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जमाने का दस्तूर अर्थ, प्रयोग (Jamaane ka dastoor)

परिचय: “जमाने का दस्तूर” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जो आमतौर पर समाज में प्रचलित रीति-रिवाजों, परंपराओं, या आदतों का उल्लेख करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह वाक्यांश उन सामाजिक नियमों और मान्यताओं को दर्शाता है जो एक लंबे समय से चली आ रही हैं और जो अक्सर बिना सवाल किए स्वीकार कर ली जाती हैं।

अर्थ: “जमाने का दस्तूर” का अर्थ है “समय की प्रचलित परंपरा या रिवाज”। इसका उपयोग उन परिस्थितियों में होता है जहाँ किसी चीज को यह कहकर स्वीकार कर लिया जाता है कि यह तो लंबे समय से चली आ रही प्रथा है या यह समाज में स्थापित एक नियम है।

प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर उन स्थितियों में किया जाता है जहाँ व्यक्ति कोई परंपरा या रीति को बिना प्रश्न किए निभाता है, या जब किसी सामाजिक या पारिवारिक दबाव के कारण कुछ करना पड़ता है। यह अक्सर समझौता या अनिच्छुक स्वीकृति के संदर्भ में इस्तेमाल होता है।

उदाहरण:

-> विकास ने अपने पिता की इच्छा के अनुसार व्यवसाय में कदम रखा, क्योंकि यही जमाने का दस्तूर था।

-> इस गाँव में हर त्योहार पर एक विशेष प्रकार की पूजा करना जमाने का दस्तूर है।

निष्कर्ष: “जमाने का दस्तूर” एक ऐसा मुहावरा है जो समाज में चली आ रही परंपराओं और रिवाजों की गहराई और प्रभाव को दर्शाता है। यह अक्सर उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति अपनी इच्छा के विरुद्ध कुछ कार्य करते हैं क्योंकि यह समाज या परिवार द्वारा स्थापित एक नियम है। इस मुहावरे का उपयोग करके, हम सामाजिक नियमों और परंपराओं के प्रति एक विचारशील दृष्टिकोण अपना सकते हैं और उन्हें आलोचनात्मक रूप से समझ सकते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

जमाने का दस्तूर मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में, जहाँ परंपराएँ और रीति-रिवाज लोगों के जीवन का अहम हिस्सा थे, एक युवा लड़की गौरी रहती थी। गौरी एक नई पीढ़ी की प्रतिनिधि थी, जो पुरानी परंपराओं पर प्रश्न उठाने में विश्वास रखती थी।

गौरी का गाँव हर साल एक बड़ा उत्सव मनाता था, जिसमें पुरानी परंपरा के अनुसार, गाँव की सभी युवा लड़कियों को एक विशेष नृत्य प्रस्तुत करना होता था। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही थी और “जमाने का दस्तूर” मानी जाती थी।

गौरी, जो नृत्य में रुचि नहीं रखती थी, इस परंपरा को निभाने में हिचकिचाहट महसूस करती थी। उसे लगता था कि यह परंपरा केवल एक रूढ़िवादी प्रथा थी, जिसे बिना सोचे-समझे अनुसरण किया जा रहा था।

उत्सव से कुछ दिन पहले, गौरी ने अपनी माँ से इस परंपरा के बारे में बात की। उसकी माँ ने उसे समझाया कि कैसे यह परंपरा गाँव की संस्कृति और एकता को दर्शाती है। लेकिन गौरी ने अपने विचार रखे और बताया कि परंपराएँ समय के साथ बदलनी चाहिए और हर व्यक्ति को अपनी पसंद का सम्मान मिलना चाहिए।

इस बातचीत के बाद, गाँव के बुजुर्गों ने फैसला किया कि वे उत्सव में नए तरीके अपनाएंगे। उन्होंने युवा पीढ़ी की राय को महत्व दिया और नृत्य की परंपरा को वैकल्पिक बना दिया।

गौरी की कहानी से यह सीख मिलती है कि “जमाने का दस्तूर” होने के नाते, परंपराएँ और रीति-रिवाज समय के साथ विकसित हो सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम परंपराओं को सिर्फ इसलिए ना अपनाएं क्योंकि वे पुराने हैं, बल्कि उन्हें समय और परिस्थितियों के अनुसार ढालने की कोशिश करें।

शायरी:

