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जैसा पैसा गाँठ का तैसा मीत न कोय अर्थ, प्रयोग(Jaisa paisa ganth ka taisa meet na koy)

परिचय: “जैसा पैसा गाँठ का, तैसा मीत न कोय” यह मुहावरा दोस्ती और संबंधों की वास्तविकता को स्पष्ट करता है। यह बताता है कि अक्सर लोग धन और सम्पन्नता के आधार पर दोस्ती और संबंध बनाते हैं।

अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जिस तरह से पैसे की महत्वता होती है, उसी तरह से सच्चा मित्र या साथी दुर्लभ होता है। यहाँ ‘गाँठ का पैसा’ से अभिप्राय वह धन है जो व्यक्ति आपातकालीन स्थिति में प्रयोग करता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम यह दर्शाना चाहते हैं कि जिस प्रकार आपातकालीन स्थिति में धन की महत्वता होती है, उसी प्रकार सच्चे और विश्वसनीय मित्र का महत्व भी होता है।

उदाहरण:

मान लीजिए, एक व्यक्ति जो धनी है, उसके आसपास हमेशा लोग रहते हैं। लेकिन जब वह व्यक्ति आर्थिक संकट में फंस जाता है, तब उसके आसपास के लोग उससे दूर हो जाते हैं। यह स्थिति इस मुहावरे का सटीक उदाहरण है।

निष्कर्ष: इस मुहावरे के माध्यम से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में सच्चे मित्रों का महत्व होता है, जो कठिन समय में भी हमारे साथ खड़े रहते हैं। यह मुहावरा हमें यह भी सिखाता है कि हमें व्यक्तियों को उनकी सामाजिक या आर्थिक स्थिति के आधार पर नहीं, बल्कि उनके चरित्र और व्यवहार के आधार पर पहचानना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

जैसा पैसा गाँठ का, तैसा मीत न कोय मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में सुरेंद्र नामक एक धनी व्यापारी रहता था। उसके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी और उसके चारों ओर हमेशा लोगों की भीड़ लगी रहती थी। लोग उसके साथ समय बिताने के लिए उत्सुक रहते थे और वह भी इस बात से खुश था कि उसके इतने सारे मित्र हैं।

लेकिन किस्मत का खेल देखिए, एक दिन सुरेंद्र का व्यापार भारी नुकसान में चला गया। उसके पास जो थोड़ा बहुत पैसा था, वह भी धीरे-धीरे खत्म हो गया। इस दुःख की घड़ी में जिन लोगों को वह अपना मित्र समझता था, वे सभी उससे मुँह मोड़ने लगे। सुरेंद्र को अकेला पाकर, उसके आस-पास कोई नहीं रहा।

इसी गाँव में एक साधारण सा किसान रहता था, जिसका नाम मुनीश था। मुनीश और सुरेंद्र बचपन के दोस्त थे, लेकिन समय के साथ उनके रास्ते अलग हो गए थे। जब मुनीश को सुरेंद्र की दुर्दशा का पता चला, वह तुरंत उसके पास पहुँचा। मुनीश ने सुरेंद्र की हर संभव मदद की और उसे संकट से बाहर निकालने में उसका साथ दिया।

सुरेंद्र को तब एहसास हुआ कि असली मित्र वह होता है जो संकट के समय में आपके साथ खड़ा रहे। उसने समझा कि “जैसा पैसा गाँठ का, तैसा मीत न कोय” – यानी जिस प्रकार धन का महत्व तब पता चलता है जब वह खत्म हो जाता है, उसी प्रकार सच्चे मित्र का महत्व भी उस समय पता चलता है जब बाकी सभी आपका साथ छोड़ देते हैं।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्चे मित्र वही होते हैं जो कठिन समय में भी हमारे साथ खड़े रहते हैं, न कि वे जो केवल सुख के समय में हमारे साथ होते हैं।

शायरी:

दौलत की चमक में, सभी दोस्त बन जाते हैं,
जैसे चिरागों में परवाने चमकते जाते हैं।
लेकिन जब गाँठ का पैसा खत्म हो जाए,
तब अकेले में साये भी छोड़ जाते हैं।

