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बोलबाला होना मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Bolbala hona)

अर्थ: “बोलबाला होना” मुहावरा तब प्रयोग होता है जब किसी व्यक्ति, संगठन, या विचार की प्रमुखता, प्रभावितता या प्रतिष्ठा बढ़ जाए। इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से उस समय होता है जब कोई शक्तिशाली होता है या उसकी बातों का अधिक महत्व होता है।

वाक्य में प्रयोग:: “इस मुद्दे पर रामनाथ का बोलबाला है, उसकी राय सबसे अधिक मायने रखती है।”

उदाहरण: अगर किसी संगठन में, एक व्यक्ति की राय को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है और उसकी बातों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है, तो उसे ‘बोलबाला’ कह सकते हैं।

मौलिकता: इस मुहावरे का उपयोग वह स्थिति दर्शाने के लिए किया जाता है जब किसी की प्रतिष्ठा, प्रभाव, या अधिकार में वृद्धि होती है। “बोलबाला” शब्द से अभिप्रेत है कि किसी की बातों में विशेष शक्ति या प्रभाव है।

निष्कर्ष: “बोलबाला होना” मुहावरा उस स्थिति, व्यक्ति या विचार की प्रमुखता और प्रभावितता को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है जब वह अन्य सभी के ऊपर प्रभाव डालता है और उसकी बातों में विशेष महत्व होता है।

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बोलबाला होना मुहावरा पर कहानी:

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में दो दोस्त रहते थे, अर्जुन और विवेक। दोनों बहुत अच्छे मित्र थे और गाँव में प्रतिस्पर्धा में भी लगे हुए थे। अर्जुन बहुत ही शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तित्व का मालिक था, जबकि विवेक अधिक सोच-समझकर बोलने वाला था।

गाँव में एक दिन एक बड़ी समस्या आई। गाँव का एकमात्र कुआं सूख गया था और लोग पानी के लिए परेशान हो रहे थे। गाँव में सभा बुलाई गई ताकि इस समस्या का हल निकाला जा सके।

अर्जुन अपने प्रभावशाली ढंग से बोल पड़ा और सभी को सलाह दी कि नदी से पानी लाया जाए। वह इतना प्रभावशाली था कि बिना किसी और विचार या योजना के, लोग उसकी बात में आ गए और नदी की ओर बढ़ गए।

वहीं, विवेक ने सोचा कि यदि सभी लोग नदी से पानी लाने जाएंगे तो वहाँ भी पानी की कमी हो सकती है। विवेक ने गाँववालों को सलाह दी कि वे एक नई तालाब खोदें, ताकि भविष्य में ऐसी समस्या न हो।

लेकिन अर्जुन की बातों में ऐसा प्रभाव था कि विवेक की सलाह को अनदेखा किया जा रहा था। इसे ही गाँव में ‘बोलबाला’ होना कहते हैं, जब किसी की बातों का इतना अधिक महत्व होता है कि बाकी सभी विचार और सुझाव अनदेखे चले जाते हैं।

समय बीतता गया, और जब नदी का पानी भी सूखने लगा, तब गाँववालों ने समझा कि विवेक की सलाह में कितनी सत्यता थी। फिर भी, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि किसी की ‘बोलबाला’ होने का मतलब यह नहीं है कि वह हमेशा सही हो।

शायरी:

बोलबाला उसके बोलों का, सुना सभी ने उसकी ध्वनि।

जिसकी आवाज़ में हो राज, वही बने जहाँ की रानी।

फिर भी बोल में बस नहीं, सच्चाई की गहरी गूंज।

‘बोलबाला’ तो वक्ती है, जिसके दिल में हो सच की झूंज

 

बोलबाला होना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of बोलबाला होना – Bolbala hona Idiom:

Meaning: The idiom “Bolbala hona” is used when an individual, organization, or idea gains prominence, influence, or stature. Specifically, it refers to a situation where someone becomes dominant or their opinions carry significant weight.

Usage: “Ramanath holds sway on this issue; his opinion matters the most.”

Example: If in an organization, one individual’s opinion is given the utmost importance, and their words are highly regarded, that person can be described as having ‘Bolbala’.

Origin: This idiom is used to depict a situation where someone’s reputation, influence, or authority increases. The term “Bolbala” implies that someone’s words have a particular strength or influence.

Conclusion: The idiom “Bolbala hona” is used to illustrate the prominence and influence of a situation, person, or idea when it has an impact above all others and when their words hold special significance.

Story of Bolbala hona idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there were two friends, Arjun and Vivek. Both were close friends and also in competition in the village. Arjun was a powerful and influential personality, while Vivek was more thoughtful and measured in his speech.

One day, a significant problem arose in the village. The village’s only well had dried up, and the people were distressed about water. A meeting was convened in the village to find a solution to this issue.

Arjun, with his influential manner, began speaking and advised everyone to fetch water from the river. He was so persuasive that, without considering any other ideas or plans, people agreed with him and headed towards the river.

Meanwhile, Vivek thought that if everyone fetched water from the river, it too could run out. He suggested that the villagers dig a new pond to prevent such problems in the future.

However, Arjun’s words had such an impact that Vivek’s advice was being overlooked. This is what is known as ‘Bolbala’ in the village, when someone’s words carry so much weight that all other thoughts and suggestions are ignored.

As time passed, and when the river water also began to deplete, the villagers realized the truth in Vivek’s advice. Nevertheless, this story teaches us that just because someone has ‘dominance’ doesn’t mean they are always right.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का प्रयोग किस संदर्भ में किया जाता है?

यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति या विचारधारा बहुत प्रभावशाली या हावी हो।

“बोलबाला होना” मुहावरे का विपरीतार्थक शब्द क्या है?

इसका विपरीतार्थक हो सकता है “हाशिये पर होना” या “उपेक्षित होना”।

क्या इस मुहावरे का उपयोग केवल व्यक्तियों के लिए होता है?

नहीं, इसका उपयोग व्यक्तियों, विचारधाराओं, समूहों, या किसी भी ऐसी चीज़ के लिए हो सकता है जो प्रभावशाली हो।

“बोलबाला होना” मुहावरे की उत्पत्ति क्या है?

इस मुहावरे की विशेष उत्पत्ति का विवरण तो नहीं है, लेकिन यह शायद प्राचीन काल से प्रयोग में आ रहा है।

क्या “बोलबाला होना” का प्रयोग व्यंग्यात्मक रूप में भी हो सकता है?

हां, कभी-कभी व्यंग्यात्मक सन्दर्भ में भी इसका प्रयोग होता है।

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यह मुहावरा ब से शुरू होने वाले मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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