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दहलीज का कुत्ता अर्थ, प्रयोग(Dehleez ka kutta)

“दहलीज का कुत्ता” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है किसी ऐसे व्यक्ति या स्थिति की ओर संकेत करना जो न तो अंदर का होता है न ही बाहर का। यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां किसी व्यक्ति की स्थिति अनिश्चित या अस्पष्ट होती है।

परिचय: यह मुहावरा दहलीज, यानी घर के प्रवेश द्वार की चौखट, और कुत्ते की स्थिति को लेकर बना है। कुत्ता अक्सर दहलीज पर बैठा होता है, जो न तो पूरी तरह घर के अंदर होता है और न ही बाहर। इस प्रकार, यह उस स्थिति का प्रतीक है जहां व्यक्ति न तो किसी एक पक्ष में पूरी तरह से सम्मिलित होता है और न ही पूरी तरह से बाहर।

अर्थ: “दहलीज का कुत्ता” मुहावरे का अर्थ है किसी ऐसे व्यक्ति या स्थिति का वर्णन करना जो दो विपरीत स्थितियों या स्थानों के बीच में हो। यह उस व्यक्ति की स्थिति को दर्शाता है जो निर्णय नहीं ले पाता या अस्थिर स्थिति में होता है।

प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति की दोधारी स्थिति का वर्णन करना हो। उदाहरण के लिए, एक राजनीतिक चर्चा में यदि कोई व्यक्ति न तो स्पष्ट रूप से एक पक्ष का समर्थन करता है और न ही दूसरे का, तो उसे ‘दहलीज का कुत्ता’ कहा जा सकता है।

उदाहरण:

-> राजनीति में विनीत की स्थिति ‘दहलीज का कुत्ता’ जैसी है, न तो वह पूरी तरह से इस पार्टी के साथ है और न ही उस पार्टी के।

निष्कर्ष: यह मुहावरा उन लोगों की स्थिति को वर्णित करता है जो दो पक्षों के बीच फंसे होते हैं और किसी भी तरफ से पूरी तरह जुड़ नहीं पाते। यह हमें बताता है कि अस्पष्टता और अनिर्णय की स्थिति अक्सर किसी व्यक्ति को नकारात्मक प्रभाव में डाल सकती है।

Hindi Muhavare Quiz

दहलीज का कुत्ता मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक गाँव में अनुभव नाम का एक युवक रहता था। अनुभव बहुत ही सोच-विचार में पड़ जाने वाला व्यक्ति था। वह हर चीज़ में इतना अधिक सोचता कि अंत में कोई निर्णय ही नहीं ले पाता था।

एक दिन गाँव में एक बड़ा मेला लगा। अनुभव के पास दो विकल्प थे – या तो वह मेले में जाए या फिर अपने दोस्त के साथ बाहर घूमने जाए। अनुभव पूरे दिन इस बात पर सोचता रहा कि वह क्या करे। वह न तो मेले के लिए पूरी तरह से तैयार हुआ और न ही दोस्त के साथ बाहर जाने का फैसला कर पाया।

शाम हो गई, और अनुभव अभी भी अपने घर की दहलीज पर बैठा सोच रहा था। उसके दोस्त ने उसे देखा और कहा, “अनुभव, तुम तो ‘दहलीज का कुत्ता’ बन गए हो। न तो तुम मेले में गए और न ही मेरे साथ बाहर। तुम हमेशा बीच में ही फंसे रहते हो।”

अनुभव को तब जाकर एहसास हुआ कि उसकी इस दुविधा ने उसे निर्णय लेने की क्षमता से वंचित कर दिया था। उसने तय किया कि वह आगे से ऐसे नहीं रहेगा और हर परिस्थिति में एक स्पष्ट निर्णय लेगा।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि ‘दहलीज का कुत्ता’ बनने से व्यक्ति न केवल मौके खो देता है बल्कि अपने लिए अनिश्चितता और अस्थिरता भी पैदा करता है। इसलिए, स्पष्ट और दृढ़ निर्णय लेना महत्वपूर्ण होता है।

शायरी:

