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कान भरना, अर्थ, प्रयोग(kaan bharna)

अर्थ: ‘कान भरना’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी की बातों में आकर किसी दूसरे व्यक्ति को भ्रांति में डाल देना। इसका प्रयोग अक्सर उस समय किया जाता है जब किसी ने किसी दूसरे को किसी तीसरे व्यक्ति के खिलाफ भड़काया हो।

उदाहरण:

-> अर्जुन को अभिषेक के खिलाफ मनोज ने कान भर दिया और उनके बीच अनबन हो गई।

-> प्रियंका कह रही थी कि उसकी सहेली ने उसके प्रेमी के कान भर दिए और उनका रिश्ता टूट गया।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम चाहते हैं कि समझाया जाए कि किसी ने किसी के कान भरकर उसे गुमराह किया है या उसे भ्रांति में डाल दिया है।

निष्कर्ष: ‘कान भरना’ इस मुहावरे से हमें यह सीखने को मिलता है कि कैसे लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को गुमराह कर देते हैं। यह हमें यह भी बताता है कि हमें दूसरों की बातों में आसानी से विश्वास नहीं करना चाहिए।

आशा है कि आपको ‘कान भरना’ मुहावरे की समझ आई होगी। ऐसे और अधिक मुहावरों के जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें।

Hindi Muhavare Quiz

कान भरना मुहावरा पर कहानी:

गाँव में दो दोस्त रामू और श्यामू रहते थे। वे दोनों बचपन से ही अच्छे मित्र रहे थे। लेकिन गाँव में एक और व्यक्ति रहता था नाम था मोहन। मोहन को रामू और श्यामू की मित्रता से जलन होती थी। उसने ठान लिया कि वह इन दोनों को अलग कर देगा।

एक दिन मोहन श्यामू के पास गया और उसे बताया कि रामू उसके पीठ पीछे बुरी बातें कहता है। मोहन ने श्यामू के कान भर दिए और उससे झूठी बातें सुनाईं। श्यामू ने बिना सोचे-समझे मोहन की बातों पर यकीन कर लिया और वह रामू से नाराज हो गया।

रामू को समझ में नहीं आया कि अचानक उसका मित्र उससे नाराज क्यों हो गया। जब उसने पूछा, तो श्यामू ने उसे मोहन की बातें सुनाईं। रामू समझ गया कि मोहन ने श्यामू के कान भर दिए हैं।

रामू ने श्यामू को सच्चाई बताई और दोनों मित्र फिर से एक हो गए। उन्होंने समझा कि अगर कोई तीसरा व्यक्ति उनकी मित्रता में बाधा डालना चाहता है, तो उन्हें उस पर यकीन नहीं करना चाहिए।

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें अपने मित्रों पर पूरा यकीन रखना चाहिए और दूसरों की झूठी बातों में नहीं आना चाहिए।

शायरी:

कान में गूंजती वो अधूरी सी ध्वनि,

जैसे बूँदों का खेल अधूरी बारिश की छोनी।

मोहन ने भर दीं श्यामू के कान में बातें,

दोस्ती के आंगन में आई अजनबी रातें।

 

कान भरना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of कान भरना – Kaan Bharna Idiom:

Meaning:  The idiom ‘Kaan Bharna’ translates to ‘filling someone’s ear.’ It means to mislead or deceive someone by feeding them false information or tales, often against another person. This phrase is frequently used when someone instigates one person against another.

Examples:

-> Manoj poisoned Arjun’s ear against Abhishek, leading to discord between them.

-> Priyanka said her friend filled her boyfriend’s ears with tales, which led to the end of their relationship.

Usage: This idiom is employed when we want to convey that someone has been misled or misguided by filling their ears with misleading information or tales.

Conclusion: ‘Kaan Bharna’ teaches us about how individuals might misguide others for their personal gains. It also indicates that one should not easily believe what others say without verifying the facts.

Story of ‌‌Kaan Bharna Idiom in English:

In a village, there were two friends, Ramu and Shyamu. They had been close friends since childhood. However, there was another person in the village named Mohan. Mohan was envious of Ramu and Shyamu’s friendship. He decided that he would drive a wedge between the two.

One day, Mohan approached Shyamu and told him that Ramu had been speaking ill of him behind his back. Mohan filled Shyamu’s ears with lies. Without thinking twice, Shyamu believed Mohan’s words and became upset with Ramu.

Ramu couldn’t understand why his friend had suddenly become angry with him. When he inquired, Shyamu relayed to him what Mohan had said. Ramu realized that Mohan had been the one to poison Shyamu’s ears.

Ramu explained the truth to Shyamu, and the two friends reconciled. They understood that if a third person tries to create a rift in their friendship, they shouldn’t trust him.

From this story, we learn that we should have complete faith in our friends and not fall for the false tales of others.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई विरोधी मुहावरा होता है?

इसका विरोधी मुहावरा “बिना कान के सुनना” हो सकता है, जिससे दर्शाया जाता है कि कोई बातों को अवहेलना करता है।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष संस्कृति से संबंध है?

नहीं, यह मुहावरा किसी विशेष संस्कृति से संबंधित नहीं होता, यह सामान्य भाषा में प्रयुक्त होने वाला मुहावरा है।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष उपयोग विज्ञान के क्षेत्र में होता है?

नहीं, इस मुहावरे का कोई विशेष विज्ञान के क्षेत्र में उपयोग नहीं होता, यह आमतौर पर दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाला मुहावरा है।

क्या इस मुहावरे का कोई सामाजिक संदेश होता है?

हां, इस मुहावरे का सामाजिक संदेश हो सकता है कि हमें बातों को ध्यान से समझने का प्रयास करना चाहिए और जल्दी निर्णय नहीं लेना चाहिए।

इस मुहावरे का क्या उपयोग हिंदी भाषा की साहित्यिक रचनाओं में होता है?

यह मुहावरा हिंदी साहित्य में कई बार प्रयुक्त होता है, विशेष रूप से कहानियों और कविताओं में, जब व्यक्तिगत अनुभवों को व्यक्त करने के लिए।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा मानव शरीर के अंगों पर आधारित मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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