Budhimaan

कान का कच्चा होना, अर्थ, प्रयोग(Kaan ka kacha hona)

परिचय: ‘कान का कच्चा होना’ हिंदी में एक प्रसिद्ध मुहावरा है। इसे उस व्यक्ति पर लागू किया जाता है जो सुनी सुनाई बातों पर बहुत जल्दी विश्वास कर लेता है बिना सोचे-समझे।

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति की बातों में आसानी से यकीन कर लेना, चाहे वह बात सच हो या नहीं।

उदाहरण:

-> सुधीर इतना सीधा है कि वह जो कुछ भी सुनता है, उस पर यकीन कर लेता है, मानो वह ‘कान का कच्चा’ हो।

-> पारुल जब भी अपने सहेलियों के साथ होती है, वह उनकी हर एक बात पर विश्वास कर लेती है, बिना सोचे समझे। लोग उसे ‘कान का कच्चा’ मानते हैं।

विवरण: कई बार हमें ऐसे लोग मिलते हैं जो दूसरों की बातों में बहुत जल्दी यकीन कर लेते हैं, चाहे वह बातें सही हो या गलत। इस विचार को दर्शाने के लिए ‘कान का कच्चा होना’ जैसे मुहावरे का प्रयोग होता है।

आशा है कि आपको “कान का कच्चा होना” मुहावरे का अर्थ और उसका प्रयोग समझ में आ गया होगा। और भी जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट budhimaan.com पर जा सकते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

कान का कच्चा होना मुहावरा पर कहानी:

प्रेमचंद्र एक गांव में रहता था और वह अपने आस-पड़ोस वालों से बहुत ही प्यार से रहता था। वह बहुत अच्छा और भोला था, लेकिन उसकी एक आदत थी कि वह जो भी सुनता, उस पर तुरंत यकीन कर लेता।

एक दिन, गांव के कुछ लड़के मजाक में राम से कह दिए कि गांव के तालाब में सोने की मछली देखी गई है। बिना सोचे-समझे राम तालाब की ओर दौड़ पड़ा। उसने समझा कि अगर वह सोने की मछली पकड़ ले, तो वह अमीर हो जाएगा। लेकिन जब वह तालाब पहुंचा, तो उसे समझ में आया कि लोग उसका मजाक उड़ा रहे थे।

प्रेमचंद्र लौटकर जब गांव पहुंचा, तो सभी उस पर हंसने लगे। उसके मित्र ने उससे कहा, “प्रेमचंद्र, तुम्हारी भलाई है कि तुम हर बात पर विश्वास कर लेते हो, पर इससे लोग तुम्हारा मजाक उड़ाते हैं। तुम तो सचमुच ‘कान का कच्चा’ हो।”

प्रेमचंद्र ने अपनी गलती समझी और फिर से वही गलती ना दोहराने का ठान लिया। वह समझ गया कि हर बात पर अंधा विश्वास करना सही नहीं है।

शायरी:

विश्वास में बहक जाता हूँ बार-बार,

बिना सोचे लोगों की बातों का आधार।

‘कान का कच्चा’ मुझे कहते सभी, 

पर मेरे लिए यही है मोहब्बत की भाषा और प्यार।

 

कान का कच्चा होना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of कान का कच्चा होना – Kaan ka kacha hona Idiom:

Introduction: The phrase “Kaan ka kacha hona” is a popular idiom in Hindi. It is used to describe someone who easily believes or is gullible to what is told to them without thinking.

Meaning:  The idiom translates to someone who readily believes or trusts what is told to them, whether it’s true or not.

Examples:

-> Sudhir is so naïve that he believes anything he hears, as if he’s “Kaan ka kacha”.

 -> Whenever Parul is with her friends, she readily believes everything they say without giving it much thought. People consider her “Kaan ka kacha”.

Description: Often, we come across people who are quick to believe or trust others, irrespective of whether the information is right or wrong. To depict this sentiment, the idiom “Kaan ka kacha hona” is used.

We hope you now understand the meaning and usage of the idiom “Kaan ka kacha hona”. For more information, you can visit our website budhimaan.com.

Story of ‌‌Kaan ka kacha hona Idiom in English:

Premchandra lived in a village and had cordial relations with his neighbors. He was very kind and naive, but he had a habit of immediately believing whatever he heard.

One day, some boys from the village jokingly told him that a golden fish had been spotted in the village pond. Without giving it a second thought, Premchandra dashed towards the pond.