दहलीज पर खड़ा हूँ मैं, ना अंदर ना बाहर हूँ,

जिंदगी के फैसलों में, अधूरा एक सवाल हूँ।

ना यहाँ का, ना वहाँ का, बीच की राह पर ठहरा,

‘दहलीज का कुत्ता’ बना, हर राह में अकेला गहरा।

दोराहे पर खड़ा हर बार, निर्णय से कोसों दूर,

जिंदगी की इस भूल-भुलैया में, खोया हर दिन, हर घूर।

दहलीज पर बैठा ये दिल, न घर का न घाट का,

हर फैसले में उलझा, कहाँ मेरा ठिकाना, कहाँ मेरा साथ का।

इस जिंदगी की राह में, कदम बढ़ाना सीख लूँ,

‘दहलीज का कुत्ता’ ना बनूँ, अपनी मंजिल पहचान लूँ।

 

दहलीज का कुत्ता शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of दहलीज का कुत्ता – Dehleez ka kutta Idiom:

“Dehleez ka kutta” is a well-known Hindi idiom which refers to a person or situation that belongs neither inside nor outside. This idiom is often used in situations where a person’s position is uncertain or unclear.

Introduction: The idiom is derived from the ‘Dehleez’ (the entrance or the doorstep of a house) and the position of a dog. The dog often sits on the threshold, neither completely inside the house nor entirely outside. Thus, it symbolizes a situation where a person is not fully integrated into one side or completely out of it.

Meaning: “Dehleez ka kutta” describes a person or situation that is caught between two opposing conditions or places. It represents the state of a person who is unable to make a decision or is in an unstable condition.

Usage: This idiom is used to describe the dilemma of a person. For example, in a political discussion, if a person neither clearly supports one side nor the other, they can be referred to as ‘the dog at the threshold’.

Example:

-> In politics, Vineet’s position is like ‘Dehleez ka kutta’, neither fully with this party nor with that one.

Conclusion: The idiom describes the situation of those who are caught between two sides and are unable to fully connect with either. It tells us that ambiguity and indecision can often put a person in a negative light.

Story of ‌‌Dehleez ka kutta Idiom in English:

Once upon a time, in a village, there lived a young man named Anubhav. Anubhav was a person who would get deeply lost in thought. He would think so much about everything that he would end up not making any decision at all.

One day, a big fair was organized in the village. Anubhav had two options – either to go to the fair or to go out with his friend. He spent the whole day pondering over what to do. He neither got ready to go to the fair nor decided to go out with his friend.

As the evening approached, Anubhav was still sitting at the threshold of his house, thinking. His friend saw him and said, “Anubhav, you have become ‘Dehleez ka kutta’. Neither did you go to the fair nor did you come out with me. You always remain stuck in the middle.”

It was then that Anubhav realized that his indecisiveness had deprived him of the ability to make decisions. He decided that he would not continue to be like this and would make clear decisions in every situation.

This story teaches us that by being ‘Dehleez ka kutta’, a person not only loses opportunities but also creates uncertainty and instability for themselves. Therefore, it is important to make clear and firm decisions.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या ‘दहलीज का कुत्ता’ एक मुहावरा है?

हां, ‘दहलीज का कुत्ता’ एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है।

क्या ‘दहलीज का कुत्ता’ का इस्तेमाल वास्तविक कुत्ते से संबंधित है?

नहीं, ‘दहलीज का कुत्ता’ का इस्तेमाल किसी व्यक्ति की प्रशिक्षणात्मक या प्रारंभिक अवस्था को व्यक्त करने के लिए किया जाता है, जो किसी काम में प्रभावी या सफल होता है।

क्या है ‘दहलीज का कुत्ता’ का मतलब?

दहलीज का कुत्ता का मतलब होता है किसी काम के शुरुआती अवस्था में ही अच्छा परिणाम देने वाला व्यक्ति या उसका काम।

क्या इस मुहावरे का कोई अन्य रूप है?

‘दहलीज का कुत्ता’ का कोई अन्य विशेष रूप नहीं है।

क्या इस मुहावरे का कोई ऐतिहासिक संदर्भ है?

ऐतिहासिक तौर पर इसके पीछे कोई विशेष घटना या किसी व्यक्ति का जिक्र नहीं है। यह एक चर्चित मुहावरा है जो आम जीवन में उपयोग किया जाता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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