इन रीतों का बोझ उठाया, जमाने का दस्तूर निभाया,

कहाँ खुद की पहचान छुपाई, और कहाँ दिल की बात कह पाया।

चलते चले गए सब कदमों में, बिन सवाल इस जहान में,

पुरानी लकीरों का सफर, हर कदम पर यही फिकर।

टूटती इन दीवारों में ढूँढे अपनी आजादी,

जमाने का दस्तूर बदलने की, क्यों न हो अब रवादारी।

हर ख्वाहिश पे लगी जंजीरें, फिर भी दिल में उम्मीदें पलीं,

बदलेंगे ये दस्तूर एक दिन, इस बात की हमें है तलब।

इन रस्मों की गहराई में, खुद को पहचानने की बात करें,

जमाने का दस्तूर बदलेंगे, नए ख्वाबों की बारात लेकर।

इस कहानी का अंजाम तो, खुद में नई शुरुआत है,

जमाने का दस्तूर तोड़, नई राह की तलाश है।

 

जमाने का दस्तूर शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of जमाने का दस्तूर – Jamaane ka dastoor Idiom:

Introduction: “जमाने का दस्तूर” (Jamaane ka dastoor) is a popular Hindi idiom commonly used to refer to the prevailing customs, traditions, or habits in society. This phrase represents those social norms and beliefs that have been followed for a long time, often accepted without question.

Meaning: The literal meaning of “जमाने का दस्तूर” is “the prevailing tradition or custom of the times.” It is used in situations where something is accepted simply because it has been a long-standing practice or is considered an established rule in society.

Usage: This idiom is typically used in situations where an individual follows a tradition or custom without questioning it, or when something must be done due to social or familial pressure. It often connotes compromise or reluctant acceptance.

Example:

-> Vikas stepped into the business following his father’s wishes, because that was the custom of the times.

-> In this village, performing a special type of worship during every festival is considered the custom of the times.

Conclusion: “जमाने का दस्तूर” is an idiom that illustrates the depth and impact of traditions and customs prevailing in society. It often describes situations where individuals perform tasks against their will because it is a rule established by society or family. By using this idiom, we can adopt a thoughtful approach towards social norms and traditions and understand them critically.

Story of ‌‌Jamaane ka dastoor Idiom in English:

In a small village, where traditions and customs were an integral part of people’s lives, lived a young girl named Gauri. Gauri represented the new generation, one that believed in questioning old traditions.

Gauri’s village celebrated a grand festival every year, where, according to an old tradition, all the young girls of the village had to perform a special dance. This tradition had been followed for years and was considered “जमाने का दस्तूर” (the custom of the times).

Gauri, who had no interest in dancing, felt hesitant to participate in this tradition. She believed that this tradition was merely a conservative practice, followed without thought or question.

A few days before the festival, Gauri discussed this tradition with her mother. Her mother explained how the tradition represented the culture and unity of the village. However, Gauri expressed her views, emphasizing that traditions should evolve over time and every individual’s preferences should be respected.

Following this conversation, the village elders decided to adopt new methods for the festival. They valued the opinions of the younger generation and made the dance tradition optional.

Gauri’s story teaches us that, despite being “जमाने का दस्तूर” (the custom of the times), traditions and customs can evolve over time. It’s important not to follow traditions just because they are old, but to adapt them according to the times and circumstances.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

जमाने के दस्तूर का आपसी सम्बंध क्या है?

जमाने के दस्तूर का आपसी सम्बंध समाज में समर्थन, साझेदारी और एकजुटता का संकेत होता है, जो सामूहिक अनुशासन और एकाधिकार को बनाए रखने में मदद करता है।

क्या जमाने का दस्तूर समय-समय पर बदलता है?

हां, जमाने का दस्तूर समय-समय पर परिवर्तित होता रहता है, यह समाज की प्रगति, परिवर्तन और विकास के साथ समायोजित होता है।

जमाने का दस्तूर क्या होता है?

जमाने का दस्तूर एक संगीतिक मुहावरा है जो किसी क्षेत्र में चल रहे परंपरागत अदायगी या रीति-रिवाज को दर्शाता है।

जमाने का दस्तूर क्यों महत्वपूर्ण होता है?

जमाने का दस्तूर सामाजिक संरचना को स्थिरता और सामंजस्य से चलाने में मदद करता है, जिससे समाज की एकता और संघटना बनी रहती है।

जमाने का दस्तूर कितने प्रकार के होते हैं?

जमाने का दस्तूर विभिन्न समाजों और क्षेत्रों में अनेक रूपों में पाया जाता है, जैसे शादी के रस्म, त्योहार, आदि।

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