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कलेजे पर पत्थर रखना, अर्थ, प्रयोग(Kaleje par pathar rakhna)

परिचय: हिंदी भाषा में अनेक मुहावरे हैं जो विभिन्न परिस्थितियों और भावनाओं को प्रकट करते हैं। ‘कलेजे पर पत्थर रखना’ भी उन्हीं में से एक है जिसका अर्थ और प्रयोग निम्नलिखित है:

अर्थ: ‘कलेजे पर पत्थर रखना’ मुहावरे का अर्थ है किसी कठिन या दुःखद स्थिति में साहस और धैर्य दिखाना।

उदाहरण:

-> जब अनुज को पता चला कि उसके प्रिय दोस्त अब नहीं रहे, उसने ‘कलेजे पर पत्थर रखकर’ उसके परिवार को समर्थन दिया।

-> राजनीति में सफलता पाने के लिए सुरेंद्र को कई बार ‘कलेजे पर पत्थर रखना’ पड़ा।

विवेचना: जब हम ‘कलेजे पर पत्थर रखना’ कहते हैं, तो इसका मतलब है कि किसी व्यक्ति ने अपनी भावनाओं और दुःख को संयमित करके, किसी कारणवश कठिन परिस्थितियों में भी स्थिरता बनाए रखी है।

निष्कर्ष: ‘कलेजे पर पत्थर रखना’ मुहावरा व्यक्ति की आंतरिक मजबूती और संयम को दर्शाता है। जीवन में हर किसी को किसी ना किसी समय पर इस मुहावरे का अर्थ समझने की जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि जीवन में चुनौतियां आती रहती हैं।

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एक कहानी: कलेजे पर पत्थर रखना

गाँव में अनुज नामक युवक रहता था। वह अपनी माँ और छोटी बहन के साथ बहुत ही सुख-शांति से जीवन जी रहा था। वह गाँव में ही छोटा सा किराना का व्यापार करता था।

एक दिन अचानक उसके पिता की मौत हो गई। उसके पिता की मौत के बाद उस पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई। अनुज को समझ में आया कि अब उसे अपने व्यापार को और भी बढ़ाना होगा।

वह शहर जाने का निर्णय लेता है ताकि वह अधिक माल खरीद सके और अपने व्यापार को बढ़ा सके। शहर जाने का सफर उसके लिए आसान नहीं था। वहाँ उसे कई बार धोखा भी मिला, लेकिन हर बार वह ‘कलेजे पर पत्थर रखकर’ आगे बढ़ता रहा।

उसने अपनी मेहनत और संघर्ष से अधिक माल खरीदा और अपने गाँव में वापस लौटकर उसे बेच दिया। उसकी मेहनत और ‘कलेजे पर पत्थर रखने’ की भावना ने उसे उसकी मुश्किल समय में मजबूती दी और आखिरकार उसका व्यापार भी बढ़ गया।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में जब कठिनाई आए, तो हमें ‘कलेजे पर पत्थर रखना’ चाहिए और साहसिकता से आगे बढ़ना चाहिए।

शायरी – Shayari

कलेजे पर पत्थर रखकर, जीवन में चला चल,

हर मुश्किल को पार किया, न डरा, न थमा थल।

जब भी तूफान आये, और रास्ता हो संकीर्ण,

‘कलेजे पर पत्थर रख’, और बढ़ चल निरंतर।

वक़्त की चोट सहता, फिर भी न जुका सर,

जीवन की इसी रहगुज़ार में, बना वो अद्वितीय तार।

 

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of कलेजे पर पत्थर रखना – Kaleje par pathar rakhna
Idiom:

Introduction: In the Hindi language, there are numerous idioms that depict various situations and emotions. “कलेजे पर पत्थर रखना” (Kaleje par pathar rakhna) is one such idiom, and its meaning and usage are as follows:

Meaning:  “कलेजे पर पत्थर रखना” translates to “to keep a stone on one’s heart.” This idiom means to show courage and patience in a challenging or distressing situation.

Usage:

-> When Anuj found out that his dear friend had passed away, he “kept a stone on his heart” and supported the bereaved family.

-> To achieve success in politics, Surendra often had to “keep a stone in his heart.”

Discussion: When we say “कलेजे पर पत्थर रखना,” it indicates that someone has controlled their emotions and sorrow, maintaining composure even in challenging circumstances.

Conclusion: The idiom “कलेजे पर पत्थर रखना” illustrates a person’s inner strength and restraint. At some point in life, everyone might need to understand the essence of this idiom, as life continuously presents challenges.

Story of ‌‌कलेजे पर पत्थर रखनाKaleje par pathar rakhna Idiom:

In a village, there lived a young man named Anuj. He was leading a peaceful life with his mother and younger sister. He ran a small grocery store in the village.

One day, his father suddenly passed away. After his father’s death, the responsibility of the entire family fell upon Anuj. He realized that he would now have to expand his business.

He decided to go to the city so that he could buy more goods and grow his trade. The journey to the city was not easy for him. He was deceived several times there, but each time, he moved forward “keeping a stone on his heart.”

Through his hard work and perseverance, he purchased more goods and, upon returning to his village, sold them. His dedication and the spirit of “keeping a stone on his heart” gave him strength during his challenging times, and eventually, his business also grew.

This story teaches us that when we face difficulties in life, we should “keep a stone in our heart” and move forward with courage.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

“कलेजे पर पत्थर रखना” का संदर्भ किस प्रकार के भावों से संबंधित है?

यह दुःख, पीड़ा या चिंता जैसे भावों को छिपाने या नियंत्रित करने से संबंधित है।

क्या इस मुहावरे का प्रयोग आधुनिक हिंदी में भी प्रचलित है?

हां, यह मुहावरा आज भी बोलचाल और साहित्यिक हिंदी में प्रयोग किया जाता है।

क्या “कलेजे पर पत्थर रखना” का कोई समानार्थी मुहावरा है?

दिल पर पत्थर रखना” इसका समानार्थी मुहावरा है।

क्या यह मुहावरा किसी विशेष क्षेत्रीय बोली में अधिक प्रचलित है?

नहीं, यह सामान्य हिंदी भाषा में पूरे भारत में प्रचलित है।

क्या इस मुहावरे का कोई इतिहासिक आधार है?

इसका कोई विशिष्ट इतिहासिक आधार नहीं है, यह लोकप्रिय भाषाई अभिव्यक्ति है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा मानव शरीर के अंगों पर आधारित मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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