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होनी होकर रहेगी अर्थ, प्रयोग (Honi hokar rahegi)

परिचय: “होनी होकर रहेगी” यह मुहावरा भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है और इसका उपयोग अक्सर भाग्य और नियति के अपरिहार्य तत्व को दर्शाने के लिए किया जाता है। इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जो भी होना है, वह होकर रहेगा, चाहे हम कितना भी प्रयास क्यों न करें।

अर्थ: “होनी होकर रहेगी” का अर्थ है कि भाग्य या नियति में जो लिखा है, वह अवश्य ही संपन्न होगा। यह हमें याद दिलाता है कि कुछ चीज़ें हमारे नियंत्रण से परे हैं और हमें उन्हें स्वीकार करना चाहिए।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब व्यक्ति किसी परिस्थिति के निर्णय या परिणाम को भाग्य पर छोड़ देता है। यह अक्सर अनिश्चितता के समय में सांत्वना और धैर्य का स्रोत होता है।

उदाहरण:

-> प्रथम ने सभी परीक्षाओं की तैयारी की, लेकिन उसे पता था कि अंत में “होनी होकर रहेगी”।

-> पारुल ने अपने बीमार पिता के लिए सब कुछ किया, लेकिन वह जानती थी कि “होनी होकर रहेगी”।

निष्कर्ष: “होनी होकर रहेगी” मुहावरा हमें सिखाता है कि जीवन में कई बार हमें चीज़ों को जैसे हैं वैसे ही स्वीकार करना पड़ता है, और यह कि हमारा प्रयास हमेशा परिणामों को नियंत्रित नहीं कर सकता। यह हमें धैर्य रखने और जीवन की अपरिहार्यताओं को स्वीकार करने की शिक्षा देता है, यह जानते हुए कि कुछ चीजें हमारे हाथ में नहीं हैं।

होनी होकर रहेगी मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में प्रेमचंद्र नाम का एक किसान रहता था। प्रेमचंद्र हर साल अपने खेतों में अनाज उगाता और अच्छी फसल की उम्मीद करता। एक वर्ष, उसने फसल के लिए विशेष रूप से मेहनत की। उसने नई तकनीकें अपनाईं, खेतों की अच्छी तरह से देखभाल की और पानी तथा खाद का सही इस्तेमाल किया।

लेकिन, जैसे ही फसल कटाई का समय नजदीक आया, एक अचानक बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। प्रेमचंद्र निराश और दुखी हो गया। वह सोचने लगा कि उसकी सारी मेहनत व्यर्थ गई।

उसके पिताजी ने उसे समझाया, “बेटा, हम कितनी भी मेहनत क्यों न करें, अंत में ‘होनी होकर रहेगी’। हमें अपनी मेहनत करनी चाहिए लेकिन परिणाम भगवान पर छोड़ देना चाहिए।”

प्रेमचंद्र ने अपने पिताजी की बात समझी और फिर से मेहनत में जुट गया, इस बार वह जान चुका था कि परिणाम की चिंता किए बिना काम करना है। अगले साल, उसकी मेहनत रंग लाई और उसे भरपूर फसल मिली।

इस कहानी से हमें सिखने को मिलता है कि जीवन में हमें अपना काम पूरी लगन और मेहनत से करते रहना चाहिए, लेकिन परिणाम की चिंता न करते हुए उसे भगवान पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि “होनी होकर रहेगी”।

शायरी:

मेहनत हमारी, किस्मत उसकी, कहानी यही बस रहेगी,

“होनी होकर रहेगी”, ये दास्ताँ हर जुबां पे रहेगी।

कोशिशें जितनी भी हों, नतीजा वही जो मंजूर है उसको,

जिंदगी की इस राह में, हर मोड़ पे यही सूर है बसको।

ख्वाब बुनते हैं, तकदीर से लड़ते हैं, करते हैं दुआएं,

लेकिन अंत में जो लिखा, वही तो हमें भरमाए।

हर सवाल का जवाब, हर ख्वाब की ताबीर में,

“होनी होकर रहेगी”, यही सच है, हमारी तकदीर में।

चलते रहो, मेहनत करो, दिल से जो चाहो माँगो,

पर जान लो, आखिर में, “होनी होकर रहेगी”, यही संदेश भगवान ने भेजो।

 

होनी होकर रहेगी शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of होनी होकर रहेगी – Honi hokar rahegi Idiom:

Introduction: “Honi hokar rahegi” is an idiom deeply ingrained in Indian culture and is often used to illustrate the inevitable aspect of fate and destiny. This idiom literally means that whatever is meant to happen will happen, no matter how much effort we put in.

Meaning: “Honi hokar rahegi” signifies that whatever is written in our fate or destiny will surely come to pass. It reminds us that some things are beyond our control, and we should accept them as they are.

Usage: This idiom is used when an individual leaves the decision or outcome of a situation to fate. It often serves as a source of consolation and patience during times of uncertainty.

Example:

-> Pratham prepared for all the exams, but he knew that in the end, “What is destined to happen will happen.”

-> Parul did everything for her sick father, but she knew that “What is destined to happen will happen.”

Conclusion: The idiom “Honi hokar rahegi” teaches us that in life, we often have to accept things as they are, and that our efforts cannot always control the outcomes. It educates us to be patient and to accept the inevitabilities of life, knowing that some things are not in our hands.

Story of ‌‌Honi hokar rahegi Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a farmer named Premchand. Every year, Premchand would cultivate grains in his fields and hope for a good harvest. One year, he worked especially hard for his crops. He adopted new techniques, took great care of his fields, and used water and fertilizer properly.

However, as the time for harvest approached, a sudden rainstorm destroyed everything. Premchand became disheartened and sad. He thought all his hard work had gone to waste.

His father explained to him, “Son, no matter how hard we work, in the end, ‘what is destined to happen will happen.’ We should do our work but leave the outcome to God.”

Premchand understood his father’s words and got back to work, this time knowing that he had to work without worrying about the outcome. The following year, his efforts bore fruit, and he had a bountiful harvest.

This story teaches us that in life, we should keep doing our work with dedication and hard work, but without worrying about the outcome, we should leave it to God because “what is destined to happen will happen.”

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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