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दाल ना गलना, अर्थ, प्रयोग(Daal na galna)

हिंदी भाषा में अनेक मुहावरे हैं जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त करने में सहायक होते हैं। “दाल ना गलना” भी एक ऐसा मुहावरा है जिसे समझना आवश्यक है।

अर्थ: “दाल ना गलना” मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य में सफलता नहीं मिलना या किसी प्रक्रिया में विफलता होना।

उदाहरण:

-> राम ने बहुत प्रयास किया पर उसकी परीक्षा में फिर भी अच्छे अंक नहीं आए, उसकी दाल नहीं गली।

-> मोहन ने नई व्यापारिक योजना की शुरुआत की थी, पर अब तक उसकी दाल नहीं गली है।

प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की मेहनत रंग लाने में विफल रहती है या किसी योजना का परिणाम सकारात्मक नहीं होता, तब “दाल ना गलना” मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।

विवरण: इस मुहावरे में “दाल” और “गलना” दोनों शब्दों का प्रयोग अलग अर्थ में होता है, पर जब ये दोनों शब्द मिलकर एक मुहावरा बनते हैं, तो उनका अर्थ पूरी तरह बदल जाता है।

निष्कर्ष: “दाल ना गलना” मुहावरा हमें यह बताता है कि प्रयास के बावजूद कभी-कभी सफलता हाथ नहीं लगती। यह जीवन के सफलता और असफलता के क्षणों को दर्शाता है।

Hindi Muhavare Quiz

दाल ना गलना मुहावरा पर कहानी:

राजेश और सुरेश दो पड़ोसी थे। राजेश एक समझदार और समझौते पसंद करने वाला व्यक्ति था, जबकि सुरेश हमेशा अपनी जलन और द्वेष भावना में राजेश और उसके परिवार को बर्बाद करना चाहता था।

सुरेश का विचार था कि अगर वह राजेश के पास के लोगों और मित्रों से उसकी नफरत बढ़ा सके, तो राजेश का समर्थन घट जाएगा और वह उस पर पूरी तरह से प्रभुत्व प्राप्त कर सकेगा। उसने कुछ अफवाहें फैलाई, झूठे आरोप लगाए और राजेश के परिवार पर भी झूठे आरोप लगाए।

लेकिन सुरेश की ये कोशिशें पूरी तरह से सफल नहीं हो पाईं। जिन लोगों से उसने राजेश के खिलाफ अफवाहें फैलाई थी, उन्होंने समझा कि ये सब झूठ है और सुरेश की चालाकियों को समझ लिया। राजेश का समर्थन बढ़ गया और वह और भी मजबूत हो गया। सुरेश की दाल वहाँ नहीं गली। 

एक दिन गाँव की सभा में, जब सभी लोग सुरेश के झूठे आरोपों और अफवाहों की बात कर रहे थे, तब एक बुढ़ा आदमी ने कहा, “देखो, सुरेश की तो दाल ही नहीं गली।”

इस से सभी को समझ में आ गया कि सुरेश का प्रयास अधूरा रह गया और वह राजेश और उसके परिवार को हराने में असफल रहा।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि बिना पूरी तैयारी और सही जानकारी के, अगर हम किसी को हराने की कोशिश करते हैं, तो अधिकांश समय हम असफल होते हैं। ठीक जैसे सुरेश की दाल अच्छी से नहीं गली।

शायरी:

दाल जो न गली, जीवन में विरह की ठहराव,

अधूरे शब्दों में छुपी, किताब की अधूरी बात।

अधूरे सपनों की जो खूंटी में बांधी बातें,

उन्हें पूरा करने की राह में जीवन की राहतें।

 

दाल ना गलना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of दाल ना गलना- Daal na galna Idiom:

The Hindi language has many idioms that assist in expressing various aspects of life. “Daal na galna” is one such idiom that is essential to understand.

Meaning:  The idiom “Daal na galna” translates to not succeeding in a task or experiencing failure in a process.

Examples:

-> Despite Ram’s hard work, he didn’t score well in his exams; his efforts didn’t bear fruit (lit. his lentils didn’t cook). 

-> Mohan started a new business venture, but so far, it hasn’t been successful (lit. his lentils haven’t cooked).

Usage: When someone’s efforts don’t yield the desired results, or when a plan doesn’t lead to positive outcomes, the idiom “Daal na galna” is used. Explanation: In this idiom, the words “दाल” (lentil) and “गलना” (to cook) are used in a different context. But when combined to form this idiom, their meaning changes entirely.

Explanation:  The idiom “Daal na galna” teaches us that despite efforts, sometimes we don’t achieve success. It reflects the moments of success and failure in life.

Story of ‌‌Daal na galna in English:

Rajesh and Suresh were neighbours. Rajesh was a wise and compromising individual, whereas Suresh, driven by his jealousy and resentment, always wanted to ruin Rajesh and his family’s life. Suresh believed that if he could instigate hatred towards Rajesh among his close ones and friends, Rajesh’s support would diminish, giving him full dominance over Rajesh. 

He spread rumours, made false allegations against Rajesh, and even accused Rajesh’s family without a base. However, Suresh’s attempts didn’t succeed entirely. Those whom he tried to turn against Rajesh realised that the rumours were baseless and understood Suresh’s cunning tactics. Rajesh’s support grew stronger, solidifying his position. Suresh’s plan didn’t bear fruit. 

One day, during a village meeting where everyone discussed Suresh’s false accusations and rumours, an old man remarked, “Look, Suresh’s attempts didn’t succeed.” Everyone understood that Suresh’s endeavour fell short, and he failed to overpower Rajesh and his family.

This story teaches us that when we try to overpower someone without proper preparation and accurate knowledge, most of the time, we fail. Just as Suresh’s plan didn’t come to fruition.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या “दाल ना गलना” का प्रयोग किसी के प्रति अवमानना के संदर्भ में होता है?

नहीं, इस मुहावरे का प्रयोग समझाने और व्यक्त करने के संदर्भ में होता है, और यह किसी के प्रति अवमानना नहीं होता।

क्या “दाल ना गलना” का प्रयोग आधिकारिक भाषणों में होता है?

हाँ, इस मुहावरे का प्रयोग आधिकारिक भाषणों में भी हो सकता है, जब किसी कार्यक्रम में किसी काम की असफलता को व्यक्त करने की आवश्यकता होती है।

क्या “दाल ना गलना” का कोई विशेष इतिहास है?

नहीं, यह मुहावरा भाषा में किसी काम की असफलता को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है, और इसका कोई विशेष इतिहास नहीं है।

क्या “दाल ना गलना” का प्रयोग सामाजिक संदर्भों में होता है?

हाँ, यह मुहावरा सामाजिक संदर्भों में अक्सर प्रयुक्त होता है, जब किसी काम में सफलता नहीं मिलती और लोगों के सम्मान में कमी होती है।

क्या इस मुहावरे का प्रयोग साहित्य में होता है?

हाँ, इस मुहावरे का प्रयोग साहित्य में भी हो सकता है, जब किसी कहानी में किसी कार्य को पूरा नहीं किया जाता।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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