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गुरु घंटाल मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Guru Ghantal)

अर्थ: ‘गुरु घंटाल’ मुहावरे का अर्थ होता है अत्यंत चालाक व्यक्ति, जो अक्सर अपनी चालाकियों से लोगों को धोखा देता है।

प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को उसकी चालाकियों और धूर्तता के लिए चिह्नित किया जाए, तो ‘गुरु घंटाल’ मुहावरे का प्रयोग होता है।

उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “तुम तो असली ‘गुरु घंटाल’ निकले, मुझे कभी सोचा नहीं था कि तुम मुझे इस तरह धोखा दोगे।”

विशेष टिप्पणी: यह मुहावरा व्यक्ति की चालाकी और धूर्तता को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है, लेकिन इसे सकारात्मक अर्थ में भी लिया जा सकता है, जैसे किसी की चतुराई या समझदारी को प्रशंसा करते हुए।

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गुरु घंटाल मुहावरा पर कहानी:

एक गाँव में रामु नामक व्यक्ति रहता था। वह गाँव में अपनी चालाकियों और धूर्तता के लिए प्रसिद्ध था। लोग उसे ‘गुरु घंटाल’ कहकर पुकारते थे।

एक दिन, गाँव में मेला लगा। रामु ने एक चालाकी सोची और अपनी दुकान पर ‘जादुई आम’ बेचने लगा। वह लोगों को बताता कि जो भी इस आम को खाएगा, वह एक दिन के लिए अदृश्य हो जाएगा।

लोग उसकी बातों में आकर उस आम को खरीदने लगे। लेकिन जब उस आम को खाने के बाद कुछ भी नहीं हुआ, तो लोग समझ गए कि रामु ने उन्हें फिर से धोखा दिया है।

जब लोग उससे सच्चाई जानने पहुंचे, तो रामु ने हंसते हुए कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि आप तुरंत अदृश्य हो जाएंगे। शायद आपको सही समय पर आम खाना चाहिए था।”

लोग उसकी इस चालाकी पर हंस पड़े और कहा, “तुम वाकई ‘गुरु घंटाल’ हो, रामु!”

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कुछ लोग अपनी चालाकियों और धूर्तता से दूसरों को धोखा दे सकते हैं, लेकिन अगर हम सतर्क और सचेत रहें, तो हम उनकी चालाकियों को पहचान सकते हैं।

 
 
 
 
 
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शायरी:

गुरु घंटाल कहलाए वो चालाक,

जिसकी हर चाल में हो एक राज़ अनदेखा।

जिसके खेल में सब हो जाएं फंस,

फिर भी उसकी मुस्कान में हो वो खास।

धूर्त और चतुर, जिसका कोई ना साथी,

जिसकी लाठी में हो वो अद्वितीय राज़।

 

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of गुरु घंटाल – Guru Ghantal Idiom:

Meaning: The idiom ‘Guru Ghantal’ translates to an extremely cunning person, often someone who deceives others with their craftiness.

Usage: When someone is identified for their cunningness and slyness, the idiom ‘Guru Ghantal’ is used.

Example: Ram said to Sunil, “You turned out to be a real ‘Guru Ghantal’, I never thought you would deceive me like this.”

Special Note: This idiom is used to depict a person’s craftiness and cunningness, but it can also be taken in a positive sense, praising someone’s cleverness or intelligence.

Story of Guru Ghantal idiom in English:

In a village, there lived a man named Ramu. He was famous in the village for his cunningness and slyness. People would often refer to him as ‘Guru Ghantal’.

One day, there was a fair in the village. Ramu, with his cunning mind, set up a stall to sell ‘Magical Mangoes’. He told people that whoever ate this mango would become invisible for a day.

People, believing his words, started buying the mangoes. However, when nothing happened after eating the mangoes, they realized that Ramu had deceived them once again.

When they approached him to know the truth, Ramu, with a chuckle, said, “I never mentioned that you’d become invisible immediately. Maybe you should have eaten the mango at the right time.”

The villagers laughed at his cunning response and said, “You truly are a ‘Guru Ghantal’, Ramu!”

This story teaches us that some people can deceive others with their cunningness and slyness, but if we remain alert and aware, we can recognize their tricks.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई उपयोग धार्मिक संदर्भों में होता है?

हां, कई धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक कथाओं में भी इस मुहावरे का उपयोग होता है, जब किसी गुरु या धार्मिक आचार्य के प्राधिकृतियों को प्रशंसा या निन्दा किया जाता है।

क्या इस मुहावरे का कोई उपयोग शिक्षा और शिक्षकों के संदर्भ में होता है?

हां, इस मुहावरे का कोई विशेष उपयोग शिक्षा और शिक्षकों के संदर्भ में होता है, खासतर जब किसी शिक्षक के प्राधिकृतियों पर सवाल उठाया जाता है।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष उपयोग किसी कविता या कहानी में होता है?

हां, इस मुहावरे का कोई विशेष उपयोग कविता और कहानियों में भी होता है, खासतर जब किसी कथा में गुरु या शिक्षक के प्राधिकृतियों का उचित प्रशंसा या निषेध किया जाता है।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष उपयोग लोकप्रिय नेताओं या व्यक्तित्वों के बयानों में होता है?

हां, यह मुहावरा कई बार नेताओं और व्यक्तित्वों के बयानों में प्रयुक्त होता है जब किसी के प्राधिकृतियों या कृत्यों का समालोचना करने का प्रयास किया जाता है।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष इतिहास है?

इस मुहावरे का कोई विशेष इतिहास नहीं होता, लेकिन यह एक सामान्य आचरणिका और सामाजिक मुहावरा होता है जो अपने समय के घटनाओं और संदर्भों को दर्शाता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा ग से शुरू होने वाले मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

2 टिप्पणियाँ

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