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घाटा मोटा, कागज छोटा अर्थ, प्रयोग(Ghata mota, Kagaz chota)

“घाटा मोटा, कागज छोटा” एक रोचक हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है कि किसी स्थिति या समस्या का आकार इतना बड़ा है कि उसे कागज पर लिखने के लिए जगह कम पड़ जाती है।

परिचय: “घाटा मोटा, कागज छोटा” मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी समस्या या घाटे की मात्रा इतनी अधिक होती है कि उसे साधारण तरीके से व्यक्त कर पाना मुश्किल होता है। यह मुहावरा व्यंग्यात्मक रूप से बड़ी समस्याओं को दर्शाता है।

अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि किसी बड़े घाटे या समस्या को कागज पर उतारने के लिए जगह कम पड़ जाती है। लाक्षणिक अर्थ में, यह बताता है कि किसी विशेष परिस्थिति या समस्या का सामना करने में कठिनाई हो रही है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर वित्तीय घाटे, बड़ी समस्याओं या कठिन परिस्थितियों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

उदाहरण:

-> कंपनी को इस साल इतना बड़ा घाटा हुआ है कि ‘घाटा मोटा, कागज छोटा’ वाली बात हो गई है।

निष्कर्ष: “घाटा मोटा, कागज छोटा” मुहावरे के माध्यम से हमें यह समझ में आता है कि कुछ समस्याएँ इतनी बड़ी होती हैं कि उन्हें सामान्य तरीकों से समझाना या निपटाना मुश्किल होता है। यह हमें बड़ी चुनौतियों का सामना करने की तैयारी और सावधानी बरतने की ओर संकेत करता है।

Hindi Muhavare Quiz

घाटा मोटा, कागज छोटा मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे शहर में, प्रेमचंद्र नाम का एक व्यापारी रहता था। प्रेमचंद्र बहुत ही मेहनती और समझदार था, लेकिन कभी-कभार वह बिना सोचे-समझे बड़े निर्णय ले लेता था। एक बार उसने एक बड़े व्यापारिक सौदे में निवेश करने का फैसला किया, जिसके बारे में उसे पूरी जानकारी नहीं थी।

प्रेमचंद्र ने सोचा कि यह सौदा उसे रातों-रात अमीर बना देगा। उसने अपनी सारी जमा पूंजी और अपने व्यापार की कुछ संपत्तियां उस सौदे में लगा दीं। लेकिन अफसोस, वह सौदा एक धोखा निकला और प्रेमचंद्र को भारी घाटा हुआ।

जब प्रेमचंद्र ने अपने घाटे का हिसाब लगाया, तो वह चौंक गया। उसका घाटा इतना बड़ा था कि उसे कागज पर लिखने के लिए जगह कम पड़ गई। वह समझ गया कि उसने ‘घाटा मोटा, कागज छोटा’ वाली गलती की है।

इस घटना के बाद प्रेमचंद्र ने सीखा कि बिना पूरी जानकारी और सोच-विचार के किसी भी सौदे में निवेश करना खतरनाक हो सकता है। उसने ठान लिया कि आगे से वह किसी भी बड़े फैसले में जल्दबाजी नहीं करेगा और सभी पहलुओं को ध्यान में रखेगा।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि ‘घाटा मोटा, कागज छोटा’ की स्थिति से बचने के लिए हमें हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए और अपने फैसलों के संभावित परिणामों पर गहराई से विचार करना चाहिए।

शायरी:

घाटा इतना मोटा है, कागज बहुत छोटा है,

हर फैसले में जिंदगी का एक नया सोटा है।

जब खुद की किस्मत से, अपना ही घर जलाया,

घाटे की इस कहानी में, हर खुशी को भुलाया।

बिना सोचे समझे जो, कदम बढ़ाया करते हैं,

वह ‘घाटा मोटा, कागज छोटा’ का सबक सिखाते हैं।

अब तो हर निर्णय में, सोच-समझ की बात करेंगे,

जीवन की इस बाजी में, अपनी ही चाल चलेंगे।

हर घाटे की कहानी में, जीवन का एक सबक है,

यही तो जिंदगी की राह में, हर मोड़ का मज़क है।

 

घाटा मोटा, कागज छोटा शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of घाटा मोटा, कागज छोटा – Ghata mota, Kagaz chota Idiom:

“घाटा मोटा, कागज छोटा” is an intriguing Hindi idiom, meaning that the scale of a situation or problem is so large that it exceeds the space available on paper to describe it.

Introduction: The use of the idiom “घाटा मोटा, कागज छोटा” comes into play when the magnitude of a problem or loss is so great that it becomes difficult to express it in ordinary terms. This idiom sarcastically represents significant problems.

Meaning: The literal meaning of the idiom is that the space on paper falls short to document a significant loss or problem. Figuratively, it indicates the difficulty encountered in dealing with a particular situation or problem.

Usage: This idiom is typically used to express financial losses, major problems, or challenging situations.

Example:

-> The company has incurred such a huge loss this year that it’s a case of ‘घाटा मोटा, कागज छोटा’.

Conclusion: Through the idiom “घाटा मोटा, कागज छोटा”, we understand that some problems are so substantial that they are difficult to explain or resolve using conventional methods. It points towards the need for preparation and caution when facing significant challenges.

Story of ‌‌Ghata mota, Kagaz chota Idiom in English:

In a small town, there lived a businessman named Premchandra. Premchandra was very hardworking and intelligent, but sometimes he made big decisions without proper thought. Once, he decided to invest in a big business deal without having complete information about it.

Premchandra thought this deal would make him rich overnight. He invested all his savings and some assets of his business into the deal. Unfortunately, the deal turned out to be a scam, and Premchandra suffered a huge loss.

When Premchandra calculated his loss, he was shocked. The loss was so enormous that there was not enough space on the paper to write it down. He realized that he had made a ‘घाटा मोटा, कागज छोटा’ type of mistake.

After this incident, Premchandra learned that investing in any deal without complete knowledge and consideration can be dangerous. He resolved that he would not make hasty decisions in the future and would consider all aspects carefully.

This story teaches us that to avoid situations like ‘घाटा मोटा, कागज छोटा’, we should always be cautious and deeply contemplate the potential outcomes of our decisions.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

कौन-कौन सी स्थितियों में इस मुहावरे का उपयोग किया जा सकता है?

इसे उन स्थितियों में उपयोग किया जा सकता है जहाँ किसी व्यक्ति या चीज का महत्व अधिक होना चाहिए, परंतु वास्तविकता में यह कम होता है।

क्या इस मुहावरे का कोई वास्तविक रूप होता है?

नहीं, यह मुहावरा भाषा का हिस्सा है और किसी भी चीज के वास्तविक वजन या आकार को नहीं दर्शाता।

“घाटा मोटा, कागज छोटा” मुहावरे का मतलब क्या है?

इस मुहावरे का मतलब है कि किसी चीज का असली मूल्य या महत्व बहुत कम होता है।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष इतिहास है?

इसका कोई विशेष इतिहास नहीं है, यह आमतौर पर भाषा में अभिव्यक्ति की जाने वाली मुहावरा है।

क्या इस मुहावरे का अन्य कोई समर्थन है?

हां, इसका एक और समर्थन “भैंस के आगे बीन बजाना” है जो बहुत कुछ करने के बावजूद उसका कोई महत्व नहीं होता।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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