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हाथी निकल गया, पूँछ रह गई अर्थ, प्रयोग (Hathi nikal gaya, Poonch rah gayi)

परिचय: “हाथी निकल गया, पूँछ रह गई” यह मुहावरा हिंदी भाषा में एक व्यापक और प्रचलित अभिव्यक्ति है, जिसका उपयोग उन परिस्थितियों को दर्शाने के लिए किया जाता है जहाँ मुख्य समस्या या कार्य समाप्त हो चुका होता है लेकिन छोटी-मोटी बाधाएँ या मुद्दे अभी भी बाकी रहते हैं।

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि बड़ी समस्या या मुख्य कार्य तो हल हो गया है लेकिन कुछ छोटी बाधाएँ या समस्याएँ अभी भी शेष हैं। यह अक्सर उस स्थिति को व्यक्त करता है जब मुख्य मुद्दे का निवारण हो जाने के बावजूद कुछ अनसुलझे मामले बचे होते हैं।

प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न संदर्भों में प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि परियोजना के समापन, संघर्ष के अंत, या किसी लक्ष्य की प्राप्ति के बाद शेष छोटे मुद्दों की चर्चा करते समय।

उदाहरण:

-> परियोजना समापन पर: जब एक बड़ी परियोजना सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है लेकिन कुछ मामूली तकनीकी समस्याएँ अभी भी बाकी रहती हैं।

-> सामाजिक संघर्ष में: जब एक बड़ा सामाजिक मुद्दा हल हो जाता है लेकिन कुछ छोटी चिंताएँ या विवाद अभी भी उपस्थित होते हैं।

निष्कर्ष: “हाथी निकल गया, पूँछ रह गई” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि किसी भी बड़ी उपलब्धि या समाधान के बाद भी, हमें शेष छोटी बाधाओं और समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। यह उन छोटे मुद्दों को हल करने की महत्वपूर्णता को रेखांकित करता है जो मुख्य समस्या के समाधान के बाद भी बाकी रह सकते हैं।

हाथी निकल गया, पूँछ रह गई मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बहुत बड़ा हाथी घुस आया। हाथी ने गाँव में बहुत उत्पात मचाया, खेतों को रौंद डाला, और पानी के स्रोत को भी नष्ट कर दिया। गाँववाले बहुत परेशान हुए और हर संभव उपाय करने लगे ताकि हाथी को गाँव से बाहर निकाला जा सके।

आखिरकार, एक बुद्धिमान व्यक्ति ने हाथी को गाँव से बाहर निकालने का एक तरीका सोचा। उसने हाथी को गाँव के बाहर ले जाने के लिए कुछ खास तरह के फलों का उपयोग किया। हाथी उन फलों के पीछे चला गया और आखिरकार गाँव से बाहर चला गया। गाँववाले बहुत खुश हुए कि उनकी बड़ी समस्या हल हो गई।

लेकिन, जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि हाथी के जाने के बावजूद, उसकी पूँछ अभी भी गाँव के एक हिस्से में फंसी हुई थी। इसका मतलब था कि हाथी की समस्या तो हल हो गई थी, लेकिन उसके छोड़े गए निशान अभी भी बाकी थे। गाँववालों को अब उस पूँछ को हटाने और हाथी द्वारा किए गए नुकसान की मरम्मत करने की चुनौती का सामना करना पड़ा।

इस कहानी से हमें “हाथी निकल गया, पूँछ रह गई” मुहावरे का अर्थ समझ में आता है। यह बताता है कि किसी बड़ी समस्या का समाधान हो जाने के बावजूद, कुछ छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बाधाएँ या मुद्दे अक्सर बाकी रह जाते हैं जिन्हें हल करने की जरूरत होती है।

शायरी:

हाथी गया, पूँछ रह गई, कहानी अधूरी छोड़ दी,

जीवन की इस राह में, अधूरे सपने बो दी।

मुख्य समस्या तो हल हुई, पर छोटी गांठें रह गईं,

जैसे खुशियों की बारिश में, थोड़ी सी कसक रह गई।

हर सुख के पीछे छिपा, एक छोटा सा दुःख का तारा,

जैसे हाथी निकल गया, पर उसकी पूँछ बीच बाजारा।

मुश्किलें तो दूर हुईं, पर उनकी छाप रह गई,

जीवन की इस दौड़ में, कुछ मीठी यादें बह गई।

खत्म हुआ जब मेला, बस खाली जगह रह गई,

हाथी चला गया दूर, लेकिन पूँछ वहीं रह गई।

सीख यही है दोस्तों, हर मुद्दा हल नहीं होता,

हाथी जाने के बाद भी, कुछ न कुछ तो छूट ही जाता।

 

हाथी निकल गया, पूँछ रह गई शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of हाथी निकल गया, पूँछ रह गई – Hathi nikal gaya, Poonch rah gayi Idiom:

Introduction: “Hathi nikal gaya, Poonch rah gayi” is a widely used and popular expression in the Hindi language, utilized to depict situations where the main problem or task has been resolved, but minor obstacles or issues still persist.

Meaning: This idiom means that the major problem or main task has been solved, but some small obstacles or problems still remain. It often describes a situation where some unresolved issues linger even after the resolution of the main issue.

Usage: This idiom can be used in various contexts, such as at the completion of a project, the end of a conflict, or after achieving a goal, when discussing the remaining minor issues.

Example:

-> At the completion of a project: When a major project is successfully completed, but some minor technical issues still remain.

-> In social conflict: When a significant social issue is resolved, but some minor concerns or disputes are still present.

Conclusion: “Hathi nikal gaya, Poonch rah gayi” teaches us that even after any major achievement or solution, we should still pay attention to the remaining small obstacles and problems. It highlights the importance of resolving those minor issues that can remain even after solving the main problem.

Story of ‌‌Hathi nikal gaya, Poonch rah gayi Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, a very large elephant entered. The elephant caused great chaos in the village, trampled the fields, and also destroyed the water source. The villagers were very distressed and started looking for every possible way to drive the elephant out of the village.

Eventually, a wise person thought of a way to get the elephant out of the village. He used some special fruits to lure the elephant outside the village. The elephant followed the fruits and finally left the village. The villagers were very happy that their big problem had been solved.

However, they soon realized that, despite the elephant’s departure, its tail was still stuck in a part of the village. This meant that the elephant’s problem had been solved, but the marks it left were still remaining. The villagers now faced the challenge of removing that tail and repairing the damage caused by the elephant.

From this story, we understand the meaning of the idiom “The elephant has passed, but the tail remains.” It indicates that even after solving a major problem, some small but significant obstacles or issues often remain, which need to be addressed.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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