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हेकड़ी दिखाना अर्थ, प्रयोग (Hekdi dikhana)

परिचय: “हेकड़ी दिखाना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जो अक्सर समाज में उपयोग किया जाता है। यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति अपने आपको दूसरों से बेहतर दिखाने के लिए अहंकार या घमंड का प्रदर्शन करता है।

अर्थ: “हेकड़ी दिखाना” का अर्थ है अहंकार या घमंड के साथ अपनी शक्ति, स्थिति या संपत्ति का प्रदर्शन करना। इसका उपयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जब कोई व्यक्ति दूसरों पर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए अपने अधिकार, शक्ति या धन का दुरुपयोग करता है।

प्रयोग: यह मुहावरा विशेष रूप से उन मामलों में प्रयोग किया जाता है जहाँ व्यक्ति अपने आत्मसम्मान को बढ़ाने या दूसरों को नीचा दिखाने के लिए अपने व्यक्तित्व का अतिरिक्त प्रदर्शन करता है।

उदाहरण:

-> जब से विशाल को प्रमोशन मिला है, वह अपने सहकर्मियों के सामने हेकड़ी दिखाने लगा है।

-> अनुभव ने नई कार खरीदने के बाद अपने पड़ोसियों को हेकड़ी दिखानी शुरू कर दी।

निष्कर्ष: “हेकड़ी दिखाना” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि अहंकार और घमंड से किसी की वास्तविक शक्ति या महत्व का पता नहीं चलता। यह व्यवहार न केवल संबंधों में दरार पैदा करता है बल्कि व्यक्तित्व की सच्चाई को भी छिपा देता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम विनम्रता के साथ अपनी सफलताओं को स्वीकार करें और दूसरों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें।

हेकड़ी दिखाना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में विकास नामक एक युवक रहता था। विकास ने हाल ही में एक प्रतिष्ठित कंपनी में अच्छी नौकरी प्राप्त की थी। नौकरी मिलने के बाद, विकास के व्यवहार में धीरे-धीरे परिवर्तन आने लगा। वह जिसे देखो उसे अपनी नई नौकरी के बारे में बताता और अपनी उपलब्धियों की शेखी बघारता। उसकी हेकड़ी इतनी बढ़ गई कि वह गाँव के लोगों को छोटा समझने लगा।

एक दिन, गाँव में एक समारोह का आयोजन हुआ। विकास ने सोचा कि यह समारोह उसकी नई नौकरी की सफलता को दिखाने का सही अवसर है। समारोह में, विकास ने अपने नए महंगे सूट और घड़ी का प्रदर्शन किया और गाँव वालों के सामने अपनी हेकड़ी दिखाई। वह अपने सहकर्मियों के साथ हुई बैठकों के किस्से सुनाता और अपने आपको गाँव के लोगों से श्रेष्ठ दिखाने की कोशिश करता।

हालांकि, गाँव के लोग विकास के इस बदले हुए व्यवहार से नाखुश थे। उन्हें विकास की यह हेकड़ी बिलकुल भी पसंद नहीं आई। धीरे-धीरे, लोग विकास से दूरी बनाने लगे। विकास ने महसूस किया कि उसके अहंकार के कारण उसके पुराने दोस्त और परिवार वाले उससे दूर हो रहे हैं।

अंततः, विकास को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने अपने व्यवहार पर पुनर्विचार किया और गाँव वालों से माफी मांगी। उसने सीख लिया कि अहंकार और हेकड़ी दिखाने से व्यक्ति केवल अपने आपको और दूसरों को नुकसान पहुँचाता है। विकास ने फिर से अपने मिलनसार और विनम्र स्वभाव को अपनाया, और गाँव वालों के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया।

इस कहानी से हमें सिखने को मिलता है कि “हेकड़ी दिखाना” किसी को भी श्रेष्ठ नहीं बनाता, बल्कि यह व्यक्ति के चरित्र को कमजोर करता है और उसके संबंधों में दरार डालता है। विनम्रता और सम्मान ही वास्तविक सफलता की कुंजी है।

शायरी:

हेकड़ी में जो जीते हैं, अक्सर वो तन्हा रह जाते हैं,

जब दिल से जुड़ने की बात आती है, सभी को खो देते हैं।

अहंकार की इस दौड़ में, सच्चे रिश्ते पीछे छूट जाते हैं,

हेकड़ी दिखाने वाले अक्सर, खुद से ही रूठ जाते हैं।

सिक्कों की खनक से जो मोहब्बत का मोल नापते हैं,

हेकड़ी में जिंदगी बिताने वाले, अकेले ही साँसे थामते हैं।

जिनकी बातों में होती है सिर्फ अपनी ही शान,

वो नहीं जानते, विनम्रता में ही छुपा होता है असली जहान।

हेकड़ी दिखाना छोड़ दो, ये दुनिया मोहब्बत से बड़ी,

जब दिल से दिल मिलते हैं, तभी जिंदगी खुशहाल और सजदी।

 

हेकड़ी दिखाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of हेकड़ी दिखाना – Hekdi dikhana Idiom:

Introduction: “Hekdi dikhana” is a prevalent Hindi idiom often used in society. This idiom describes a situation where a person displays arrogance or pride to appear superior to others.

Meaning: “Hekdi dikhana” means to flaunt one’s power, status, or wealth with arrogance or pride. It is used in situations where a person misuses their authority, power, or wealth to prove their superiority over others.

Usage: This idiom is specifically used in cases where a person excessively displays their personality to boost their self-esteem or demean others.

Example:

-> Ever since Vishal got promoted, he started showing off in front of his colleagues.

-> Anubhav began to show off to his neighbors after buying a new car.

Conclusion: The idiom “Hekdi dikhana” teaches us that real power or significance cannot be determined through arrogance and pride. This behavior not only creates rifts in relationships but also conceals the truth of one’s personality. Therefore, it is crucial that we accept our successes with humility and treat others with respect.

Story of ‌‌Hekdi dikhana Idiom in English:

In a small village lived a young man named Vikas. Recently, Vikas had landed a prestigious job in a reputed company. Following his new job, Vikas’s behavior began to change gradually. He boasted about his new job and achievements to everyone he met, to the extent that he started looking down on the villagers.

One day, a ceremony was organized in the village. Vikas thought this was the perfect opportunity to showcase his new job’s success. At the ceremony, Vikas flaunted his new expensive suit and watch, displaying his arrogance in front of the villagers. He shared stories of meetings with his colleagues, attempting to prove his superiority over the villagers.

However, the villagers were displeased with Vikas’s changed behavior. They did not appreciate his arrogance at all. Gradually, people started distancing themselves from Vikas. He realized that his arrogance was driving his old friends and family away.

Eventually, Vikas recognized his mistake. He reconsidered his behavior and apologized to the villagers. He learned that arrogance and showing off only harm oneself and others. Vikas readopted his friendly and humble nature, strengthening his relationships with the villagers.

This story teaches us that “showing off” does not make anyone superior; instead, it weakens a person’s character and creates rifts in relationships. Humility and respect are the true keys to success.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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