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दूध की नदियां बहाना, अर्थ, प्रयोग(Doodh ki nadiya bahana)

अर्थ: ‘दूध की नदियां बहाना’ का अर्थ होता है बहुत अधिक संपत्ति या धनवान होना। इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति के पास अधिक धन-संपत्ति हो और वह इसे खूब खर्च करता हो।

प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत हो और वह अपने धन को बिना सोचे-समझे खर्च करे, तो ‘दूध की नदियां बहाना’ मुहावरा प्रयोग होता है।

उदाहरण: 

-> सुरेंद्र ने अपनी नई फैक्टरी के उद्घाटन पर इतनी भव्य पार्टी दी कि लोग कहने लगे, “वाह! सुरेंद्र तो दूध की नदिया बहा रहा है।”

-> अनुज के पास तो इतना पैसा है कि वह हर महीने विदेश यात्रा पर जाता है, मानो वह दूध की नदिया बहा रहा हो।

निष्कर्ष: ‘दूध की नदियां बहाना’ मुहावरा जब भी किसी की संपत्ति या धन की बात होती है, तो यह उसकी अमीरी और धन-यश को दर्शाता है। यह हमें यह सिखाता है कि धन ही सब कुछ नहीं होता, इसे समझदारी से प्रयोग करना चाहिए।

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दूध की नदियां बहाना मुहावरा पर कहानी:

सुभाष नगर के सबसे अमीर व्यक्ति में से एक थे। उसकी अमीरी की चर्चा न सिर्फ नगर में, बल्कि पूरे प्रांत में थी। जब वह जन्मदिन मनाता था, तो उसका जश्न सबसे शानदार होता था।

इस बार, जब उसका पैंतालीसवां जन्मदिन आया, उसने ठान लिया कि वह ऐसी पार्टी देगा जिसे लोग कभी न भूल सकें। उसने अपने बंगले के आंगन में एक शानदार पार्टी की व्यवस्था की, जिसमें विश्व की प्रसिद्ध शराबें, वाइन और अन्य मौलिक चीजें थीं।

पार्टी में उसने दुनिया की सबसे महंगी वाइन की बोतलें खोल दीं और उसका जश्न देखकर लोग हैरान रह गए। सुभाष ने इतनी अधिक मात्रा में शराब और अन्य मौलिक चीजों पर पैसा खर्च किया जैसे वह ‘दूध की नदिया बहा रहा हो’।

लोग पार्टी से जाते समय अब भी चर्चा कर रहे थे कि सुभाष ने कितनी आलीशान तरीके से अपनी अमीरी का प्रदर्शन किया। वह समझे बिना भी समझ गए कि ‘दूध की नदियां बहाना’ इसी तरह के जश्न का प्रतीक है।

शायरी:

ज़िंदगी में जब ऐशोआराम होती,

जैसे गुलशन में मौज हो बहार की।

सुभाष ने जश्न में ऐसी धूम मचाई,

मानो ‘दूध की नदिया’ ही बहा दी हो शराब की।

 

दूध की नदियां बहाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of दूध की नदियां बहाना – Doodh ki nadiya bahana Idiom:

Meaning: The idiom ‘Doodh ki nadiya bahana’ translates to ‘flowing a river of milk’, which signifies having immense wealth or affluence. This phrase is typically used when someone possesses a lot of wealth and spends it extravagantly.

Meaning:  To delve into unnecessary details or to argue over trivial matters; nitpicking.

Usage: The idiom is employed when a person is in a strong financial position and spends their wealth without much thought or restraint.

Examples: 

-> Surendra threw such a grand party for the inauguration of his new factory that people began saying, “Wow! Surendra is truly spending like he’s Doodh ki nadiya baha raha hai.” 

-> Anuj has so much money that he goes on international trips every month, as if he’s ‘Doodh ki nadiya bahana’.

Conclusion: The idiom ‘Doodh ki nadiya bahana’ often depicts someone’s affluence and financial prosperity. It teaches us that while wealth is significant, it should be used wisely and judiciously.

Story of ‌‌Doodh ki nadiya bahana Idiom in English:

Subhash was one of the richest individuals in the city. His wealth was not just the talk of the town but also of the entire province. When he celebrated his birthday, it was always the grandest affair.

This time, as he approached his forty-fifth birthday, he decided to throw a party that no one would ever forget. He arranged a lavish celebration in the courtyard of his mansion, where the world’s most renowned liquors, wines, and other precious commodities were on display.

At the party, he uncorked the world’s most expensive bottles of wine, and the sheer opulence left the guests astounded. Subhash spent money on liquor and other precious items as if he was “Doodh ki nadiya bahana”.

As guests departed, they were still discussing how magnificently Subhash showcased his wealth. Without being explicitly told, they understood that “Doodh ki nadiya bahana” epitomizes such extravagant celebrations.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या “दूध की नदियां बहाना” मुहावरा वास्तविकता को दर्शाता है?

नहीं, यह मुहावरा प्रतीकात्मक है और यह वास्तविकता से अधिक काव्यात्मक और अलंकारिक भाषा का प्रयोग करता है।

क्या “दूध की नदियां बहाना” का इस्तेमाल किसी नकारात्मक संदर्भ में भी हो सकता है?

जी हां, कभी-कभी इसका इस्तेमाल व्यंग्य या अतिशयोक्ति के रूप में भी किया जाता है।

“दूध की नदियां बहाना” मुहावरे की उत्पत्ति कैसे हुई?

इस मुहावरे की उत्पत्ति का सटीक इतिहास स्पष्ट नहीं है, परंतु यह भारतीय संस्कृति में दूध को समृद्धि और पोषण का प्रतीक माने जाने के कारण बना होगा।

क्या “दूध की नदियां बहाना” का प्रयोग वर्तमान समय में भी होता है?

हां, यह मुहावरा अभी भी प्रचलित है और खासकर साहित्य और भाषण में इसका प्रयोग होता है।

“दूध की नदियां बहाना” और “अमीरी की बारिश” में क्या अंतर है?

“दूध की नदियां बहाना” समृद्धि के एक विशेष प्रकार को दर्शाता है, जबकि “अमीरी की बारिश” सामान्य रूप से धन-संपदा की प्रचुरता को दर्शाता है।

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