सच्चे दोस्त की पहचान यहाँ होती है,
जब दुनिया से हर आस खोती है।
“जैसा पैसा गाँठ का, तैसा मीत न कोय”,
यह सीख जिंदगी हर मोड़ पर दोहराती है।

इस दुनिया की रीत है अजीब,
दोस्ती भी जैसे कोई कर्ज की तरह नसीब।
वक्त के साथ बदलते चेहरे,
जैसे बदलते मौसम के नजारे।

पर सच्चा साथी वही जो दुःख में भी साथ निभाए,
जैसे अंधेरे में भी दीपक जलता जाए।
“जैसा पैसा गाँठ का, तैसा मीत न कोय”,
यह बात जीवन की हर राह में समझाती है।

 

जैसा पैसा गाँठ का, तैसा मीत न कोय शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of जैसा पैसा गाँठ का तैसा मीत न कोय – Jaisa paisa ganth ka taisa meet na koy Idiom:

Introduction: The idiom “जैसा पैसा गाँठ का, तैसा मीत न कोय” clarifies the reality of friendships and relationships. It indicates that often people form friendships and relationships based on wealth and prosperity.

Meaning: The direct meaning of this idiom is that just as money is important, so is a true friend or companion rare. Here, ‘गाँठ का पैसा’ (money tied in the knot) refers to the wealth that a person uses in an emergency situation.

Usage: This idiom is used when we want to illustrate that just as money is important in an emergency situation, similarly, the importance of a true and trustworthy friend is also significant.

Example:

Consider a person who is wealthy and always surrounded by people. But when this person faces a financial crisis, the people around him start distancing themselves. This situation is a precise example of this idiom.

Conclusion: Through this idiom, we learn the importance of true friends in life, who stand by us even in tough times. This idiom also teaches us that we should recognize people not based on their social or economic status but based on their character and behavior.

Story of ‌‌Jaisa paisa ganth ka taisa meet na koy Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a wealthy merchant named Surendra. He had no shortage of wealth, and was always surrounded by a crowd of people. People were eager to spend time with him, and he was happy to have so many friends.

But as fate would have it, one day, Surendra’s business suffered a huge loss. The little money he had gradually dwindled away. In this hour of despair, those whom he considered his friends started to turn their backs on him. Finding Surendra alone, no one remained by his side.

In the same village, there lived a simple farmer named Munish. Munish and Surendra were childhood friends, but over time, their paths had diverged. When Munish learned of Surendra’s plight, he immediately went to him. Munish helped Surendra as much as he could and supported him through this crisis.

Surendra then realized that a true friend is one who stands by you during tough times. He understood the meaning of “जैसा पैसा गाँठ का, तैसा मीत न कोय” – that the importance of money is realized only when it is gone, just as the true worth of a friend is known when all others have left your side.

This story teaches us that true friends are those who stand by us in difficult times, not just those who are with us during our happy moments.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का क्या उदाहरण है?

एक उदाहरण – “उसने सिर्फ मेरे पैसे के लिए मित्रता का दिखावा किया, परंतु जब पैसा खत्म हो गया, तो उसने मुझसे संपर्क तोड़ दिया।”

इस मुहावरे का क्या महत्व है?

यह मुहावरा हमें यह बताता है कि धन के आधार पर मित्रता नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि वह अस्थायी हो सकती है।

क्या मुहावरा “जैसा पैसा गाँठ का, तैसा मीत न कोय” का अर्थ है?

इस मुहावरे का अर्थ है कि जैसे जैसे पैसे का बंधन होता है, उसी तरह का सच्चा मित्र भी नहीं मिलता।

यह मुहावरा किस प्रकार के व्यक्तियों के लिए लाभदायक है?

यह मुहावरा उन लोगों के लिए लाभदायक है जो धन के बल पर मित्रता को महत्व देते हैं और उन्हें यह बात समझने में मदद करता है कि वास्तव में सच्चे मित्र कौन होते हैं।

क्या यह मुहावरा व्यक्तिगत जीवन में लागू होता है?

हां, यह मुहावरा हमें धन के महत्व को समझाता है और साथ ही सच्ची मित्रता की महत्वपूर्णता को भी बताता है।

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