He thought that if he could catch the golden fish, he would become rich. But when he reached the pond, he realized that the boys were making fun of him. When Premchandra returned to the village, everyone laughed at him.

His friend told him, “Premchandra, it’s good that you believe everything you hear, but because of this, people make fun of you. You truly are ‘gullible.'” Realizing his mistake, Premchandra decided not to repeat it. He understood that blindly believing everything is not the right approach.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का उपयोग किस भाषा में होता है?

“कान का कच्चा होना” हिंदी भाषा में प्रयुक्त होता है।

क्या इस मुहावरे का कोई समानार्थी शब्द है?

हाँ, कुछ समानार्थी शब्द हैं जैसे “अनभिज्ञ,” “अज्ञानी,” और “अप्रयोगी”।

इस मुहावरे की उत्पत्ति कहाँ से हुई है?

इस मुहावरे की उत्पत्ति भारतीय भाषाओं से हुई है, और यह दिल की गहराइयों की जानकारी की कमी को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग आधिकारिक बोलचाल में होता है?

नहीं, यह मुहावरा आधिकारिक बोलचाल में अधिक अपयुक्त होता है और अधिक प्राचीन व्यावसायिक या शास्त्रीय भाषा में प्रयुक्त होता है।

क्या इस मुहावरे के अलावा कोई और मुहावरा है जो इसके साथ प्रयुक्त हो सकता है?

हाँ, “अज्ञान की गहराइयों में खोना” एक और मुहावरा है जो इसके साथ प्रयुक्त हो सकता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा मानव शरीर के अंगों पर आधारित मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"खुदा गंजे को नाखून न दे - मुहावरे का चित्रण", "जीवन में संसाधनों का उचित उपयोग दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर आवश्यकताओं की महत्वपूर्णता पर प्रकाश", "अनुचित आवंटन की विडंबना को उजागर करती तस्वीर", "समझदारी और व्यावहारिकता की सीख देता बुद्धिमानी छवि"
Uncategorized

खुदा गंजे को नाखून न दे अर्थ, प्रयोग (Khuda ganje ko nakhun na de)

परिचय: “खुदा गंजे को नाखून न दे” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जो व्यंग्यात्मक ढंग से उस स्थिति का वर्णन करता है जब किसी व्यक्ति

Read More »
"खाल ओढ़ाए सिंह की मुहावरे का चित्रण", "असली पहचान और दिखावे के बीच का अंतर", "वास्तविकता बनाम आवरण का चित्र", "सिंह की खाल में छिपा स्यार का इलस्ट्रेशन", "Budhimaan.com पर जीवन की वास्तविकता का पाठ"
Hindi Muhavare

खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय अर्थ, प्रयोग (Khal odhaye singh ki, Siyar singh nahi hoye)

परिचय: “खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जो यह बताता है कि केवल बाहरी दिखावे से किसी की

Read More »
जीवन-उतार-चढ़ाव-चित्रण, घी-चना-जीवन-मुहावरा-इमेज, जीवन-संघर्ष-और-सफलता-कला, हिंदी-मुहावरा-विवेचना, Budhimaan.com-जीवन-शैली-सुझाव
Hindi Muhavare

कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना अर्थ, प्रयोग (Kabhi ghee ghana, Kabhi mutthi bhar chana, Kabhi wo bhi manaa)

परिचय: “कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में उतार-चढ़ाव और समय की अनिश्चितता

Read More »
"खाइए मनभाता पहनिए जगभाता मुहावरे का चित्रण", "गाँव की शादी में समाज के अनुरूप वेशभूषा में युवक", "सादगीपसंद खाने और समाजिक वस्त्रों में संतुलन", "Budhimaan.com पर जीवन शैली और संस्कृति"
Hindi Muhavare

खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता अर्थ, प्रयोग (Khaiye manbhata, Pahniye jagbhata)

परिचय: “खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता” यह एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देता है। यह मुहावरा हमें

Read More »
"करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत मुहावरे का चित्रण", "सकारात्मक कार्यों में ऊर्जा निवेश करते व्यक्ति की छवि", "Budhimaan.com पर सकारात्मक योगदान की प्रेरणा", "विवादों की बजाय कर्म पर ध्यान केंद्रित करता किसान"
Hindi Muhavare

करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत अर्थ, प्रयोग (Karni na kartoot, Ladne ko majboot)

परिचय: “करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत” एक हिंदी मुहावरा है जो उन व्यक्तियों के व्यवहार को उजागर करता है जो वास्तव में तो कुछ

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।