्मविश्वास कमजोर पड़ गया था और वह घर में बैठकर अपने आप को दोष देने लगा। उसे अब लगने लगा कि वह किसी काम का नहीं है।

गाँव के बच्चे जब भी अभय के पास पढ़ाई के लिए जाते, अभय उन्हें छोड़ देता। उसका मन उस हार में अटका हुआ था और वह उसे बार-बार याद करके खिसियाता रहता। जब भी कोई उससे उस प्रतियोगिता के बारे में पूछता, अभय गुस्सा हो जाता और उस व्यक्ति को डांटता।

गाँव के बुजुर्ग ने देखा कि अभय बदल गया है और उसने सोचा कि अभय को उसकी गलती का अहसास दिलाना होगा। उसने अभय को बुलाया और उसे बताया कि जीवन में हार-जीत तो चलती रहती है लेकिन हार के बाद उस पर अटक कर रहना और अन्य लोगों पर अपनी गुस्सा निकालना सही नहीं है।

बुजुर्ग ने उसे एक प्राचीन मुहावरा सुनाया, “खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे।” अभय को समझ में आ गया कि उसकी गलती क्या है और वह अपनी गलती को मानते हुए गाँव के बच्चों को फिर से पढ़ाने लौटा।

शायरी:

खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे, दिलों की जलन की है बात वो,

जिसे सजा के रखा है छुपा, बेहिसाब मोहब्बत की राहत में।

जीवन के मेले में, हर किसी को अपनी खता को देखना,

क्योंकि जिसे हम समझते हैं दोस्त, वही कभी बन जाता है खंबा।

 

खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे – Khisiyani billi khamba noche Idiom:

Introduction: There are numerous idioms in the Hindi language that we use in our daily lives. One such idiom is ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’.

Meaning: When someone gets angry due to their own mistake, failure, or some other reason and takes out that anger on something else unrelated, that situation is described using this idiom.

Explanation: In the idiom ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’, the cat represents the person who gets angry due to their own shortcomings or mistakes, and the pole represents the unrelated object on which the person vents their anger.

Usage: For instance, if an employee gets scolded by their boss and then vents their anger on a junior colleague, one can say – “Hey, you’re acting like the miffed cat scratching the pole.”

Understanding its Application: The use of this idiom points towards the fact that if we get angry about something, we should resolve it then and there, at that place, and with that person. Taking out our anger on unrelated things is not appropriate.

It is hoped that you now understand the meaning, usage, and importance of the idiom ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’. Using it correctly adds clarity to our communication.

Story of ‌‌Khisiyani billi khamba noche Idiom in English:

There was a time in the village when Abhay was considered the most talented and wise boy. He alone taught all the village children and introduced them to new things. However, one day a fair came to the village, and Abhay participated in a competition where he faced defeat.

After that loss, Abhay’s morale was shattered, and he began to doubt his abilities. His self-confidence weakened, and he sat at home, blaming himself. He started to feel worthless.

Whenever village children approached Abhay for studies, he turned them away. His mind was stuck on that defeat, and he would continually dwell on it, feeling irritated. Whenever someone asked him about that competition, Abhay would become angry and scold them.

The village elders noticed the change in Abhay and felt that he needed to be made aware of his mistakes. An elder called Abhay and told him that in life, wins and losses are part and parcel, but dwelling on a defeat and venting anger on others is not right.

The elder shared an ancient idiom with him, “खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे” (the miffed cat scratches the pole). Understanding the message behind this saying, Abhay recognized his error and returned to teaching the village children.

This story teaches us that due to circumstances and events, we should introspect and not vent out frustrations on others.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?

नहीं, यह मुहावरा सामान्य भाषा में प्रचलित है और इसकी कोई विशेष ऐतिहासिक पृष्ठभूमि नहीं है।

इस मुहावरे का उपयोग कहाँ हो सकता है?

यह मुहावरा उस समय उपयोगी होता है जब कोई व्यक्ति किसी को छोटा करने का प्रयास करता है और उसमें विफल होता है।

क्या इसका कोई उत्पत्ति कथन है?

नहीं, इस मुहावरे का कोई विशेष उत्पत्ति कथन नहीं है, यह आम भाषा में प्रचलित है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग साहित्य में होता है?

हाँ, कई साहित्यिक रचनाओं में इस मुहावरे का उपयोग हुआ है जब किसी का छोटा करने का प्रयास विविध रूप से व्यक्त किया गया है।

क्या इस मुहावरे का कोई विरोधाभास है?

नहीं, इस मुहावरे का कोई विशेष विरोधाभास नहीं है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा जानवर पर मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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